Prabhasakshi NewsRoom: Mohan Bhagwat ने विभाजन को गलत निर्णय बताते हुए अखंड भारत की वकालत की

By नीरज कुमार दुबे | Apr 01, 2023

आरएसएस को बाहर से नहीं समझा जा सकता। आरएसएस देश के लिए जो सोच रखता है वह उन लोगों को समझ नहीं आ सकती जो परिवारवाद आधारित दलों में काम कर रहे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि अमृतपाल सिंह इसलिए खालिस्तान की मांग कर रहा है क्योंकि नरेंद्र मोदी और मोहन भागवत हिंदू राष्ट्र की मांग करते हैं। गहलोत को बता दें कि मोहन भागवत और नरेंद्र मोदी का जन्म 1950 में हुआ था और खालिस्तान की मांग 1940 से हो रही है। गहलोत को समझना होगा कि जीवन के अद्वितीय आध्यात्मिकता-केंद्रित दृष्टिकोण को विश्व स्तर पर हिंदू नाम से जाना जाता है, जिसके कारण यह राष्ट्र हिंदू है और इसका विशेषण सनातन है। खास बात यह है कि यह शब्द हमारे द्वारा नहीं, बल्कि उन लोगों द्वारा दिया गया था, जिन्होंने हिंदुस्तान को बाहर से देखा और हमें हिंदू के रूप में अलग करने के लिए हमारी इस विशिष्टता को हिंदू राष्ट्र नाम दिया। यहां सवाल यह भी है कि जो भारत में पैदा हुआ है वह हिंदू नहीं है तो कौन है? दरअसल हिंदू शब्द का धार्मिक अर्थ निकालना गलत है। हिंदू शब्द तो शुद्ध रूप से भौगोलिक है। जरा संघ और कांग्रेस के लोगों की सोच का अंतर भी देखिये। कांग्रेस ने देश का विभाजन कराया और आरएसएस का कहना है कि अखंड भारत सत्य है और खंडित भारत दुःस्वप्न है। आरएसएस कहता है कि भारत का विभाजन गलती है और कांग्रेस के लोग नेहरू के उस निर्णय पर गर्व करते हैं जिसके तहत देश का विभाजन हुआ था। 


बहरहाल, जहां तक मोहन भागवत के बयान की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि आजादी के सात दशक से अधिक समय के बाद भी पाकिस्तान के लोग खुश नहीं हैं और अब वे मानते हैं कि भारत का विभाजन एक गलती थी। हम आपको बता दें कि मोहन भागवत किशोर क्रांतिकारी हेमू कालाणी की जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह में बोल रहे थे, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से सिंधी समाज के लोग शामिल हुए। भागवत ने कहा कि अखंड भारत सत्य है, खंडित भारत दु:स्वप्न है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि भारत से अलग होने के सात दशक बाद भी पाकिस्तान में दुख है, जबकि भारत में सुख है।


हम आपको यह भी बता दें कि अमर बलिदानी हेमू कालाणी की जयंती पर आयोजित समारोह में सिंधी समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा, ‘‘हमको नया भारत बसाना है। भारत खंडित हो गया। आज जिसको हम पाकिस्तान कहते हैं, उसके लोग कह रहे हैं कि गलती हो गई। अपनी हठधर्मिता के कारण भारत से अलग हो गए, संस्कृति से अलग हो गए। क्या वे सुख में हैं?’’ उन्होंने आगे कहा, ‘‘यहां (भारत में) सुख है और वहां (पाकिस्तान में) दुख है।’’ भागवत ने कहा, ‘‘जो सही है, वह टिकता है। जो गलत है, वह आता है और जाता है।’’ भागवत ने कहा कि सिंधी समुदाय सब कुछ गंवाकर भी शरणार्थी नहीं बना, लेकिन उसने पुरुषार्थी बनकर दिखा दिया। शहीद हेमू के नाम के साथ सिंध का नाम जुड़ा है। उन्होंने कहा कि सिंधी समुदाय का स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण योगदान रहा है, लेकिन इसका उल्लेख कम होता है।

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उन्होंने कहा कि सिंधी समुदाय ने भारत नहीं छोड़ा था, वे भारत से भारत में ही आए थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमने तो भारत बसा लिया, लेकिन वास्तव में राष्ट्र खंडित हो गया। आज भी उस विभाजन को कृत्रिम मानते हुए सिंध के साथ मन से लोग जुड़े हैं। सिंधु नदी के प्रदेश सिंध से भारत का जुड़ाव रहेगा।’’ भागवत ने कहा, ‘‘आज भी अखंड भारत को सत्य और खंडित भारत को दु:स्वप्न माना जा सकता है। सिंधी समुदाय दोनों तरफ के भारत को जानता है। आदिकाल से सिंध की परंपराओं को अपनाया गया। भारत ऐसा हो जो संपूर्ण विश्व को सुख-शांति देने का कार्य करें। तमाम उतार-चढ़ाव आएंगे, लेकिन हम मिटेंगे नहीं। उन्होंने कहा कि हम विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम हैं। भागवत ने डॉ. हेडगेवार और अन्य विचारकों के माध्यम से संपूर्ण दुनिया को दिखाए गए कल्याण के मार्ग का भी उल्लेख किया।


दूसरी ओर, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने पंजाब में अमृतपाल सिंह जैसे अलगाववादियों के उदय के लिए केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनाई जा रही ‘हिंदू राष्ट्र’ की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया। गहलोत ने पंजाब में खालिस्तान समर्थक अलगाववादी अमृतपाल सिंह के उदय के लिए भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ‘हिंदू राष्ट्र’ की विचारधारा पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘हमें देश की चिंता करनी चाहिए।’’ गहलोत ने कहा, ‘‘देश हित में यही है कि अगर आप सब धर्म व जाति के लोगों को साथ लेकर चलेंगे तो यह देश एक रहेगा, अखंड रहेगा। एक नया आदमी आ गया अमृतपाल सिंह जो कह रहा है कि अगर मोहन भागवत व नरेंद्र मोदी हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं तो मैं खालिस्तान की बात क्यों नहीं करूं। उसकी ऐसी हिम्मत क्यों हुई है... यह हिम्मत इसलिए हुई है क्योंकि आप हिंदू राष्ट्र की बात कैसे कर सकते हैं।’’ मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, ‘‘आाप सोचिएगा इस बात को। धर्म के नाम पर लोगों को खुश करना आसान काम होता है। आग लगाना बड़ा आसान काम होता है, आग को बुझाने में वक्त लगता है। आप सोच सकते हैं तोड़ना आसान है, जोड़ना बड़ा मुश्किल काम होता है।’’


उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह के हालात में उस अमृतपाल की हिम्मत हो गई। आप हिंदू राष्ट्र की बात करते हो मैं क्यों नहीं खालिस्तान की बात करूं। पहली बार ऐसी आवाज आई है देश में। इंदिरा गांधी ने खालिस्तान नहीं बनने दिया, जिसके कारण उनकी हत्या हुई। इसी के कारण हमारा देश अखंड रहा है।’’

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