By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Oct 27, 2022
मुंबई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और दोनों राजनीतिक फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। देश ने उनके रवैए को कई बार देखा है। अरविंद केजरीवाल ने नोटों पर देवी-देवताओं की तस्वीर छापने की मांग कर देश की डूबती अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान हटाने का काम किया है। यह एक तरह से मोदी सरकार की मदद करने जैसा है। यह हमला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने किया है। उन्होंने कहा कि अब इस मांग के बाद केजरीवाल के चेहरे से नकाब उतर गया है और उनका असली चेहरा अब जनता के सामने आ गया है। पटोले ने कहा कि केजरीवाल ने इस तरह की मांग कर नोटों को धार्मिक रंग देने की कोशिश की है, लेकिन देश की जनता इस तरह के झांसे में आने वाली नहीं है ।
इस संदर्भ में आगे बोलते हुए नाना पटोले ने कहा कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के कारण देश की अर्थव्यवस्था रसातल में चली गई है। रुपया दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है। महंगाई में बेतहाशा वृद्धि हो रही है। बेरोजगारी 45 साल के उच्चतम स्तर पर है। लोग हताश हैं और देश में सरकार के खिलाफ गुस्से का माहौल है। अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और लोगों को राहत देने के लिए अर्थशास्त्री तरह-तरह की सलाह दे रहे हैं लेकिन देश की वित्त मंत्री यह कहकर पूरी स्थिति का मजाक बना रही हैं कि रुपया कमजोर नहीं हो रहा बल्कि डॉलर मजबूत हुआ है।
नाना पटोले ने कहा कि अब दिल्ली के उच्च शिक्षित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से एक कदम आगे बढ़कर मांग की है । उनके मुताबिक रुपए को गिरने से रोकने के लिए करेंसी नोटों पर लक्ष्मी और गणपति की तस्वीर छापी जाएं।पटोले ने कहा कि गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक फायदे के लिए केजरीवाल अब नोटों और अर्थव्यवस्था को धार्मिक रंग दे रहे हैं। इस संबंध में कानूनों और नियमों से अवगत होने के बावजूद केजरीवाल ऐसी मांग करके जनता का ध्यान ज्वलंत मुद्दों से हटाने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र में बीजेपी के कुछ नेताओं ने तो आगे बढ़कर पीएम मोदी की फोटो नोटों पर छापने की मांग की है। नाना पटोले ने कहा कि ऐसा लगता है कि देश की अर्थव्यवस्था के साथ-साथ प्रदेश के इन नेताओं की बुद्धि भी दिवालिया की शिकार हो गई है।