बच्चों में अक्सर होता है झगड़ा तो पेरेंट्स को जरूर अपनाने चाहिए यह टिप्स
यह जरूरी नहीं है कि आप अपने दोनों बच्चों को एक तरह से प्यार करें। लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप उन्हें ठीक तरह से प्यार करें। मसलन अगर दोनों बच्चों की उम्र और पसंद में अंतर है तो आप उन्हें एक जैसे खिलौने नहीं दे सकते हैं।
जब घर में दो बच्चे होते हैं तो उनके बीच लड़ाई-झगड़ा और रूठना-मनाना चलता रहता है। लेकिन कई बार बच्चों की आपसी लड़ाई इतनी बढ़ जाती है कि वह एक दूसरे से चिढ़ने लगते हैं। अक्सर बच्चों में कॉम्पिटीशन इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि वह हर चीज में झगड़ने लगते हैं। किसके पास कितने खिलौने हैं, कौन जल्दी खाना खाएगा, किसके मार्क्स ज्यादा अच्छे हैं, ऐसी कई चीजों पर बच्चे आपस में कॉम्पिटीशन करने लगते हैं। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं उन्हें संभालना आसान होता है लेकिन कई बार यह कॉम्पिटीशन बड़े होने के बाद भी खत्म नहीं होता है। ऐसे में बेहतर ही कि पेरेंट्स बचपन में ही इसका समाधान निकाल लें। आज के इस लेख में हम आप बच्चों के बीच कंपटीशन को खत्म करने की टिप्स देंगे-
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अक्सर पेरेंट्स बच्चों से कुछ काम करवाने के लिए या उन्हें कुछ सीखने के लिए उनकी तुलना उनके भाई-बहन से करने लगते हैं। लेकिन बतौर पेरेंट आपको यह समझना होगा कि तुलना करने से बच्चे के मन में हीन भावना पैदा हो सकती है। चाहे पढ़ाई हो या कोई अन्य काम, बच्चे की तुलना किसी से भी न करें।
यह जरूरी नहीं है कि आप अपने दोनों बच्चों को एक तरह से प्यार करें। लेकिन यह बहुत जरूरी है कि आप उन्हें ठीक तरह से प्यार करें। मसलन अगर दोनों बच्चों की उम्र और पसंद में अंतर है तो आप उन्हें एक जैसे खिलौने नहीं दे सकते हैं। लेकिन आप दोनों की उम्र और पसंद के अनुसार दोनों के लिए अलग-अलग खिलौने खरीद सकते हैं।
जब घर में दो बच्चे होते हैं तो अक्सर वे आपस में लड़ते हैं। ऐसे में आपको उन्हें डांटने फटकारने के बजाय यह समझने की कोशिश करनी चाहिए कि वे आपस में क्यों लड़ रहे हैं। हो सकता है कि आपके बच्चे को यह लगता हो कि आप उसके भाई या बहन को ज्यादा प्यार करते हैं। अगर आप एक ही बच्चे पर ज्यादा ध्यान देंगे तो दूसरे बच्चे के मन में ईर्ष्या और हीन भावना पैदा होगी।
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अपने बच्चों की आपस में तुलना करने के बजाय उनकी खुद की अच्छाइयों की सराहना करें। आप अपने बच्चे की जरूरतों को समझें और उसकी हॉबीज के लिए उसकी तारीफ करें। हर बच्चे के अलग सपने और सोच होती है। जब आप बच्चे को यह महसूस करवाएंगे कि वह दूसरे से अलग होकर भी खास है तो उसका आत्मविश्वास बढ़ेगा।
बच्चों को ऐसे गेम्स खिलाएं जिससे उनका रिश्ता मजबूत हो। आप गेम खेलते समय दोनों को एक टीम में डाल सकते हैं। इससे दोनों साथ में काम करना सीखेंगे और वे एक दूसरे के करीब आएंगे। आप बच्चों को साथ में खेलने और एक्टिविटीज करने के लिए प्रोत्साहित करें।
- प्रिया मिश्रा
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