जम्मू-कश्मीर और देश के दूसरे राज्यों में कोई फर्क नहीं रहा, घाटी में आज से सब कुछ बदल गया
राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद जून 2017 में जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था और राज्यपाल शासन के छह महीने बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था।
नयी दिल्ली। जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाए जाने के बाद अविभाजित जम्मू कश्मीर में लगा राष्ट्रपति शासन बृहस्पतिवार को हटा दिया गया। जम्मू कश्मीर और लद्दाख दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के रूप में आज यानी बृहस्पतिवार से अस्तित्व में आए हैं। आधिकारिक अधिसूचना में कहा गया है,‘‘संविधान के अनुच्छेद 356 की धारा 2,के तहत प्राप्त अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए मैं, रामनाथ कोविंद, भारत का राष्ट्रपति, मेरे द्वारा 19 दिसंबर, 2018 को जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में जारी की गई अपनी उद्घोषणा को रद्द करता हूं।’’
इसे भी पढ़ें: अनुच्छेद 370 और 35ए भारत में आतंकवाद का रास्ता थे : शाह
जम्मू कश्मीर में लगा था राज्यपाल शासन
इससे पहले राज्य की तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के इस्तीफे के बाद जून 2017 में जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगा दिया गया था और राज्यपाल शासन के छह महीने बाद राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया था। दो नए केन्द्र शासित क्षेत्र के गठन के बाद बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति शासन हटाने की घोषणा की गई। संविधान का अनुच्छेद 356, जिसके तहत राज्यों में राष्ट्रपति शासन लगाया जाता है, केंद्र शासित क्षेत्रों पर लागू नहीं होता।
इसे भी पढ़ें: जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करने के फैसले को माकपा ने बताया शर्मनाक
आज से क्या कुछ बदल गया है
जम्मू कश्मीर को देश के दूसरे राज्य से अलग करने वाले कानून खत्म हो जाएंगे. राज्य का विशेष दर्जा खत्म।
जम्मू-कश्मीर में अब रनबीर पेनल कोड की जगह इंडियन पेनल कोड यानी आईपीसी की धाराएं काम करेंगी।
गाड़ियों पर राज्य के लाल झंडे की जगह अब सिर्फ भारत का राष्ट्रीय ध्वज लहराएगा।
राज्य के 420 स्थानीय क़ानूनों में से अब सिर्फ 136 कानून ही बचे हैं।
राज्यपाल नहीं अब उप-राज्यपाल का पद होगा।
विधानसभा सीटों की संख्या अब 89 से बढ़ाकर 114 की जाएगी।
अन्य न्यूज़