By रेनू तिवारी | Dec 31, 2022
बिहार जहरीली शराब त्रासदी का मास्टरमाइंड को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बिहार में जहरीली शराब पीने से 70 से अधिक लोगों की मौत हुई थी। बिहार में शराबबंदी के चलते आरोपी को नकली शराब बेचकर जल्दी और आसानी से कमाई करने का मौका मिल गया।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने बिहार के सारण में जहरीली शराब कांड से जुड़े मामलों में वांछित एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिसमें 73 लोगों की जान चली गई थी। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान सारण जिले के दोइला गांव निवासी राम बाबू महतो के रूप में हुई है। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव के अनुसार, अपराध शाखा के अंतर्राज्यीय प्रकोष्ठ को सूचना मिली थी कि महतो दिल्ली में कहीं छिपा हो सकता है।
विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने कहा, "तकनीकी निगरानी और विशिष्ट जानकारी के आधार पर महतो को द्वारका से गिरफ्तार किया गया।" उन्होंने कहा, "उचित कानूनी कार्रवाई की जा रही है और आगे की कार्रवाई के लिए आरोपी की गिरफ्तारी की जानकारी बिहार पुलिस के साथ साझा की गई है।" पुलिस ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के कारण आरोपी को जल्दी और आसानी से पैसा बनाने का मौका मिला और उसने नकली शराब बनाना और बेचना शुरू कर दिया।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष एवं लोकसभा सदस्य चिराग पासवान ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और बिहार सरकार को बर्खास्त करने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था चरमरा गई है। पासवान ने शाह को अपनी पार्टी का ज्ञापन सौंपा जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि बिहार में सरकारी संरक्षण में शराब माफिया फल-फूल रहा है और राज्य में वैसे तो शराबबंदी है लेकिन बड़ी संख्या में लोग जहरीली शराब पीने से मर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह कहना गलत नहीं होगा कि बिहार में कानून का राज खत्म हो गया है।’’ उन्होंने शाह को सौंपे गए पत्र को ट्विटर पर साझा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार से भू-माफियाओं को संरक्षण मिल रहा है और राज्य में अपराधियों का बोलबाला है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कटु आलोचक माने जाने वाले चिराग पासवान ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए। पासवान कुमार के विरोध के कारण 2020 में राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से बाहर हो गए थे। कुमार के राजग से बाहर निकलने के साथ, वह भाजपा के करीब आ गए हैं और राज्य में हाल के उपचुनावों में उनके उम्मीदवार के लिए प्रचार भी किया है, जिससे ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि दोनों दलों के बीच गठबंधन जल्द ही औपचारिक रूप ले सकता है।