Cervical Cancer Vaccine: सर्वाइकल कैंसर को नियंत्रित करने के लिए कब से चलाया जाएगा एचपीवी टीकाकरण अभियान?
उल्लेखनीय है कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। वहीं, दुनिया में महिलाओं की एक चौथाई संख्या इस सबसे आम कैंसर से प्रभावित है। भारत में दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मामले हैं।
क्या आपको पता है कि महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को नियंत्रित करने के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 में एक व्यापक एचपीवी टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा? यदि नहीं तो यह जान लीजिए कि केंद्र सरकार ऐसा करने हेतु नीतिगत निर्णय ले चुकी है और व्यवस्थागत तैयारियां चल रही हैं, सिर्फ इसकी शुरुआत करने की तिथि की घोषणा होना बाकी है, जो सम्भवतया अप्रैल 2023 में किसी भी दिन को/से हो जाएगी। बता दें कि भारत में सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में दूसरा सबसे आम कैंसर है और इस नजरिए से भारत देश, वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के बोझ के सबसे बड़े अनुपात में अपना अभिन्न यानी लगभग एक चौथाई योगदान देता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि महिलाओं की अस्वाभाविक मौत की एक बड़ी वजह समझी जा रही सर्वाइकल कैंसर नामक बीमारी की रोकथाम अब एचपीवी वैक्सीन ड्राइव से संभव है। इसलिए केंद्र सरकार अगले वित्तीय वर्ष 2023-24 में एचपीवी टीकाकरण नामक एक व्यापक अभियान चलाएगी। बताया गया है कि इस अभियान के दौरान 9 से 14 वर्ष तक की लड़कियों को उसके स्कूलों में "सर्ववैक" नामक वैक्सीन लगाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है। वहीं, दुनिया में महिलाओं की एक चौथाई संख्या इस सबसे आम कैंसर से प्रभावित है। भारत में दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के सबसे ज्यादा मामले हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर से होने वाली चार मौतों में से लगभग एक भारत में होती है।
इस बारे में केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रहे सरकारी व निजी स्कूलों को लड़कियों के डेटा को अपडेट करके भेजने और एचवीपी टीकाकरण केंद्र संचालित करने हेतु आवश्यक इंतजामात करने के दिशा-निर्देश दे दिए हैं, ताकि नारी जीवन रक्षा सम्बन्धित इस महत्वपूर्ण अभियान की सार्थकता सुनिश्चित हो सके और उसमें कोई भी कमी नहीं रहे।
# 9 से 14 वर्ष तक की लड़कियों को उसके स्कूलों में लगाई जाएगी "सर्ववैक" वैक्सीन
भारत में टीकाकरण पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के प्रमुख डा. एन. के. अरोड़ा ने कहा है कि सर्वाइकल कैंसर का उपचार एचपीवी वैक्सीन से किया जा सकता है। इसलिए भारत जल्द ही एक राष्ट्रीय कार्यक्रम के तहत 9-14 वर्ष की लड़कियों के लिए एचपीवी वैक्सीन प्रदान करने में सक्षम हो जाएगा। सरकार ने तय किया है कि लड़कियों को सर्वाइकल कैंसर का टीका स्कूलों के माध्यम से उपलब्ध कराएगी।
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प्राप्त जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा और स्वास्थ्य यानी दोनों मंत्रालयों की ओर से राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्रों की पोस्टिंग की गई है। केंद्र ने राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) को सूचित करते हुए कहा है कि उन्हें प्रत्येक जिले में 5वीं से 10वीं कक्षा में नामांकित लड़कियों की संख्या का मिलान शुरू कर लेने के साथ ही अद्यतन संख्यात्मक जानकारी उसे प्रदान किया जाए, ताकि वह सबके लिए वैक्सीन आपूर्त्ति करवा सके।
सर्ववैक टीकाकरण अभियान को लेकर केंद्रीय शिक्षा सचिव संजय कुमार और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को संयुक्त पत्र भेजा है। इन राज्यों और प्रांतों के स्कूलों में एचपीवी टीकाकरण केंद्र आयोजित करने के लिए भी उचित दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। स्कूलों के समन्वय में नोडल विषयों को लगाया जाएगा। साथ ही व्यावसायिक और व्यावसायिक विद्यालयों के समन्वय के लिए नोडल विषय नियुक्त करने की मांग की है। इसने टीकाकरण गतिविधियों के लिए 9-14 वर्ष की आयु के किशोरों की संख्या पर डेटा के प्रावधान का भी आह्वान किया है। ऐसे में पीटीएम के जरिए अभिभावकों को इस बारे में और जागरूक होना चाहिए।
