मैं लड़ेगा रिव्यू : आकाश प्रताप सिंह के मजबूत कंधो पर खड़ी एक मर्मस्पर्शी कहानी

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Newshelpline । Apr 26 2024 2:28PM

आकाश प्रताप सिंह ने फिल्म में आकाश की भूमिका निभाते हुए शानदार काम किया है। उन्होंने अपने किरदार के इमोशंस और संघर्षों को, दर्द से लेकर सफलता मिलने तक के सफर को बहुत खूबसूरती से पेश किया है, और यही वह चीज है जो फिल्म को रियल टच दे रही है।

फिल्म – मैं लड़ेगा 

डायरेक्टर - गौरव राणा 

कास्ट – आकाश प्रताप सिंह, गंधर्व दीवान, ज्योति गौबा, अश्वथ भट्ट, वल्लरी विराज

रेटिंग-  4 स्टार्स 

ड्यूरेशन – 2 घंटा 28 मिनट 

"मैं लड़ेगा" एक मर्मस्पर्शी और जानदार फिल्म है, जो हमें दिखाती है कि मुश्किलों से लड़ना और हारना और फिर खड़े होकर उसका सामना करना ही जिंदगी है। फिल्म के हीरो आकाश प्रताप सिंह की एक्टिंग ने इस कहानी को और भी गहराई और इमोशनल बनाया है, जो हर दर्शक के दिल को छू लेती है। यह फिल्म एक बहुत अच्छे सामाजिक  संदेश के साथ एक प्रेरणादायक कहानी बताती है। तो चलिए आपको बताते हैं क्या है यह कहानी और क्यों है यह खास।

इस फिल्म के अहम किरदार का नाम है आकाश (आकाश प्रताप सिंह)। आकाश एक बेहद आम परिवार से आने वाला आम लड़का है, जिसकी जिंदगी की परेशानियां कभी कम नहीं होती। दरअसल, उसकी जिंदगी की सभी बड़ी परेशानी उसके पिता हैं। आकाश के पिता को शराब पीने की आदत होती है, इतना ही नहीं वह घर में झगड़ा करते हैं और उससे भी मन नहीं भरता तो मारते भी हैं।

इन सभी चीजों से परेशान आकाश की मां उसे और उसके छोटे भाई को लेकर अपने पिता के घर एक दिन चली जाती है। इन सब के बीच आकाश की पढ़ाई न खराब हो इसलिए उसकी मां और नाना उसे आर्मी हॉस्टल भेजने का फैसला करते हैं। आकाश मां को छोड़कर जाना नहीं चाहता लेकिन आखिर में उसे मां की बात माननी ही पड़ती है।

एक तरफ मां को लगता है कि हॉस्टल में भेजने से आकाश को एक सुरक्षित जगह पर रहने के लिए मिल गया है, साथ ही वह स्कूल और अपनी आगे की पढ़ाई पर ध्यान दे सकेगा। हॉस्टल में रहते समय आकाश को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन एक क्लासमेट की मदद से उसका हौसला बढ़ता है और वह मुश्किलों का सामना करता है। हॉस्टल से भागने वाला आकाश अब कुछ करना चाहता है।

अपने परिवार खास कर अपनी मां को सहारा देने के लिए और अपनी मजबूत इच्छाशक्ति के साथ, आकाश हॉस्टल में होने वाले बॉक्सिंग कंपटीशन में भाग लेने का फैसला करता है। हालांकि, उसे बॉक्सिंग सिखाने वाला कोई नहीं मिलता और जो मिलता है वो उसे सिखाना नहीं चाहता। दरअसल, उसी के क्लास में मौजूद गुरपाल कई साल से बॉक्सिंग का वो खिताब अपने नाम करने की कोशिश कर रहा होता है, लेकिन उसे कभी कामयाबी नहीं मिलती। हालांकि, गुरपाल बाद में मान जाता है और इस तरह से आकाश अपने बड़े लक्ष्य की ओर बढ़ता है।

आकाश प्रताप सिंह ने फिल्म में आकाश की भूमिका निभाते हुए शानदार काम किया है। उन्होंने अपने किरदार के इमोशंस और संघर्षों को, दर्द से लेकर सफलता मिलने तक के सफर को बहुत खूबसूरती से पेश किया है, और यही वह चीज है जो फिल्म को रियल टच दे रही है। कहा जाए तो उनकी एक्टिंग फिल्म की मजबूत कड़ी है और इसने ही इसे इतना शक्तिशाली बनाया है। उनके किरदार से हमें देखने मिलता है कि चाहे कुछ भी हो जाए, हम आगे बढ़ते रहना चाहिए। एक मुश्किल पारिवारिक स्थिति से जूझ रहे बच्चे का उनका किरदार असल में दिल को छू लेने वाला है। 

आकाश प्रताप सिंह ने फिल्म में अपनी भूमिका को निभाते हुए शानदार एक्टिंग का परिचय दिया है। उन्होंने अपनी एक्टिंग से अपने किरदार के भावनाओं और संघर्षों को बहुत ही खूबसूरती से पेश किया है, जो दर्शकों को रेलिटेबल लगता हैं, उनकी अपने किरदार के प्रति सच्चाई फिल्म को एक नई ऊंचाई पर ले जाता है, और दर्शकों को एक असली कहानी और मजबूत संदेश देती हैं, 

दूसरे एक्टर्स की बात करें तो, गंधर्व दीवान, वल्लरी विराज और अश्वथ भट्ट ने बेहतरीन काम किया है। उन्होंने कहानी को रियल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है, साथ अपनी एक्टिंग का दम दिखाया है। आकाश प्रताप सिंह ने फिल्म में एक्टिंग ही नहीं की है, बल्कि इस फिल्म की कहानी, और डायलॉग भी लिखे है और यह वाकई में बहुत ही शानदार हैं. इसमें इमोशन, ड्रामा और रियलिटी का बेहतरीन मिक्चर है। उनकी राइटिंग किरदारों में गहराई तक उतरती है, जिससे कहानी से जुड़ना आसान हो जाता है। गौरव राणा ने "मैं लड़ेगा" का डायरेक्शन बहुत बढ़िया किया है। 

"मैं लडेगा" का म्यूजिक बहुत अलग सा हैं, फिल्म में हर मूड के लिए एक शानदार गाना हैं, फिल्म का म्यूजिक कमाल का है, साथ ही कैमरा वर्क भी बहुत बढ़िया है, जिसमें मुश्किल बॉक्सिंग सीन और आकाश के सामने आने वाली मुश्किलों को खूबसूरत तरीके से दिखाया गया है।

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