‘कोष का लाभ उठा पूंजीगत खर्च बढ़ाकर देश की GDP बढ़ा सकते हैं केंद्रीय उपक्रम’
केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की कुल नेट-वर्थ (निवल संपत्ति) करीब 12 लाख करोड़ रुपये है। कुमार ने सार्वजनिक उपक्रमों को मौके पर उठकर सामने आने और आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देने का भी आह्वान किया।
नयी दिल्ली। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (सीपीएसई) कोष का लाभ उठा पूंजीगत खर्च तेज कर देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को दो से तीन प्रतिशत बढ़ा सकते हैं। सार्वजनिक उपक्रम चयन बोर्ड (पीईएसबी) के चेयरमैन राजीव कुमार ने यह टिप्पणी की। केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों की कुल नेट-वर्थ (निवल संपत्ति) करीब 12 लाख करोड़ रुपये है। कुमार ने सार्वजनिक उपक्रमों को मौके पर उठकर सामने आने और आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान देने का भी आह्वान किया।
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पीईएसबी चेयरमैन ने केंद्रीय उपक्रमों में निदेशक मंडल स्तर पर नियुक्तियों में पारदर्शिता को बढ़ावा देने व प्रतिभा की कमी को दूर करने के कई सुझाव भी दिये। पिछले पांच-छह साल में विविध कारणों से नया निवेश करने में निजी क्षेत्र हिचकिचाते रहे हैं। ऐसे में सार्वजनिक उपक्रमों ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में प्रमुख निवेश किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी पिछले महीने कहा था कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर उत्पन्न चुनौतियों से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये केंद्रीय उपक्रम वित्त वर्ष 2020-21 के लिये नियोजित पूंजीगत खर्च का 50 प्रतिशत अगले महीने तक हासिल कर लें।
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