By Anoop Prajapati | Nov 15, 2024
खडकसवासला विधानसभा सीट महाराष्ट्र की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां 2019 में भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी। इस बार खडकसवासला विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है। खडकसवासला विधानसभा सीट महाराष्ट्र के पुणे जिले में आती है। 2019 में खडकसवासला में कुल 48.14 प्रतिशत वोट पड़े। 2019 में भारतीय जनता पार्टी से भीमराव तपकिर ने राष्ट्रवादी कंग्रेस पार्टी के डोडके सचिन शिवाजी को 2595 वोटों के मार्जिन से हराया था। महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव केवल एक ही चरण में होंगे जिसमें 20 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को यहां वोटों की गिनती होगी।
जानें इस सीट की स्थिति
महाराष्ट्र में वर्ष 2009 के परिसीमन के बाद खड़कवासला सीट अस्तित्व में आई थी। इस सीट पर सबसे पहले एमएनएस पार्टी के विधायक चुने गए। इस सीट से वंजाले रमेश हीरामन विधायक रहे। इसके बाद वर्ष 2014 की मोदी लहर से यह सीट भी अछूती नहीं रही। यहां बीजेपी प्रत्याशी तपकिर भीमाराव धोंडीबा विधायक चुने गए। वर्ष 2019 में खड़कवासला सीट की जनता ने एक बार फिर भाजपा पर अपना भरोसा जताया और एक बार फिर तपकीर भीमाराव धोंडीबा विधायक चुने गए थे।
खड़वासला के अहम मुद्दे
इस विधानसभा सीट पर विकास कम और शहरीकरण ज्यादा हुआ है। यहां के मुख्य मुद्दों में यातायात की भीड़भाड़ और अनियमित बिजली और पानी की आपूर्ति शामिल है। निर्वाचन क्षेत्र के उच्च वर्ग, साथ ही कामकाजी और प्रवासी मध्यम वर्ग के नागरिक यातायात-मुक्त सड़कों जैसे बुनियादी सुधारों की अपेक्षा करते हैं। यहां के मतदाता किसी भी उम्मीदवार का समर्थन करेंगे जो इन ज्वलंत समस्याओं का समाधान कर सके, चाहे वह किसी भी पार्टी का हो।
वर्तमान विधायक पर पार्टी ने जताया भरोसा
2019 के चुनाव में, निर्वाचन क्षेत्र में कुल 4,87,102 मतदाता थे। तपकीर ने 1,20,518 वोटों के साथ जीत हासिल की, उन्होंने एनसीपी के सचिन शिवाजी डोडके को 2,595 वोटों के अंतर से हराया, जिन्हें 1,17,923 वोट मिले थे। 2014 में निर्वाचन क्षेत्र में 4,28,239 मतदाता थे। तपकीर ने 1,11,531 वोट हासिल किए और एनसीपी के दिलीप प्रभाकर बराटे को 63,026 वोटों के बड़े अंतर से हराया, जिन्हें 48,505 वोट मिले थे।
2009 के चुनाव में, जब यहां 3,56,137 मतदाता थे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के रमेश हीरामन वंजाले ने 79,006 वोटों के साथ यह सीट जीती थी और उन्होंने एनसीपी के विकास पंढरीनाथ डांगट को हराया था, जिन्हें 56,488 वोट मिले थे। पहली बार मतदाताओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई है, और उनसे आगामी चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाने की उम्मीद है। इस निर्वाचन क्षेत्र ने एनसीपी में विभाजन के बीच भी लोकसभा चुनावों में लगातार शरद पवार का समर्थन किया है।