Kashi Vishwanath Mandir: काशी विश्वनाथ मंदिर में रोजाना की जाती है भोग आरती, जानिए इसका धार्मिक महत्व

Kashi Vishwanath Mandir
Creative Commons licenses/Wikimedia Commons

वैसे तो हमारे देश में भगवान शिव के तमाम मंदिर हैं। जिनकी अपनी विशेषता है। लेकिन क्या आपको पता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती का बड़ा महत्व होता है। काशी विश्वनाथ मंदिर में की जाने वाली भोग आरती में तमाम श्रद्धालु शामिल होते हैं।

हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है। साथ ही महादेव की कृपा पाने के लिए सोमवार का व्रत रखा जाता है। सोमवार के व्रत की महिमा शिव पुराण में वर्णित है। सोमवार व्रत के पुण्य प्रभाव से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है और जातक के सुख-सौभाग्य में भी वृद्धि होती है। सोमवार व्रत से मानसिक तनाव से मुक्ति मिलती है। वहीं कुंडली में चंद्रमा मजबूत करने के लिए भी जातक को महादेव की पूजा करने की सलाह दी जाती है। भगवान शिव की शरण में रहने से व्यक्ति को सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है। वहीं जो भी जातक सच्चे मन और श्रद्धा भाव से भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं, उनको हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।

वैसे तो हमारे देश में भगवान शिव के तमाम मंदिर हैं। जिनकी अपनी विशेषता है। लेकिन क्या आपको पता है कि काशी विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती का बड़ा महत्व होता है। काशी विश्वनाथ मंदिर में की जाने वाली भोग आरती में तमाम श्रद्धालु शामिल होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि काशी विश्वनाथ मंदिर में भोग आरती कब की जाती है।

इसे भी पढ़ें: Gyan Ganga: भगवान शंकर की कौन-सी बात सुनकर नंदी बाबा के आंखों में अश्रु आ गये थे

काशी विश्वनाथ मंदिर

वाराणशी का काशी विश्वनाथ मंदिर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। काशी नगरी को महादेव की नगरी कहा जाता है। इस मंदिर का इतिहास सदियों पुराना है। वहीं दैवीय काल में भगवान शिव का निवास स्थान काशी में रहा था। गंगा नदी के तट पर बसा यह शहर अपनी आध्यात्मिकता और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। वहीं बड़ी संख्या में भक्त देश-विदेश से दर्शन के लिए काशी पहुंचते हैं।

धार्मिक मान्यता है कि काशी स्थित विश्वनाथ मंदिर में महादेव के दर्शन मात्र से व्यक्ति की हर मनोकामना पूरी होती है। इससे जातक के सभी प्रकार के संकट, दुख, भय, रोग और दोष आदि दूर हो जाते हैं। रोजाना काशी विश्वनाथ मंदिर में सप्तर्षि और मंगला आरती की जाती है। इसके अलावा मंदिर में भोग आरती का भी आयोजन किया जाता है।

जानिए कब होती है भोग आरती

बता दें कि काशी विश्वनाथ मंदिर में रोजाना भोग आरती रात में 09:00 बजे से लेकर 10:15 मिनट तक की जाती है। मंदिर में चार बार आरती की जाती है। वहीं अंतिम आरती भोग आरती होती है। भोग आरती में महादेव को भोग यानी प्रसाद भेंट किया जाता है। वहीं मां पार्वती को अन्नपूर्णा भी कहा जाता है। मां अन्नपूर्णा और भगवान शिव की पूजा करने से जातक को जीवन में कभी अन्न-धन की कमी नहीं रहती है। व्यक्ति को सभी तरह के सुखों की प्राप्ति होती है। भोग आरती में शामिल होने के लिए भक्तजनों रात 08:30 मिनट तक प्रवेश की अनुमति होती है। वहीं 12 साल तक के बच्चों की एंट्री फ्री है।

भोग आरती

देवों के देव महादेव अपने भक्तों के सारे दुख हर लेते हैं और उनकी महिमा निराली है। वह अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाते हैं और उनकी कृपा से सभी मनोरथ सिद्ध हो जाते हैं। महादेव की पूजा करने से जातक के जीवन में सुखों का आगमन होता है और बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से सभी दुख दूर हो जाते हैं। इसलिए बड़ी संख्या में भक्त भोग आरती में शामिल होते हैं।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़