# अगले साल अप्रैल तक भारत में आ जाएगी सर्ववैक दवा
बताया गया है कि सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) सर्वावैक (सीईआरवीएवीएसी) वैक्सीन अगले साल यानी अप्रैल 2023 तक भारत में आ सकती है। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने स्वदेशी एचपीवी टीके के निर्माण के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को बाजार प्राधिकरण प्रदान किया है। वहीं, केंद्र ने टीकाकरण के लिए स्कूलों में "एचपीवी टीकाकरण केंद्र" स्थापित करने के उपाय करने की योजना बनाई है। इसके अलावा, स्कूलों में माता-पिता को जागरूक करने के लिए पेरैंट्स टीचर मीटिंग रखी जाएगी। वहीं, सरकारी और निजी स्कूल प्रबंधन बोर्डों के साथ समन्वय भी रखेंगे।
# एक रोके जाने योग्य और इलाज योग्य बीमारी है सर्वाइकल कैंसर
स्कूल शिक्षा और साक्षरता मंत्रालय के सचिव संजय कुमार और स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बताया है कि सर्वाइकल कैंसर एक रोके जाने योग्य और इलाज योग्य बीमारी है। अगर इसका पता जल्दी चल जाए तो इसका इलाज संभव है। उन्होंने कहा कि, "ज्यादातर सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचपीवी) से जुड़े होते हैं और एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के ज्यादातर मामलों को रोक सकता है, अगर वैक्सीन लड़कियों या महिलाओं के वायरस के संपर्क में आने से पहले दी जाती है।"
इसके अलावा, टीकाकरण के लिए राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) ने यूनिवर्सल इम्यूनिटाइजेशन प्रोग्राम (यूआईपी) में एचपीवी वैक्सीन की शुरुआत की सिफारिश की है, जिसमें 9 से 14 वर्षीय किशोर लड़कियों के लिए एक बार कैच-अप के बाद नियमित तौर पर 9 साल में दिया जाता है।
# भारत में हर साल लगभग 80,000 मौतों के मामले सामने आते हैं सर्वाइकल कैंसर से
हाल ही में, कोविड वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि भारत में हर साल सर्वाइकल कैंसर के लगभग 80,000 महिलाओं की मौत के मामले सामने आते हैं।
गत दिनों एक अनौपचारिक बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, "पिछले 24 घंटों के दौरान, हमारे देश में सर्वाइकल कैंसर के कारण 95-100 महिलाओं की मौत हुई है। दुनिया में सर्वाइकल कैंसर से सबसे ज्यादा मौतें भारत में होती हैं। भारत में हर साल लगभग 80,000 मामले सामने आते हैं।" डॉ अरोरा ने कहा कि 35 साल की उम्र के बाद महिलाओं की स्क्रीनिंग भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्वाइकल कैंसर का अगर जल्दी पता चल जाए तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भी इसका इलाज किया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि दक्षिण एशियाई देशों के कुल मिलाकर 250 प्रतिनिधि वर्तमान में 50 देशों में सर्वाइकल कैंसर, एचपीवी रोकथाम परिदृश्य और आगे बढ़ने के तरीकों के बारे में बैठकों में भाग ले रहे हैं।
# भारत ने भी तैयार कर लिया है एचपीवी वैक्सीन
एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने इस वैक्सीन को तैयार कर लिया है। अनुमान है कि यह घरेलू स्तर पर निर्मित वैक्सीन 2023 के मध्य में भारत में लॉन्च किया जाएगा। इस दवा को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भी मंजूरी दे दी है। इतना ही नहीं, एनटीएजीआई में सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में उपयोग के लिए उद्योग सलाहकार पैनल ने भी टीके को मंजूरी दे दी है। यह निर्णय लिया गया है कि 9 से 14 वर्ष की आयु के किशोरों के लिए एक बार के कैच-अप कार्यक्रम की व्यवस्था की जाएगी। इस साल के बाद उन किशोर को जिनके 9 साल बीत जाएंगे, उन्हें ये टीके दिए जाएंगे। इस समय भारत में बनी एचपीवी वैक्सीन की कीमत 200 रुपये तय की गई है।
# समय पर पता चलने पर ठीक हो जाता है सर्वाइकल कैंसर
विशेषज्ञ बताते हैं कि समय पर पता चलने पर सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है और इसका इलाज किया जा सकता है। क्योंकि अधिकांश सर्वाइकल कैंसर ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी) के कारण होते हैं और अधिकांश सर्वाइकल कैंसर एचपीवी वैक्सीन से रोके जा सकते हैं। अगर किसी लड़की या महिला को कोरोना वायरस के संपर्क में आने से पहले ही टीका लगा दिया जाए तो इससे बचाव किया जा सकता है। इसकी रोकथाम केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा अपनाई गई वैश्विक रणनीति के तहत अपनाए गए दिशा-निर्देशों और उपायों पर आधारित होगी।
# समझिये क्या होता है सर्वाइकल कैंसर?
बता दें कि सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स की कोशिकाओं में होने वाला एक तरह कैंसर है, जिससे महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं। सर्वाइकल कैंसर गर्भाशय, गर्भाशय ग्रीवा, गर्भाशय के निचले हिस्से में होता है जो योनि से जुड़ता है। सर्वाइकल कैंसर के कारण हर देश में कई महिलाओं की मौत भी हो जाती है।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार
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