बिगड़ते वायु प्रदूषण के कारण World Cup matches के दौरान Delhi-Mumbai में नहीं होगी आतिशबाजी

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प्रतिरूप फोटो
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इसी बीच दिल्ली व मुंबई जैसे महानगरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए बीसीसीआई ने भी बड़ा फैसला किया है। आमतौर पर हर मैच के समाप्त होने के बाद स्टेडियम में जोरदार आतिशबाजी की जाती है, जो देखने में बेहद रोमांचक लगती है।

दिल्ली-एनसीआर और देश के कई इलाकों में अब वायु प्रदूषण का स्तर काफी अधिक बढ़ने लगा है। वायु प्रदूषण के बढ़ने से यहां लोगों को सांस लेने समेत कई तरह की अन्य परेशानियां होने लगी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मानें तो दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार बहुत खराब स्तर पर बनी हुई है। राजधानी दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता का स्तर 373 दर्ज किया गया है।

इसी बीच दिल्ली व मुंबई जैसे महानगरों में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए बीसीसीआई ने भी बड़ा फैसला किया है। आमतौर पर हर मैच के समाप्त होने के बाद स्टेडियम में जोरदार आतिशबाजी की जाती है, जो देखने में बेहद रोमांचक लगती है। इसी बीच बीसीसीआई ने फैसला किया है कि मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में आतिशबाजी नहीं की जाएगी। दोनों ही शहरों में वायु प्रदूषण बेहद खराब स्तर पर पहुंचा हुआ है। ऐसे में इन शहरों में होने वाले विश्वकप मैचों के दौरान किसी तरह की आतिशबाजी पर बीसीसीआई ने रोक लगा दी है।

बता दें कि अब दिल्ली में विश्व कप का सिर्फ एक ही मैच आयोजित किया जाना है। ये मैच छह नवंबर को श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेला जाएगा। वहीं दूसरी तरफ मुंबई में अभी वर्ल्ड कप के कुछ मैच आयोजित होने शेष है। मुंबई में दो और सात नवंबर को लीग मैच और 15 नवंबर को सेमीफाइनल मैच खेला जाना है। 

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने बुधवार को एक बयान में कहा ,‘‘ बीसीसीआई पर्यावरण से जुड़े मसलों को लेकर काफी संवेदनशील है। हमने आईसीसी से बात की है और मुंबई में कोई आतिशबाजी नहीं होगी।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ बोर्ड हमेशा प्रशंसकों और हितधारकों के हित को सर्वोपरि रखता है। बीसीसीआई का मानना है कि मुंबई और दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर चिंताजनक है। हम चाहते हैं कि विश्व कप का जश्न त्योहार की तरह मनाया जाये लेकिन स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर अपनी प्राथमिकता से हम हट नहीं सकते।’’ दिल्ली में बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 372 था जो बदतर की श्रेणी में आता है। बंबई उच्च न्यायालय ने भी मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मुंबई में एक्यूआई के गिरते स्तर पर चिंता जताई थी।

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