By रेनू तिवारी | Oct 05, 2022
महाराष्ट्र | शिवसेना के दो धड़े- उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में- विजय दशमी के दिन मुंबई में दशहरा रैलियों को संबोधित किया गया। महाराष्ट्र में शिवसेना के दो धड़ हो चुके हैं और दोनों के बीच असली शिवसेना कौन है, उसकी लड़ाई चल रही हैं। दशहरे के दिन शिवसेना लंबे समय से रैली करती आ रही हैं। इस रैली में शिवसेना प्रमुख द्वारा तमाम मुद्दों पर बात की जाती हैं। साल 2022 में लेकिन हालात पहले जैसे नहीं हैं। इस बार हालात अलग हैं। शिवसेना की शान कहा जाने वाला शिवाजी पार्क का दशहरा रैली उत्सव को काफी संघर्षों से गुजरा। कौन का गुट शिवाजी पार्क में रैली करके का इसके लिए काफी कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। लंबे संघर्ष के बाद उद्धव ठाकरे को शिवाजी पार्क में रैली करने की इजाजत मिली। शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे ने मुंबई के दादर के शिवाजी पार्क में दशहरा रैली की। उद्धव ठाकरे ने दशहरा रैली के दौरान असली शिवसेना होने का दावा पेश करते हुए बालासाहेब ठाकरे की तस्वीर वाले पोस्टर लगाए और बैनर में लिखा था, 'शिवसेना को बीजेपी का गुलाम नहीं बनने दूंगा'।
उद्धव ठाकरे ने अपने रैली के संबोधन के दौरान एक नात शिंदो और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। शिवाजी पार्क में दशहरा रैली में उद्धव ठाकरे ने कहा भाजपा ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा और उसे सबक सिखाने के लिए मैंने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया। उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को गरीबी जैसे मुद्दे पर ‘‘आईना’’ दिखाने के लिए आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले को बधाई दी।
उद्धव ठाकरे ने कहा हमारी वार्षिक परंपरा के अनुसार, 'रावण दहन' समारोह होगा, लेकिन इस वर्ष का रावण अलग है। समय के साथ रावण भी बदल जाता है... वह अब तक 10 सिर वाला हुआ करता था... उसके पास अब कितने सिर हैं? वह 50 गुना अधिक विश्वासघात कर रहे हैं। उद्धव ठाकरे ने कहा मुझे केवल एक ही बात बुरी और गुस्सा आती है कि जब मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो जिन लोगों को मैंने (राज्य की) जिम्मेदारी दी, वे कटप्पा बन गए और हमें धोखा दिया... वे मुझे काट रहे थे और सोच रहे थे कि मैं अस्पताल से कभी नहीं लौटूंगा करूंगा।