भारतीय स्टार्टअप Rebel Foods की बल्ले-बल्ले, 175 मिलियन डॉलर जुटाकर यूनिकॉर्न क्लब में मारी बाजी
जानकारी के लिए बता दें कि, कंपनी के पास 45 से अधिक ब्रांड हैं, इसमें 10 साझेदारी कंपनी भारत, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, हांगकांग, फिलीपींस और बांग्लादेश में काम कर रहे हैं।
क्लाउड किचन चेन रिबेल फूड्स (Rebel Foods) जो Faasos और Behroz बिरयानी जैसे प्रमुख ब्रांडों का मालिक है, 175 मिलियन डॉलर जुटाने के बाद देश में नवीनतम यूनिकॉर्न बन गया है। अग्रेंजी अखबार TOI में छपी एक अखबार के मुताबिक,175 मिलियन डॉलर जुटाने के बाद रिबेल फूड्स की वैल्यू 1.4 अरब डॉलर हो गई है। इनमें निवेशकों Coatue और Evolvence ने भी पार्ट लिया।रिबेल फूड्स ने बयना जारी कर कहा कि फंडिंग का इस्तेमाल उसके अंतरराष्ट्रीय, प्रौद्योगिकी और ब्रांड अधिग्रहण को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए किया जाएगा।
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जानकारी के लिए बता दें कि, कंपनी के पास 45 से अधिक ब्रांड हैं, इसमें 10 साझेदारी कंपनी भारत, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, सिंगापुर, मलेशिया, थाईलैंड, हांगकांग, फिलीपींस और बांग्लादेश में काम कर रहे हैं।कंपनी के मुताबिक, यह यह 4,000 से अधिक इंटरनेट रेस्तरां चलाते है, और 10 से अधिक देशों में 60 से अधिक शहरों में वैश्विक स्तर पर 450+ रसोई संचालित करता है।रेबेल फूड्स ने कहा कि यह 150 डॉलर मिलियन की वार्षिक रन रेट बिक्री के साथ लाभप्रदता की ओर बढ़ रहा है, जो कि सालाना 100% बढ़ रहा है। कंपनी ने घोषणा की कि वह अगले 18-24 महीनों में आईपीओ लाने पर विचार कर रही है।
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रेबेल फूड्स के मुख्य रणनीति अधिकारी रवि गोलानी ने कहा कि, फूड-टेक स्पेस बेहतर निजीकरण की ओर विकसित हुआ है, जिसे रेबेल फूड्स अग्रणी बना रहा है। कंपनी के सीएफओ पीयूष कक्कड़ ने कहा कि ग्राहकों के अनुभव को बेहतर बनाने पर फोकस जारी रहेगा। फंडिंग के इस दौर को हमारी तकनीक के निर्माण, हमारी वैश्विक उपस्थिति बढ़ाने और नए ब्रांड हासिल करने में फिर से निवेश किया जाएगा। रिबेल फूड्स अगले 18-24 महीनों में आईपीओ लाने की दिशा में काम कर रहा है।हुरुन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने हाल ही में रेबेल फूड्स को यूनिकॉर्न का दर्जा हासिल करने वाले स्टार्टअप्स में से एक बताया था।
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