कॉरपोरेट जगत को सरकार की सौगात! टैक्स दरें कम और टैक्स आधार बढ़ाने का वादा
वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक जेटली ने कहा कि सरकार का जोर कर की दरों को कम करने, कर आधार को बढ़ाने और राजस्व संग्रह को बढ़ाने पर है।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को उद्योगों को भरोसा दिया कि सरकार राजस्व संग्रह बढ़ाने के लिए कर की दरों को कम करने और कर आधार (करदाताओं की संख्या) को बढ़ाने का प्रयास करेगी। जेटली ने उद्योग मंडल फिक्की के साथ बातचीत में उद्योगों से जीएसटी की घटी हुई दरों का लाभ ग्राहकों को देने को कहा। वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक जेटली ने कहा कि सरकार का जोर कर की दरों को कम करने, कर आधार को बढ़ाने और राजस्व संग्रह को बढ़ाने पर है। भविष्य में अप्रत्यक्ष कर संग्रह में वृद्धि होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी व्यवस्था अब पटरी पर है और यह तेजी से स्थिर हो रही है।
@ficci_india delegation led by President Mr Sandip Somany met Mr @arunjaitley, Minister of Finance & Corporate Affairs in his office in New Delhi & presented him #FICCI's agenda for growth & shared prosperity. pic.twitter.com/0HPQlh5iEx
— FICCI (@ficci_india) March 5, 2019
इसे भी पढ़ें: विपक्ष पर जेटली का पलटवार, कहा-राष्ट्रीय हित को पहुंचा रहे नुकसान
सरकार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर में सुधारों को जारी रखेगी ताकि देश में कारोबार करने की प्रक्रिया को तेजी से आसान बनाया जा सके। जेटली ने उद्योगपतियों से विभिन्न वस्तुओं की दरों में कमी के संबंध में जीएसटी परिषद की हालिया सिफारिशों का अनुपालन करने और उपभोक्ताओं को इसका लाभ पहुंचाने के लिए कहा है। उद्योग मंडल फिक्की के अध्यक्ष संदीप सोमानी ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि जेटली ने भरोसा दिलाया है कि राजस्व संग्रह में वृद्धि होने पर कॉरपोरेट कर की दर को कम करके 25 प्रतिशत किया जाएगा।
इसे भी पढ़ें: जवानों की शहादत का राजनीतिकरण करने का आरोप बेबुनियाद: भाजपा
वर्तमान में 250 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर 25 प्रतिशत है। इससे ज्यादा का कारोबार करने वाली कंपनियों पर 30 प्रतिशत का कर लगता है। सोमानी ने कहा, "वित्त मंत्री ने भरोसा दिया है कि समय के साथ जैसे - जैसे जीएसटी संग्रह बढ़ेगा तो वह आने वाले कुछ सालों में कॉरपोरेट क्षेत्र के लिए कर दर को तर्कसंगत बनाएंगे। अमेरिका द्वारा भारतीय उत्पादों को सामान्य तरजीही व्यवस्था (जीएसपी) के तहत मिली शुल्क छूट वापस लिये जाने के बारे में पूछे जाने पर सोमानी ने कहा कि इससे भारतीय उद्योग की प्रतिस्पर्धा कम होगी।
सोमानी ने कहा, "मुझे भरोसा है कि सरकार उचित कदम उठाएगी और भारत को मिली तरजीही छूट को वापस नहीं लिया जाना चाहिये। इसके लिए दोनों सरकारों को बातचीत करनी चाहिये। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और तुर्की को तरजीही व्यापार व्यवस्था के तहत दी गई छूट को समाप्त करने की मंशा जताई है। उन्होंने कहा है कि भारत और तुर्की अपने बाजारों तक ' बराबर एवं उचित पहुंच' प्रदान करने को लेकर अमेरिका को आश्वस्त करने में नाकाम रहे हैं।
अन्य न्यूज़