माता वैष्णो देवी मंदिर में लाखों श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए प्रशासन ने की व्यापक तैयारियां
अधिकारियों का कहना है कि नवरात्रि के दौरान देश-विदेश से करीब तीन लाख भक्तों के वैष्णो देवी धर्मस्थल पर पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा से लेकर अन्य आवश्यक तैयारियां की हैं।
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों पर स्थित माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए भक्तों का भारी संख्या में पहुँचना शुरू हो गया है। हर भक्त की चाह है कि नवरात्रि के विशेष अवसर पर माँ के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त हो इसलिए देश के विभिन्न इलाकों से लोग माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए चले आ रहे हैं। कटरा से लेकर माता के भवन तक जय माता दी के नारे गुंजायमान हैं। नवरात्रि पर पूरे इलाके को सजाया भी गया है जोकि देखते ही बन रहा है। इस दौरान कटरा से लेकर भवन तक की दुकानों की साज सज्जा भी देखते ही बन रही है। पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के भी तगड़े इंतजाम किये हैं और चप्पे चप्पे पर नजर रखी जा रही है। सोमवार को नवरात्रि के पहले दिन लोग बड़े उत्साह से लाइनों में लगते देखे गये।
उधर, भक्तों की भीड़ के सही प्रबंधन के लिए स्थानीय प्रशासन ने काफी इंतजाम किये हैं। माता का भवन भी नवरात्रि पर भक्तों का स्वागत करने के लिए पहले ही पूरी तरह तैयार कर लिया गया था। अधिकारियों का कहना है कि नवरात्रि के दौरान देश-विदेश से करीब तीन लाख भक्तों के वैष्णो देवी धर्मस्थल पर पहुंचने की उम्मीद है, ऐसे में श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने इस भीड़ के मद्देनजर सुरक्षा से लेकर अन्य आवश्यक तैयारियां की हैं।
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हम आपको यह भी बता दें कि श्री वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 31 अगस्त को श्रद्धालुओं के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) प्रणाली की शुरुआत की थी। RFID नए साल पर वैष्णो देवी मंदिर परिसर में मची भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंजूर की गई कई परियोजनाओं में एक है। उल्लेखनीय है कि उक्त भगदड़ में 12 लोगों की मौत हुई थी जबकि 16 अन्य घायल हुए थे।
बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग ने बताया, ''हमने दो नियंत्रण कक्ष बनाए हैं और भवन तक जाने के रास्ते में कुल 120 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा कि RFID कार्ड प्रणाली श्रद्धालुओं के लिए अनिवार्य है और इससे भीड़ को नियंत्रित करने और वास्तविक समय में श्रद्धालुओं पर नजर रखने में मदद मिलेगी।’’ उन्होंने बताया कि धाम के आसपास के इलाकों को नवरात्रि के लिए फूल और रोशनी से सजाया गया है। अंशुल गर्ग ने बताया कि दिव्यांग श्रद्धालुओं को भवन तक पहुंचने के लिए मुफ्त में घोड़े और बैटरी कार सेवा की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘श्राइन बोर्ड द्वारा यह नयी पहल की गई है और हमने विशेष आवश्यकता वाले लोगों की मदद के लिए हेल्प डेस्क स्थापित की है। उन्होंने कहा कि उन्हें भवन में दर्शन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी।
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