''ज़िंदगी में सबसे जरूरी चीज़ है पैसा'', संघर्षों से भरी है एक्ट्रेस नीना गुप्ता की कहानी
अपनी इन्हीं कठिनाइयों के बारे में बात करते हुए नीना ने एक इंटरव्यू में बताया, मैं दिल्ली से मुंबई एक्ट्रेस बनने के लिये आई थी, लेकिन तब फ़िल्मों का दौर था और टेलीविज़न न के बराबर था।
फ़िल्म और टीवी इंड्रस्ट्री का जाना-माना चेहरा। एक्ट्रेस पिछले चार दशकों से अभिनय की दुनिया में अपनी एक्टिंग का प्रदर्शन करती आ रहीं हैं। प्रोफ़ेशनल लाइफ़ से लेकर पर्सनल लाइफ़ तक नीना ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उन्होंने ज़िंदगी को अपनी शर्तों पर जीना सही समझा। नीना गुप्ता को उनके मशहूर टीवी सीरियल सांस के लिये जाना जाता है, जिसमें उन्होंने प्रिया कपूर का किरदार निभाया था।
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हर सफ़ल इंसान को ज़िंदगी में कई बार बहुत सी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है, कुछ ऐसा ही नीना के साथ भी है। कई ऐसे मौके आए, जब उन्हें बहुत से कठिन रास्तों से गुजरना पड़ा। अपनी इन्हीं कठिनाइयों के बारे में बात करते हुए नीना ने एक इंटरव्यू में बताया, मैं दिल्ली से मुंबई एक्ट्रेस बनने के लिये आई थी, लेकिन तब फ़िल्मों का दौर था और टेलीविज़न न के बराबर। मेरी ख़्वाहिश भी फ़िल्मों में ही काम करने की थी, पर मुझे कोई रोल नहीं दिया गया। इसके बाद मैंने छोटे पर्दे पर काम करने का निर्णय लिया, जहां मुझे तरह-तरह के रोल्स, पैसा और पहचान मिली।
59 वर्षीय नीना कहती हैं कि कॅरियर की शुरुआत में मुझे बेहद बेकार और छोटे किरदार ऑफ़र किये गये। इसलिये आज मेरी जितनी भी फ़ैन फ़ॉलोविंग है, वो सब टीवी पर किये गये रोल्स की बदलौत है। वहीं जब इस दौरान नीना से ये पूछा गया कि क्या बढ़ती उम्र के साथ टीवी और फ़िल्मों में महिलाओं को रोल मिलने में दिक्कत होती है, तो उनका जवाब था हां बिल्कुल होती है।
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वहीं रियल लाइफ़ में नीना मां के किरदार को सबसे कठिन किरदार मानती हैं। नीना बताती हैं कि एक समय ऐसा था, जब मेरी ज़िंदगी में सिर्फ़ कठिनाइयां थी और ऐसे में मुझे एहसास हुआ कि ज़िंदगी में पैसा ही सब कुछ है। ऐसे वक़्त में न तो मेरे पति ने मेरा साथ दिया और न ही किसी रिश्तेदार ने। इस समय अगर कोई मेरे साथ था, तो वो है मेरी बेटी। नीना कहती हैं उनकी बेटी मसाबा से उन्हें बहुत हिम्मत मिली। वो बहुत अच्छी है, उसने मुझे मातृत्व की ख़ुशी दी। मसाबा की वजह से ही मुझे आगे बढ़ने की हिम्मत मिली और आज मैं जो कुछ भी हूं, उसमें उसका बहुत बड़ा योगदान है।
- आकांक्षा तिवारी
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