आज का दिन है भारतीय रेल के इतिहास में बेहद खास, Nehru ने किया था रेलवे कोच फैकट्री का उद्घाटन

railway coach.
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इस दौरान एक बड़ी सभा की उपस्थिति में असेंबली शॉप में नेहरू ने इसका उद्घाटन समारोह आयोजित किया। ये आयोजन बेहद खास था। जैसे ही प्रधानमंत्री ने फैक्ट्री में असेंबल होने वाले पहले कोच का अनावरण करने के लिए बटन दबाया, क्रेन से ऊपर गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश होने लगी थी।

भारतीय रेलवे दुनिया के सबसे अधिक रोजगार दिलाने वाली इंडस्ट्री में शुमार है। भारतीय रेल के कोच पेरम्बूर इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनाए जाने की शुरुआत वर्ष 1955 में दो अक्टूबर से ही की गई थी। इस फैक्ट्री का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था। 

इस दौरान एक बड़ी सभा की उपस्थिति में असेंबली शॉप में नेहरू ने इसका उद्घाटन समारोह आयोजित किया। ये आयोजन बेहद खास था। जैसे ही प्रधानमंत्री ने फैक्ट्री में असेंबल होने वाले पहले कोच का अनावरण करने के लिए बटन दबाया, क्रेन से ऊपर गुलाब की पंखुड़ियों की बारिश होने लगी थी। तालियों की गड़हड़ाहट के बीच तुरंत ही को बाहर ले जाया गया था। इस दौरान नेहरू जी ने संबोधन भी दिया था मगर उसमें साफ झलक रहा था कि उनपर महात्मा गांधी के विचार हावी हो रहे थे क्योंकि उस दिन गांधी जी की जयंती थी।

जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि गांधीजी औद्योगीकरण के विरोधी नहीं थे और इसलिए, उनके जन्मदिन के जश्न और कोच फैक्ट्री के उद्घाटन के बीच कोई विरोधाभास नहीं था। गौरतलब है कि आजादी के बाद भारत के अधिकांश भाग में गाँव शामिल हैं जिनका पुनर्निर्माण किया जाना था यदि देश को प्रगति करनी थी। सामुदायिक परियोजनाएं पहले ही 1,00,000 से अधिक गांवों को कवर कर चुकी हैं और कुछ ही वर्षों में पूरे ग्रामीण इलाकों को कवर कर लेंगी।

तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जातिवाद और समाज के वर्गीकरण और स्तरीकरण की निंदा की। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच दूरियां दूर होनी चाहिए और जो कोई भी शारीरिक श्रम को अपनी गरिमा से नीचे समझता है, वह उसके सम्मान का पात्र नहीं है। उन्होंने घोषणा की कि पेरम्बूर में नई फैक्ट्री "हमारी यात्रा में एक और बड़ा कदम है" और "औद्योगिकीकरण की दिशा में हमारे मार्च का उचित प्रतिनिधित्व करती है।"

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