एयर इंडिया की यात्रियों से कमाई तीसरी तिमाही में 20 प्रतिशत बढ़ी
अधिकारी ने बताया कि उसके यात्रियों की संख्या भी इस अवधि में चार प्रतिशत बढ़कर 55.27 लाख रही जो पिछले साल समान अवधि में 53.28 लाख थी। अधिकारी ने कहा कि यह दिखाता है कि हमारे यात्रियों की संख्या भले ही चार प्रतिशत बढ़ी हो लेकिन हमारी प्रति किलोमीटर सीट उपलब्धता बहुत तेजी से बढ़ी है।
दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया के यात्रियों की संख्या महज चार फीसदी बढ़ी हो, लेकिन इसी दौरान यात्रियों से होने वाली उसकी आय में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। कंपनी के अधिकारियों के अनुसार विमानों के बेहतर उपयोग से आय में तेज वृद्धि संभव हो सकी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ विमान बेड़े का प्रभावी और समुचित उपयोग करने से यात्रियों से होने वाली आय 2018-19 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में बढ़कर 5,538 करोड़ रुपये रही है। जबकि 2017-18 की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 4,615 करोड़ रुपये था।’’
इसे भी पढ़ें- कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते सोना का भाव और गिरा, चांदी में भी आई गिरावट
अधिकारी ने बताया कि उसके यात्रियों की संख्या भी इस अवधि में चार प्रतिशत बढ़कर 55.27 लाख रही जो पिछले साल समान अवधि में 53.28 लाख थी। अधिकारी ने कहा कि यह दिखाता है कि हमारे यात्रियों की संख्या भले ही चार प्रतिशत बढ़ी हो लेकिन हमारी प्रति किलोमीटर सीट उपलब्धता बहुत तेजी से बढ़ी है। किसी कंपनी के लिए प्रति किलोमीटर सीट उपलब्धता का आशय एक विमान में यात्रियों को ले जाने की क्षमता और एक निश्चित अवधि में विमान द्वारा तय किलोमीटर दूरी के गुणनफल के बाराबर होती है। यह पैमान पूरी एक एयरलाइन के संबंध में इस्तेमाल किया जाता है।
इसे भी पढ़ें- नयी औद्योगिक नीति में देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला से जोड़ने पर रहेगा जोर: प्रभु
Loss-making @airindiain is estimated to have a debt burden of over Rs 48,000 crore#AirIndia https://t.co/i4dbWWVFWO
— Business Standard (@bsindia) January 12, 2019
अधिकारी ने कहा कि तीसरी तिमाही के दौरान कंपनी ने कुल 15 नयी उड़ाने शुरू कीं। एयर इंडिया के ऊपर करीब 48,000 करोड़ रुपये का ऋण है। पिछले साल मई में इसके विनिवेश का सरकारी प्रयास विफल रहा था। शुक्रवार को एयर इंडिया से जुड़ी चिंताओं पर नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि कंपनी की भविष्य की कमाई उसके भारी भरकम ऋण का निबटारा नहीं कर सकती और विरासत में मिली इस समस्या को कंपनी की वर्तमान चुनौतियों से अलग नहीं किया जा सकता है।
अन्य न्यूज़