फ्रिक्शनल थेरेपी क्या है, यह कैसे आपकी खूबसूरती बरकरार रखता है?
फ्रिक्शनल थेरेपी में एक रोलर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें कई छोटे नीडल्स लगे होते हैं। इन नील्डस के जरिए त्वचा में कई तरह के सीरम पहुंचाए जाते हैं, जो स्किन को टाइट करते हैं और रिंकल्स, पिंपल्स और दाग-धब्बे को दूर करते हैं। यह थेरेपी सिर्फ 2 घंटे में पूरी हो जाती है।
जवां और खूबसूरत त्वचा पाने के लिए हर महिला न जाने कितने जतन करती हैं। महंगे ब्यूटी प्रोडक्ट्स से लेकर घरेलू उपाय तक सब कुछ आजमाती है, लेकिन हर बार मनचाहा नतीजा नहीं मिलता। ऐसे में वह कई तरह के ब्यूटी ट्रीटमेंट्स की मदद लेती हैं, इन्हीं में से एक है फ्रिक्शनल थेरेपी।
फ्रिक्शनल थेरेपी से स्किन समस्याओं से छुटकारा
ब्यूटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह थेरेपी खासतौर पर युवाओं के बीच पॉप्युलर हैं। जो लोग चेहरे पर बढ़ती उम्र के निशां नहीं चाहते, वह लोग यह थेरेपी करवाते हैं। इस थेरेपी में सूर्य की यूवी किरणों से होने वाले स्किन डैमेज का असर त्वचा से हटाता है। इस थेरेपी की मदद से पिंपल्स, डार्क सर्कल, टॉक्सिन्स, वायरस आदि के असर से त्वचा को सुरक्षित रखता है।
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फ्रिक्शनल थेरेपी में क्या होता है?
इस थेरेपी में एक रोलर का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें कई छोटे नीडल्स लगे होते हैं। इन नील्डस के जरिए त्वचा में कई तरह के सीरम पहुंचाए जाते हैं, जो स्किन को टाइट करते हैं और रिंकल्स, पिंपल्स और दाग-धब्बे को दूर करते हैं। यह थेरेपी सिर्फ 2 घंटे में पूरी हो जाती है।
फ्रिक्शनल थेरेपी की प्रक्रिया
इस थेरेपी में लेजर लाइट के इस्तेमाल से पिंपल्स और बढ़ती उम्र के निशां बढ़ाने वाले सेल्स को घटाकर ब्लड सर्कुलेशन को सामान्य किया जाता है। इस थेरेपी के बाद नए सेल्स बनते हैं जिससे त्वचा से दाग-धब्बे दूर होते हैं, स्किन टाइट होती है और जवां नज़र आती है। इस थेरेपी के बाद त्वचा को सामान्य होने में 3 से 5 दिन का समय लगता है। कुछ लोगों की त्वचा इस दौरान अत्यधिक ड्राई हो जाती है और हल्की सूजन भी आ जाती है। थेरेपी के बाद एक हफ्ते में त्वचा पर इसका असर दिखने लगता है। हालांकि पूरा असर दिखने में 6 महीने का समय लगता है।
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फ्रिक्शनल थेरेपी की खास बातें
- छोटे-छोटे इंजेक्शन के जरिए त्वचा की मांसपेशियों में लेजर व सीरम भेजा जाता है।
- इस थेरेपी के कारण झुर्रिंयां पैदा करने वाली नर्व ब्लॉक हो जाती है।
- थेरेपी से स्किन के दाग-धब्बे दूर होते हैं और त्वचा में नया निखार आता है।
- सन टैन, पिंपल्स और एजिंग साइन इस थेरेपी से दूर होते हैं।
थेरेपी प्रोसेस पूरे होने के बाद स्किन नॉर्मल होने में 3 से 5 दिन का टाइम लगता है। कुछ लोगों की स्किन में इस दौरान ड्राईनेस आ जाती है और साथ ही हल्की स्वेलिंग भी हो सकती है। कॉस्मेटॉलजिस्ट डॉ. निखिल कहते हैं, 'यह थेरेपी फेस की डेड मसल्स को रिमूव करके स्किन को शाइनी और यंग बनाती है। इसका असर एक हफ्ते में ही दिखना शुरू हो जाता है। हालांकि टोटल इफेक्ट आने में करीब छह महीने तक लग जाते हैं।'
- कंचन सिंह
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