Masik Shivratri 2025: मासिक शिवरात्रि पर शिव रामाष्टक स्त्रोत का पाठ करने से पूरी होगी मनोकामना, दुख-कष्ट से मिलेगी मुक्ति

अगर आप किसी कार्य को सिद्ध करना चाहते हैं, तो मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन व्यक्ति के भाग्योदय हो सकता है। इस दिन शिव रामाष्टक स्त्रोत का पाठ करने का विशेष महत्व है।
हिंदू धर्म में मासिक शिवपात्रि का व्रत बेहद सौभाग्यशाली माना गया है। हिंदू पंचांग के मुताबिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि का व्रत पड़ता है। भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा विधि-विधान से की जाती है। बताया जाता है कि अगर आप किसी कार्य को सिद्ध करना चाहते हैं, तो मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है।
इस दिन व्यक्ति के भाग्योदय हो सकता है। इस दिन शिव रामाष्टक स्त्रोत का पाठ करने का विशेष महत्व है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि शिव रामाष्टक स्त्रोत का पाठ करने से क्या लाभ होता है।
इसे भी पढ़ें: Somvar Vrat Niyam: सोमवार व्रत शुरू करने से पहले जान लें ये नियम, ऐसे करें भगवान शिव की पूजा
शिव रामाष्टक स्तोत्र का पाठ
शिव हरे शिव राम सखे प्रभो त्रिविधतापनिवारण हे विभो ।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।1।।
कमललोचन राम दयानिधे हरगुरो गजररक्षक गोपते ।
शिवतनो भव शंकर पाहि मां शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।2।।
सुजनरञ्जन मंगलमन्दिरं भजति ते पुरुष: परमं पदम् ।
भवति तस्य सुखं परमद्भुतं शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।3।।
जय युधिष्ठिरवल्लभ भूपते जय जयार्जितपुण्यपयोनिधे ।
जय कृपामय कृष्ण नमोऽस्तु ते शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।4।।
भवविमोचन माधव मापते सुकविमानसहंस शिवारते ।
जनकजारत राघव रक्ष मां शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।5।।
अवनिमण्डलमंगल मापते जलदसुंदर राम रमापते ।
निगमकीर्तिगुणार्णव गोपते शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।6।।
पतितपावन नाममयी लता तवयशो विमलं परिगीयते ।
तदपि माधव मां किमुपेक्षसे शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।7।।
अमरतापरदेव रमापते विजयतस्तव नामधनोपमा ।
मयि कथं करुणार्णव जायते शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।8।।
हनुमत: प्रिय चापकर प्रभो सुरसरिद्धृतशेखर हे गुरो ।
मम विभो किमु विस्मरणं कृतं शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।9।।
अहरहर्जनरञ्जनसुन्दरं पठति य: शिवरामकृतं स्तवम् ।
विशति रामरमाचरणाम्बुजे शिव हरे विजयं कुरु मे वरम् ।।10।।
प्रातरुत्थाय यो भक्त्या पठेदेकाग्रमानस: ।
विजयो जायते तस्य विष्णुमाराध्यमाप्नुयात् ।।11।।
महत्व
शिव रामाष्टक स्त्रोत का पाठ करने से जातक के सभी पाप नष्ट होते हैं। व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं इस स्त्रोत का पाठ करने से व्यक्ति को कीर्ति, यश और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है और जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिल जाती है। शिव रामाष्टक स्त्रोत का पाठ करने से शत्रुओं का नाश करने वाला माना जाता है। इसलिए अगर आप इस स्त्रोत का नियमित पाठ करते हैं, तो जातक को इसके उत्तम परिणाम प्राप्त होते हैं।
अन्य न्यूज़