रामायण की वापसी से दूरदर्शन की बल्ले-बल्ले, सबसे ज्यादा देखा गया चैनल
दक्षिण में सन टीवी ने भी पौराणिक/प्राचीन आख्यानों पर आधारित धाराविक शुरू किए और सफल रहा। इस दौरान जिन अन्य भुगतान पर आधारित सामान्य मनोरंजन चैनलों ने पुराने यादगार धारावाहिकों को दोबारा दिखाया, उनके दर्शकों की संख्या में भी उछाल देखने को मिला।
इसमें से ज्यादातर धारावाहिकों को उस समय बनाया गया था, जब टीवी प्रसारण पर दूरदर्शन का एकाधिकार था। बीएआरसी के मुताबिक दूरदर्शन के दर्शकों की संख्या में आए भारी उछाल में रामायण और महाभारत का मुख्य रूप से योगदान है। इसके अलावा अन्य कार्यक्रमों ने चुनिंदा स्लॉट में दूरदर्शन की स्थिति को बेहतर बनाने में मदद की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रविवार रात नौ बजे घर की लाइट बंद करने की अपील के दौरान इस समय खंड में 2015 के बाद से सबसे कम दर्शक रहे। इसी तरह मोदी की लाइट बंद करने की अपील वाले भाषण को लॉकडाउन की घोषण वाले भाषण की तुलना में कम लोगों ने देखा। गिनती के हिसाब से इनके दर्शकों की संख्या क्रमश 11.9 करोड और 19.7 करोड़ रही।A Big Thank You to all the viewers of Doordarshan - per @BARCIndia the most viewed channel during week 13 is @DDNational across India. With your support Public Broadcaster has helped India Stay Home, Stay Safe as we fight back #COVID-19 pandemic.
— Shashi Shekhar (@shashidigital) April 9, 2020
दक्षिण में सन टीवी ने भी पौराणिक/प्राचीन आख्यानों पर आधारित धाराविक शुरू किए और सफल रहा। इस दौरान जिन अन्य भुगतान पर आधारित सामान्य मनोरंजन चैनलों ने पुराने यादगार धारावाहिकों को दोबारा दिखाया, उनके दर्शकों की संख्या में भी उछाल देखने को मिला। बीएआरसी ने बताया कि समीक्षाधीन सप्ताह के दौरानपिछले सप्ताह की तुलना में पिछले सप्ताह की तुलना मेंकुल टीवी दर्शकों की संख्या चार प्रतिशत और कोराना वायरस के दौर से पहले की तुलना में43 प्रतिशत बढ़ी। इस दौरान फिल्मों और समाचार पर आधारित चैनलों के दर्शक सबसे अधिक बढ़े और फिल्मों पर आधारित चैनलों ने सामान्य मनोरंजन चैनलों को पीछे छोड़ दिया। दिलचस्प बात यह है कि कोई भी नया खेल आयोजन नहीं होने के बाद भी खेल चैनलों के दर्शकों की संख्या 21 प्रतिशत बढ़ी।
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