By एकता | Dec 16, 2022
बॉलीवुड की अपकमिंग फिल्म 'पठान' के हाल ही में रिलीज हुए गाने 'बेशर्म रंग' में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के बिकिनी पहनने पर काफी विवाद हो रहा है। लोग अभिनेत्री को भगवा बिकिनी पहनकर अश्लील डांस मूव करने पर बुरी तरह से ट्रोल कर रहे हैं। दीपिका के विवादों में घिरते ही बिकिनी सुर्खियों में आ गई है। ऐसे में आज हम आपको मौजूदा समय में महिलाओं की पसंदीदा स्विमसूट के रूप में मशहूर बिकिनी के इतिहास के बारे में बताएँगे, जिसके बारे में पढ़कर आप यकीनन हैरान होने वाले हैं।
1946 में पहली बार बिकिनी अस्तित्व में आयी, इसे फ्रेंच इंजीनियर लुइस रिअर्ड ने डिज़ाइन किया था। उन्होंने अपने इस स्विमसूट का नाम बिकिनी एटोल (Bikini Atoll) के नाम पर रखा। बता दें, यह वह जगह थी जहाँ अमेरिका उस समय न्यूक्लियर टेस्ट कर रहा था। कुछ समय बाद बिकिनी को 'टू पीस बाथिंग सूट' करार दिया गया था। फ्रांस में लॉन्च के बाद बिकिनी को सफलता मिली, लेकिन कुछ ही समय बाद यह विवादों में घिर गई। फ्रेंच अटलांटिक तट, स्पेन, इटली, पुर्तगाल और ऑस्ट्रेलिया के बीचो पर महिलाओं के बिकिनी पहनने पर बैन लगा दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिका के कुछ राज्यों ने भी विरोध के बाद बिकिनी को प्रतिबंधित कर दिया था।
बिकिनी पर विवाद लंबे समय तक जारी रहा था। इस बीच जर्मनी में महिलाओं को बीच पर बिकिनी पहनने के लिए टिकट कटवाना पड़ता था, जो आप नीचे दी गयी तस्वीरें में देख सकते हैं। इस तस्वीर को 'हिस्ट्री इन पिक्चर्स' नामक ट्विटर हैंडल पर शेयर किया गया है। 1957 में फैशन पत्रिका मॉडर्न गर्ल मैगजीन ने कहा था कि कोई सभ्य लड़की कभी भी ऐसे कपड़ें नहीं पहनेगी। वेटिकन ने इसे 'पापी ड्रेस' घोषित कर दिया था। हालाँकि, अभिनेत्रियों और मॉडलों की बिकिनी में ग्लैमरस तस्वीरों ने धीरे-धीरे बिकिनी को एक विशेष पहचान दिलवाने में मदद की और आज महिलाएं इस स्विमसूट की दीवानी हैं।