अखिलेश को सत्ता जनता की सेवा के लिए नहीं लूट की खुली छूट के लिए चाहिए: सिद्धार्थ नाथ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 17, 2021

अपने सगे चाचा शिवपाल से मिलने के बाद अखिलेश यादव ने जो ट्वीट किया है वह उनके संस्कारों का सबूत है। साथ ही उन दलों के लिए भी एक संदेश जिन्होंने सपा से विधानसभा चुनाव के मद्देनजर गठबंधन किया है। जो अपने चाचा को सिर्फ एक छोटी पार्टी का अध्यक्ष समझता हो उसके लिए बाकियों की क्या बिसात। यह बातें उत्तरप्रदेश सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कही। उन्होंने कहा कि दरअसल अखिलेश स्वभावतः सत्तालोलुप हैं। येन-केन प्रकारेण सत्ता पाना ही उनका एक मात्र मकसद है। सत्ता भी उनको जनता की सेवा के लिए नहीं लूट की खुली छूट, अराजकता और भ्रष्टाचार के लिए चाहिए। इसके लिए वह छोटे दलों से गठबंधन नहीं,जातियों की गोलबंदी कर रहे हैं।

 

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सिद्धार्थनाथ ने कहा कि अखिलेश को पता होना चाहिए कि जातीय राजनीति के दिन लद चुके हैं। जनता विकास चाहती है। वह डबल इंजन (मोदी-योगी) की सरकार के विकास का काम न केवल देख रही है बल्कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकार और पहले की सरकारों के काम के फर्क को साफ-साफ महसूस कर रही है। लिहाज अब अखिलेश की दाल गलने से रही। यूं भी काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती। बाकी खुद की तसल्ली के लिए वह ख्वाब देखते रहें। मालूम हो कि कल अखिलेश ने लखनऊ स्थित आवास पर शिवपाल से मुलाकात की थी। उसके बाद किए गए ट्वीट में उन्होंने लिखा था कि, क्षेत्रीय दलों को साथ लेने की नीति के तहत प्रसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी से मुलाक़ात हुई और गठबंधन की बात तय हुई। इस ट्वीट में कहीं भी शिवपाल से अपने रिश्ते का जिक्र तक नहीं है।


बिजली सखी से रोशन हो उठी यूपी की महिलाओं की जिंदगी


आजीविका मिशन ने यूपी की महिलाओं की जिन्‍दगी में रोशनी बिखरने का काम किया है। राज्‍य आजीविका मिशन के तहत बिजली सखी की 5,395 सक्रिय सदस्यों ने 62.50 करोड़ रुपये के बिल संग्रहण का कार्य कर एक मिसाल कायम की है। इन महिलाओं को सीधे तौर पर प्रतिमाह आठ हजार से 10 हजार रुपए की आमदनी हो रही है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने जबसे प्रदेश की कमान संभाली है तबसे अब तक प्रदेश की महिलाओं के हित में कई बड़ी योजनाओं को लागू किया है जिससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की महिलाएं आर्थिक रूप से आत्‍मनिर्भर बन रही हैं।

प्रदेश में स्‍वयं सहायता समूह की महिलाएं मीटर रीडिंग और बिल संग्रह करने में मदद कर रही हैं। बिजली सखियों के रूप में डब्ल्यूएसएचजी के सदस्यों ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों से 62.50 करोड़ रुपये से अधिक के बिजली बिलों के संग्रह कार्य को पूरा कर लिया है। वर्तमान में राज्य के 75 जिलों में बिजली बिल संग्रहण के लिए एक एजेंसी के रूप में यूपीपीसीएल के पोर्टल पर 73 क्लस्टर स्तरीय संघों को पंजीकृत किया गया है। इसके लिए कुल 15310 महिला स्वयं सहायता समूह सदस्यों का चयन किया गया है, जिनमें से 5395 सक्रिय सदस्यों ने 62.50 करोड़ रुपये के बिल संग्रहण का कार्य किया है। इससे अब तक महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों को कुल 90.74 लाख रुपये का कमीशन मिला है।

 

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ग्रामीण आजीविका मिशन के मिशन निदेशक भानु गोस्‍वामी ने बताया कि बिजली सखी से ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं सशक्त बन रही हैं। इन महिलाओं को ग्रामीणों के घर से बिजली बिल संग्रह के काम में शामिल करके अतिरिक्त आय उत्पन्न करने में राज्य सरकार की पहल रंग ला रही है। उन्‍होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ताकि स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को नागरिकों से बिल भुगतान एकत्र करने की अनुमति मिल सके।


सीएम की योजनाओं का सीधे तौर पर मिल रहा लाभ

महोबा की यासमीन बानो पिछले डेढ़ साल से ‘हिना महिला स्वयं सहायता समूह’ की सदस्य के रूप में काम कर रही हैं। समूह से जुड़ने से पहले अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने के लिए पर्याप्त नहीं कमा पा रही थी। मुंह की बीमारी से पीड़ित यासमीन खराब आर्थिक स्थिति के कारण इलाज का खर्च भी नहीं उठा पा रही थीं, लेकिन बिजली सखी बनने के बाद अब वह 8000 से 10,000 रुपये महीना कमा न सिर्फ परिवार का सहारा बनी बल्कि उन्होंने अपनी बीमारी का इलाज भी करवाया।


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