घर बैठे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों ने विकसित किया ऐप
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक ऐसा स्मार्टफोन ऐप विकसित किया है जिसकी मदद से लोग घर बैठे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का पता लगा पाएंगे। शोधकर्ता जल्द ही अपने इस अध्ययन को एसीएम कंप्यूटर ह्यूमन इंटरेक्शन कॉनफ्रेंस ऑन ह्यूमन फैक्टर इन कंप्यूटिंग सिस्टम (सीएचआई 2022) सम्मेलन में पेश करेंगे।
पिछले कुछ सालों से वैश्विक स्तर पर कई तरह की न्यूरोलॉजिकल स्वास्थ्य समस्याओं में बढ़ोतरी देखी गयी हैं। इसी के मद्देनजर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं की एक टीम ने एक ऐसा स्मार्टफोन ऐप विकसित किया है जिसकी मदद से लोग घर बैठे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का पता लगा पाएंगे। शोधकर्ता जल्द ही अपने इस अध्ययन को एसीएम कंप्यूटर ह्यूमन इंटरेक्शन कॉनफ्रेंस ऑन ह्यूमन फैक्टर इन कंप्यूटिंग सिस्टम (सीएचआई 2022) सम्मेलन में पेश करेंगे। सम्मेलन में इस ऐप को मान्यता मिलने की उम्मीद है।
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शोधकर्ताओं के हाल ही के शोध से पता चला है कि आँखों की पुतली का आकर किसी भी व्यक्ति के न्यूरोलॉजिकल फंक्शन के बारे में जानकारी देता है। उदहारण के तौर पर जब एक व्यक्ति कोई कठिन काम कर रहा होता है और इस दौरान जब वो कोई आवाज सुनता है तो उसकी पुतली का आकार बड़ा हो जाता है। यह ऐप नियर-इन्फ्रारेड कैमरा का उपयोग करके व्यक्ति की आँखों की पुतली के आकार में बदलाव को ट्रैक करके न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का पता लगाने में मदद करेगा। नियर-इन्फ्रारेड कैमरे से पुतली को आईरिस या गहरे रंग की आईरिस वाली आंखों में भी आसानी से पहचाना जा सकता है। इस ऐप से अल्जाइमर रोग, अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (एडीएचडी) और अन्य न्यूरोलॉजिकल रोगों और विकारों की जांच करने में मदद मिलती है।
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कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो के शोधकर्ता कॉलिन बैरी ने कहा कि हालांकि अभी भी इस ऐप पर काम किया जाना बाकी है, पर मैं क्लीनिकल लैब्स और घरों में न्यूरोलॉजिकल स्क्रीनिंग लाने की क्षमता में इस तकनीक का उपयोग करने के लिए उत्साहित हूं।
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