एयर इंडिया में वित्तीय जान फूंकने के हरसंभव प्रयास जारी: CMD
निजीकरण को लेकर जारी चर्चाओं के बीच सरकारी विमानन सेवा के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अश्विनी लोहानी ने आज कहा कि कंपनी में वित्तीय जान फूंकने के लिये हरसंभव कदम उठाये जा रहे हैं।
इंदौर। कर्ज के लगभग 50,000 करोड़ रुपये के भारी बोझ से दबी एयर इण्डिया के निजीकरण को लेकर जारी चर्चाओं के बीच इस सरकारी विमानन सेवा के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) अश्विनी लोहानी ने आज कहा कि कंपनी में वित्तीय जान फूंकने के लिये हरसंभव कदम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि इन चर्चाओं से एयर इण्डिया की कोई भी विस्तार परियोजना प्रभावित नहीं हुई है। इंदौर के भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम-आई) के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये लोहानी ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हम वह सब कर रहे हैं, जो किसी संस्थान में वित्तीय जान डालने के लिए जरूरी है। हम देश-विदेश में नई उड़ानें शुरू करने जा रहे हैं और हमारी भर्ती प्रक्रिया जारी है, लेकिन समझने वाली बात यह है कि हमें विरासत में कर्ज का भारी बोझ और कमियां मिलीं हैं। इसके अलावा, दोनों सरकारी एयरलाइनों (एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस) के विलय से जुड़े भी कई मसले हैं।'
बहरहाल, उन्होंने एयर इंडिया के निजीकरण और टाटा समूह द्वारा इस सरकारी कम्पनी की हिस्सेदारी खरीदे जाने की संभावना को लेकर जारी चर्चाओं से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने से साफ इंकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'मैं एयर इंडिया के विनिवेश के मामले में कुछ भी टिप्पणी नहीं करूंगा। यह सरकार का विषय है, मेरा नहीं।' उन्होंने एक प्रश्न पर इस बात से साफ इंकार किया कि एयर इंडिया के निजीकरण की चर्चा शुरू होने के बाद इसकी विस्तार परियोजनाएं प्रभावित हो रही हैं। एयर इंडिया प्रमुख ने कहा, 'हमारी विस्तार परियोजनाओं में कहीं कोई रकावट नहीं है। आने वाले कुछ महीनों में चार बड़े जहाज और 25 छोटे जहाज हमारे बेड़े में शामिल होने वाले हैं। साल-दर-साल हमारी स्थिति संभल रही है। हमारे बारे में नकारात्मक खबरें छपनी भी कम हुई हैं। हम लगातार विस्तार कर रहे हैं।'
उन्होंने बताया कि आने वाले महीनों में एयर इंडिया दिल्ली से वाशिंगटन, स्टॉकहोम और कोपेनहेगेन के लिए उड़ानें शरू करेगी। इसके अलावा, भारत की यह सरकारी विमान कंपनी लॉस एंजिलिस और अफ्रीकी देशों के कुछ शहरों के लिए भी उड़ानें शुरू करना चाहती है। लोहानी ने एक सवाल पर कहा कि कर्मचारियों की कमी से एयर इंडिया की उड़ानों में देरी के मामले काफी कम हो गए हैं। उन्होंने बताया कि मानव संसाधन क्षमता बढ़ाने के लिए एयर इंडिया 300 से 400 पायलटों और 600 से 700 कैबिन क्रू की भर्ती की योजना पर आगे बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि फ्रांस की विमान निर्माता कंपनी एटीआर के 72-72 सीटों के 10 छोटे विमान एयर इंडिया के बेड़े में शामिल किये जाएंगे जिनका इस्तेमाल भारत के छोटे शहरों में क्षेत्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने में किया जाएगा। लोहानी ने यह भी बताया कि एयर इंडिया ने इंदौर से शारजाह के लिए उड़ान शुरू करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी माँगी है। यह मंजूरी मिलते ही दोनों शहरों के बीच विमान सेवा शुरू कर दी जायेगी, जो किसी भी कंपनी द्वारा मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी से संचालित पहली अंतरराष्ट्रीय उड़ान होगी। उन्होंने बताया कि एयर इंडिया नयी उड़ानों के जरिये इंदौर को अहमदाबाद और जयपुर से अगस्त-सितम्बर तक जोड़ने की योजना पर भी काम कर रही है।
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