By अभिनय आकाश | Aug 05, 2023
इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान में चर्चा जोरो पर है। इमरान खान को तोशखाना मामले में दोषी करार दिया गया है। इस्लामाबाद की जिला एवं सत्र अदालत ने इमरान खान को तीन साल की सजा सुनाई। इस सजा के खिलाफ इमरान खान के पास ऊपरी अदालतों में अपील का मौका है। इमरान खान के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं। तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद ट्रायल कोर्ट के जज ने पूर्व पीएम के खिलाफ गिरफ्तारी वांरट जारी किया। इस आदेश के बाद इमरान खान के जमान पार्क वाले घर से उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। ऐसे में आपको बताते हैं कि आखिर ये तोशखाना मामला है क्या? इमरान खान इस मामले में कैसे फंसे हैं।
क्या है तोशाखाना केस
तोशखाना एक भंडार जहां विदेशी अधिकारियों से सरकारी अधिकारियों को दिए गए उपहार रखे जाते हैं। इसकी स्थापना 1974 में हुई थी। अधिकारियों को इस बात का ऐलान करना जरूरी होता है कि उन्हें कौन-कौन से गिफ्ट मिले हैं। सिर्फ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को ही ये अधिकार है कि वो 30 हजार पाकिस्तानी रुपयों से कम के गिफ्ट अपने पास रख सकते हैं। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति महंगे गिफ्ट के बदले एक तय रकम चुकाकर उन्हें अपने पास रख सकते हैं।
इमरान खान पर क्या हैं आरोप?
इमरान पर आरोप है कि उन्होंने अपने प्रधानमंत्री के कार्यकाल में विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को तोशाखाना (कोपागार) से सस्ते दामों में लेकर उन्हें महंगी कीमत पर बेचा। इमरान ने इसकी जानकारी भी चुनाव के दौरान संपत्ति की घोषणा में भी नहीं दी। गिफ्ट 2.15 करोड़ रुपये में खरीदे गए और 20 करोड़ रुपये से ज्यादा में बिके। इमरान खान पर आरोप है कि वो गिफ्ट में मिले तीन घड़ियों को बेचकर 36 मिलियन डॉलर कमाये। पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि उन्होंने कुछ महंगे गिफ्ट को कभी ट्रेजरी में जमा ही नहीं किया। उन्होंने उस कानून का भी उल्लंघन किया जिसके तहत पाकिस्तान के पीएम एक तय रकम चुकाकर ही गिफ्ट अपने पास रख सकते हैं।
घड़ियां, कफ़लिंक, झुमके: इमरान खान ने पाकिस्तान के तोशखाना से क्या लिया
देश की सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इमरान खान को पाकिस्तान के प्रधान मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उपहार में पांच महंगी कलाई घड़ियाँ मिलीं, जिनमें एक ग्रेफ़ घड़ी भी शामिल थी, जिसकी कीमत 3.8 मिलियन पाकिस्तानी रुपये (पीकेआर) - मौजूदा दरों पर लगभग 1.1 मिलियन रुपये थी। खान ने अक्टूबर 2018 में सवा मिलियन का भुगतान करने के बाद इन उपहारों को अपने पास रख लिया। सितंबर 2018 में खान ने 85 मिलियन पाकिस्तानी रुपये की एक अलग ग्रेफ कलाई घड़ी, 5.6 मिलियन पाकिस्तानी रुपये की कफ़लिंक की एक जोड़ी, 1.5 मिलियन पाकिस्तानी रुपये की एक कलम और 8.75 मिलियन पीकेआर की एक अंगूठी को बनाए रखने के लिए 20 मिलियन पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया। एक साल बाद अक्टूबर 2019 में उन्होंने 935,000 रुपये में एक बॉक्स वाली घड़ी बरकरार रखी, जिसका मूल्य 1.9 मिलियन था। सितंबर 2020 में एक और रोलेक्स, जिसका मूल्यांकन 4.4 मिलियन था।
पूरे मामले का खुलासा कैसे हुआ?
जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे तो उन्हें विदेशों से कई तोहफे मिले। उसी वक्त आरटीआई यानी सूचना के अधिकार के तहत एक पत्रकार ने उनसे जानकारी मांगी कि कौन-कौन से उपहार उन्हें भेंट किए गए हैं। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी की केंद्रीय सरकार ने उस वक्त इस आरटीआई का जवाब देने से ये कहते हुए इनकार कर दिया कि इससे अन्य देशों के साथ पाकिस्तान के संबंधों पर खराब असर पड़ सकता है। सरकार द्वारा आरटीआई का जवाब देने से इनकार करने के बाद पत्रकार ने फेडरल इंफॉर्मेशन कमीशन में अपनी शिकायत दर्ज कराई। कमीशन ने कैबिनेट डिविजन को आरटीआई का जवाब देने का आदेश दिया। लेकिन इमरान खान सरकार फिर भी इस आरटीआई का जवाब नहीं दे पाई। इसके बाद आरटीआई लगाने वाले पत्रकार ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। अप्रैल 2022 में इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने भी सरकार ने उस आरटीआई का जवाब तैयार करने को कहा, लेकिन इससे पहले कि कुछ होता। इमरान खान सत्ता से बाहर हो चुके थे।
पूरे मामले पर इमरान का कबूलनामा
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने खुद यह बात स्वीकार की थी कि उन्होंने विदेशों से उपहार में मिले कम से कम चार गिफ्ट को बेचे थे। इमरान खान की ओर से गिफ्ट बेचे जाने पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें सर्टिफाइड चोर बताया था। इमरान खान ने कहा था कि उन्होंने ये गिफ्ट जरूरी पर्सेंटेज चुकाकर ही लिए थे। इमरान खान ने कहा कि गिफ्ट बेचकर मिले पैसे से उन्होंने बनिगाला में अपने घर तक पहुंचने के लिए सड़क बनवाई थी। महंगे गिफ्ट बेचकर पैसा कमाने और उसकी घोषणा नहीं करने के आरोप साबित होने के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग 21 अक्टूबर 2022 को पूर्व पीएम इमरान खान को पांच साल के लिए नेशनल असेंबली से डिस्कवालिफाई कर दिया था।
इमरान, जरदारी और नवाज सभी ने पाकिस्तान को ऐसे 'लूटा'
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा बेचे गए तोशखाना उपहारों को लेकर उठे विवाद के बीच मार्च के महीने में पाकिस्तान सरकार ने पहली बार अधिकारियों द्वारा रखे गए विदेशी उपहारों का ब्योरा सार्वजनिक किया था। तोशखाना या राज्य डिपॉजिटरी का विवरण रविवार को कैबिनेट डिवीजन की वेबसाइट पर 2002 से 2022 तक पूर्व राष्ट्रपतियों, प्रधानमंत्रियों, संघीय कैबिनेट सदस्यों, राजनेताओं, नौकरशाहों, सेवानिवृत्त जनरलों, न्यायाधीशों और पत्रकारों द्वारा रखे गए उपहारों के बारे में जानकारी दी गई। 446 पन्नों के दस्तावेज में दिखाया गया है कि जिन लोगों को फायदा हुआ उनमें राष्ट्रपति आरिफ अल्वी, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी, दिवंगत सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री शौकत अजीज, पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी, पूर्व पीएम शाहिद खाकान अब्बासी, पूर्व पीएम राजा परवेज अशरफ, पूर्व पीएम जफरुल्ला खान जमाली, सीनेट के अध्यक्ष सादिक संजरानी, वित्त मंत्री इशाक डार, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो-जरदारी, शेख राशिद अहमद, खुर्शीद कसूरी, अब्दुल हफीज शेख, जहांगीर तरीन, शाह महमूद कुरैशी, और अताउर रहमान आदि शामिल हैं। जरदारी और नवाज शरीफ ने अपनी यात्राओं के दौरान एक-एक बुलेटप्रूफ वाहन प्राप्त किया और तोशखाना को कुछ पैसे देने के बाद उन्हें अपने पास रखा। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान और उनकी पत्नी को पांच बेशकीमती कलाई घड़ियां, गहने और अन्य सामान मिले। परवेज मुशर्रफ और शौकत अजीज ने बिना एक पैसा चुकाए सैकड़ों विदेशी उपहार अपने पास रख लिए।