महामारी के बीच चीन निवेश करने में जुटा, 1 फीसदी से अधिक हुई HDFC में PBC की शेयरधारिता

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बीएसई (BSE) के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की अंतिम यानी मार्च तिमाही में चीन के केंद्रीय बैंक (PBC) की एचडीएफसी में हिस्सेदारी 1.75 करोड़ शेयरों की हो गई है। जबकि मार्च 2019 तक यह 0.8 % थी।

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार लगातार रोकथाम के लिए जरूरी उपाय कर रही है। ऐसे में एक तरफ वायरस ने देश की अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है तो दूसरी तरफ मंदी आने के आसार भी दिखाई देने लगे हैं। इसी बीच चीन के केंद्रीय बैंक ने आवास ऋण देने वाले एचडीएफसी लिमिटेड में मार्च तिमाही में एक प्रतिशत हिस्सेदारी बढ़ाई है। जिसके बाद खलबली सी मच गई है। इसी को देखते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट कर सरकार से अपील की कि ऐसी व्यवस्था की जाए कि कोई भी विदेशी कम्पनी भारत के किसी कॉरपोरेट का नियंत्रण अपने हाथ में न ले पाए।

विदेशी कम्पनियों को न मिले भारतीय कॉरपोरेट का नियंत्रण

कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच में रविवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने कहा कि आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट को कमजोर कर दिया है और उन्होंने सरकार से राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में किसी विदेशी कंपनी द्वारा देश के किसी कॉरपोरेट का नियंत्रण अपने हाथ में नहीं ले पाने को सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। 

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राहुल गांधी ने यह चिंता मीडिया में आई उन खबरों पर प्रकट की है, जिनमें कहा गया था कि विदेशी संस्थानों ने स्टॉक बाजार के गिरने के मद्देनजर भारतीय कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदी है। राहुल ने ट्वीट किया कि भीषण आर्थिक मंदी ने कई भारतीय कॉरपोरेट को कमजोर कर दिया है, उन्हें अधिग्रहण के लिये आसान निशाना बना दिया है। सरकार को राष्ट्रीय संकट की इस घड़ी में विदेशी कंपनियों को किसी भारतीय कंपनी का नियंत्रण अपने हाथों में लेने की इजाजत नहीं देनी चाहिए।’’

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चीन ने खरीदी 0.21 % की हिस्सेदारी

चीन द्वारा खरीदी गई हिस्सेदारी से घबराने की ज्यादा जरूरत नहीं है। क्योंकि 1.01 % की हिस्सेदारी चीन ने नहीं खरीदी है। बल्कि चीन के पास पहले से ही 0.80 % की हिस्सेदारी थी और वुहान शहर से फैले इस वायरस के बाद जरूर चीन ने 0.21 % की हिस्सेदारी खरीदी है। हां, यह सवाल जरूर खड़ा होता है कि जनवरी से लेकर मौजूदा समय के बीच में दुनियाभर में चीन इतना ज्यादा निवेश क्यों कर रहा है ?

बीएसई (BSE) के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष की अंतिम यानी मार्च तिमाही में चीन के केंद्रीय बैंक (PBC) की एचडीएफसी में हिस्सेदारी 1.75 करोड़ शेयरों की हो गई है। जबकि मार्च 2019 तक यह 0.8 % थी।

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जब हम बीएसई (BSE) की ऑफिसियल बेवसाइट को ध्यान से देखते हैं तो सामने आता है कि एचडीएफसी लिमिटेड की हिस्सेदारी चीन के अलावा कई सारी विदेशी कम्पनियों ने ले रखी है। इसमें गवर्नमेंट ऑफ सिंगापुर भी है। जिसने करीब 3.33 प्रतिशत की हिस्सेदारी ली हुई है। लेकिन जब हम चीन की बात करते हैं तो यह सवाल जरूर खड़ा हो जाता है कि क्या चीन इस समय का इंतजार कर रहा था जब दुनियाभर के शेयर डाउन हो जाएंगे ? इस सवाल पर ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि जब एक तरफ देश कोरोना जैसी महामारी से पार पाने में जुटा हुआ है तब चीन लगातार निवेश कर रहा है। इतना ही नहीं तेल के दामों में भी काफी गिरावट हुई है और इसको देखते हुए चीन ने भारी मात्रा में क्रूड ऑयल की खरीदारी कर चुका है।

भारत में निवेश की तलाश कर रहा चीन

कई सारी रिपोर्ट्स सामने आई हैं जिसमें दावा किया गया है कि चीन के प्रमुख बैंक भारत में निवेश की संभावनाएं तलाश रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चीन की कई सारी कम्पनियों ने भारतीय कम्पनियों में निवेश किया हुआ है।

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