Happy Birthday, Nana Patekar: दो वक्त की रोटी कमाने के लिए पेंट करते थे फिल्म के पोस्टर्स, आज तक फेमस है नाना का यह डायलॉग
नाना की लाइफ के ऐसी कई बातें है जो शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा। अपना बचपन गरीबी से बिताने वाले नाना ने केवल 13 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। स्कूल के बाद नाना 8 किलोमीटर की चढ़ाई कर चूना भट्टी में काम करने जाते थे।
विश्वनाथ पाटेकर, जिन्हें नाना पाटेकर के नाम से जाना जाता है का आज जन्मदिन है। अपने दमदार और बेहतरीन एक्टिंग से सबका दिल जीतने वाले नाना पाटेकर का जन्म 1 जनवरी 1951 को हुआ था। नाना के फिल्मों के डायलॉग आज भी लोगों के जुबान पर रहते है। पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित नाना बॉलीवुड के सबसे बेहतरीन एक्टर में से एक हैं। वह पर्दे पर अपने प्रदर्शन से दर्शकों का दिल जीतने में कभी भी असफल नहीं हुए।
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वह एकमात्र ऐसे एक्टर हैं जिन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता, सर्वश्रेष्ठ सहायक भूमिका और सर्वश्रेष्ठ खलनायक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार मिला है। नाना की लाइफ के ऐसी कई बातें है जो शायद बहुत ही कम लोगों को पता होगा। अपना बचपन गरीबी से बिताने वाले नाना ने केवल 13 साल की उम्र में ही काम करना शुरू कर दिया था। स्कूल के बाद नाना 8 किलोमीटर की चढ़ाई कर चूना भट्टी में काम करने जाते थे। इसके अलावा वह फिल्म के पोस्टर्स तक पेंट करते थे।
आज अभिनेता 71 वर्ष के हो गए है तो आइये हम आपको नाना पाटेकरकी कुछ बेहतरीन फिल्मों के बारे में बताते है:
अपहरण
2005 की फिल्म में अजय देवगन, बिपाशा बसु और नाना ने मुख्य भूमिका निभाई थी। नाना ने तबरेज़ आलम की नेगटिव रोल किया था। इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर और आईफा अवॉर्ड भी मिले थे।
क्रांतिवीर
फिल्म 1994 में रिलीज़ हुई फिल्म क्रांतिवीर में नाना और डिंपल कपाड़िया ने अभिनय किया था। मेहुल कुमार द्वारा निर्देशित, यह फिल्म एक रोमांस ड्रामा थी। नाना को1995 और 1994 में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए फिल्मफेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
अंगारी
एक एक्शन से भरपूर क्राइम थ्रिलर, अंगार, 1992 में रिलीज़ हुई और इसमें नाना के साथ कादर खान, डिंपल और जैकी श्रॉफ ने अभिनय किया। अभिनेता ने खलनायक की भूमिका निभाई और 1993 में सर्वश्रेष्ठ खलनायक के लिए एक और फिल्मफेयर जीता।
परिंदा
इस फिल्म से ही उस डायलॉग का जन्म हुआ, जिसका उपयोग कई लोग आज तक करते है, 'अच्छा है ... बहुत अच्छा है।' परिंदा 1989 में रिलीज़ हुई थी और इसमें अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित सहित कई सितारे थे। इस फिल्म का निर्देशन विधु विनोद चोपड़ा ने किया था। नाना ने फिल्म के लिए 1990 और 1989 में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का फिल्मफेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
अग्नि साक्षी
1996 में रिलीज़ हुई, अग्नि साक्षी को 1991 की थ्रिलर, स्लीपिंग विद द एनिमी के सर्वश्रेष्ठ रीमेक में से एक माना जाता है। फिल्म में मनीषा कोइराला, दिव्या दत्ता और जैकी भी हैं। नाना ने 1996 में इस फिल्म के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता।
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