By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 25, 2021
श्रीनगर| जम्मू कश्मीर के शोपियां जिले में रविवार को कथित रूप से आतंकवादियों और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के बीच गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस ने यह जानकारी दी।
इस घटना पर कश्मीर घाटी की मुख्य धारा की पार्टियों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मामले की जांच की मांग उठायी। मारे गए व्यक्ति की पहचान शाहिद अहमद के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया, ‘‘सुबह करीब साढ़े 10 बजे अज्ञात आतंकवादियों ने शोपियां में बाबापोरा में सीआरपीएफ की 178वीं बटालियन के नाका दल पर हमला किया।’’
उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ ने गोलीबारी का जवाब दिया और ‘‘दोनों ओर से हुई गोलीबारी’’ में एक व्यक्ति की मौत हो गई। पुलिस के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि पुलिस को शोपियां के बाबापोरा में आतंकवादियों द्वारा सीआरपीएफ के दल पर हमले और मुठभेड़ के दौरान एक नागरिक की मौत की सूचना मिली।
प्रवक्ता ने कहा, शुरुआती जांच और चश्मदीदों के बयान से पता चला है कि आतंकियों ने सीआरपीएफ दल पर हमला किया, जिसके सीआरपीएफ दल ने जवाबी कार्रवाई की। दोनों ओर से हुई गोलीबारी के दौरान, आतंकवादियों के एक सहयोगी ने सीआरपीएफ जवान की सर्विस राइफल छीन ली, जिसे चुनौती दी गई और रुकने का आदेश दिया गया। हालांकि, वह उसी दिशा में भागता रहा जिस तरफ से सीआरपीएफ दल गोली चला रहा था और इस बीच दोनों ओर जारी गोलीबारी के दौरान वह गोली लगने से घायल हो गया।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ का एक जवान भी घायल हुआ है। प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में जैनापोरा पुलिस थाने में मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। वहीं, नेशनल कांफ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि ‘पहले गोली मारो’ की नीति लोगों को और दूर करेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ उसे गोलीमारी गई और उसके झोले में कोई हथियार या विस्फोटक नहीं था, वहफल और सब्जी लेकर जा रहा रहा था। यह ‘पहले गोली मारो’की नीति लोगों को और दूर करेगी। यह कश्मीर के लोगों और युवाओं को दोस्त बनाने का तरीका नहीं है।’’
दरअसल उमर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की शनिवार की उस टिप्पणी का संदर्भ दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि वह कश्मीर के युवाओं को दोस्त बनाना चाहते हैं। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह दुखद है कि सशस्त्र बल कश्मीर में ‘ इतनी अधिक छूट के साथ कार्य करते हैं।’
उन्होंने कहा,‘‘एक और निर्दोष कश्मीरी शोपियां में कथित तौर पर सीआरपीएफ द्वारा मारा गया। यह दुखद है कि सशस्त्र बल बहुत कम संयम दिखाते हैं। मैं उसके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करती हूं।’’ माकपा नेता मोहम्मद युसूफ तारिगामी ने प्राधिकारियों से मामले की गंभीर जांच करने और जिम्मेदारी तय करने की मांग की।
उन्होंने यहां जारी बयान में कहा, ‘‘ जिन परिस्थितियों में असैन्य व्यक्ति को गोली मारी गई, उसकी जांच करने की जरूरत है। अमूल्य मानव जीवन खो देना दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसी नृशंस घटना की निंदा काफी नहीं है।’’तारिगामी ने पीड़ित के परिवार को मुआवजा देने की भी मांग की।