By अनुराग गुप्ता | Sep 25, 2020
मुंबई। शिवसेना नेताओं द्वारा सोशल मीडिया में कोविड मेडिकल एडवाइजरी से जुड़ा हुआ एक सार्वजनिक पोस्टर डाले जाने से डॉक्टर्स नाराज हैं। इस विषय पर गंभीर आपत्ति दर्ज कराते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुरुवार को महा विकास अघाड़ी वाली उद्धव सरकार को एक पत्र लिखा और पोस्टर को वापस लेने की मांग की। इस पोस्टर में दवाइयों के नाम और उनकी डोज से जुड़ी हुई जानकारियां हैं।
शिवसेना प्रवक्ता प्रताप सरनाईक ने कहा कि पार्टी के एक पार्षद ने लोगों को जागरुक करने के इरादे के साथ पोस्टर को लगाया था। लेकिन डॉक्टरों से सलाह लेना जरूरी है। क्योंकि खुद से ली गई दवाइयां खतरनाक हो सकती हैं।
दहिसर के वार्ड नंबर-4 से पार्षद सुजाता पाटेकर ने सोशल मीडिया पर पोस्टर साझा करने के मामले में खेद व्यक्त किया और कहा कि मेरा इरादा किसी भी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाने का कतई नहीं था। उन्होंने कहा कि मेरी तरफ से गलती हुई है और मुझे पछतावा भी है। इस बीच उन्होंने कहा कि डॉक्टरों से सलाह लिए बिना दवाइयों का इस्तेमाल न करें।
पार्षद सुजाता पाटेकर द्वारा शेयर किए गए पोस्टर में कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों के लिए दवाइयों का उल्लेख था। जिसके लिए उन्होंने बाद में माफी मांगी और स्पष्ट शब्दों में कहा कि बिना किसी डॉक्टर की सलाह के किसी भी दवा का सेवन न करें। इस पोस्टर में कोविड-19 बचाव की गाइडलाइन्स का भी जिक्र है।
महाराष्ट्र सरकार को लिखे पत्र में दस्तखत करने वाले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर अविनाश भोंडवे और सचिव डॉक्टर पंकज बंडारकर ने प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए 'मेरा परिवार- मेरी जिम्मेदारी' अभियान का स्वागत किया। हालांकि, उन्होंने पोस्टर में दवा और उनके डोज संबंधी विषय पर आपत्ति जताई और कहा कि यह ड्रग कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940-1945 का उल्लंघन है।
अंग्रेजी समाचार पत्र द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमए के अध्यक्ष डॉक्टर अविनाश भोंडवे ने पोस्टर में दर्शाई गई डोज को गलत बताया। एक वरिष्ठ डॉक्टर के मुताबिक, अगर दवाइयों का गलत डोज लिया जाए तो उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।