Chandrayaan 3 की लैंडिंग से पहले जानें, जब Indira Gandhi ने Rakesh Sharma से अंतरिक्ष में की थी बात... पूछा था दिलचस्प सवाल
वहीं जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे फोन पर बातचीत भी की थी। इस बातचीत के कई क्लिप्स आज भी सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उपलब्ध है। इस बातचीत के दौरान राकेश शर्मा से इंदिरा गांधी ने एक सवाल किया था।
चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर सफल लैंडिंग करने को लेकर अब चंद ही घंटे शेष रह गए है। इसरो के साथ साथ पूरा देश इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 23 अगस्त की शाम 6.04 बजे जैसे ही भारत के इसरो का चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह को छुएगा वैसे ही चांद पर भारत के कदम हो जाएंगे। इसी के साथ भारत बड़ा इतिहास रचते हुए चांद को अपनी मुट्ठी में हासिल कर लेगा।
चंद्रयान 3 का विक्रम लैंडर चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए पूरी तरह से तैयार है। अंतरिक्ष की दुनिया में ये कदम भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा। इससे पहले भी भारत ने अंतरिक्ष में कई कीर्तिमान रचे है। अंतरिक्ष और भारता का जिक्र आते ही राकेश शर्मा का नाम आना लाज्मी है। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय थे। दो अप्रैल, 1984 का जब वायुसेना के पायलट विंग कमांडर राकेश शर्मा टी-सोयुज 11 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा पर गए थे। अंतरिक्ष में पहुंचकर उन्होंने भारत का और अपना नाम इतिहास में दर्ज कराया था। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा से लेकर मंगलयान मिशन तक भारत का अंतरिक्ष में सफर काफी अहम रहा है।
Former PM Mrs Indira Gandhi and Sq Leader Mr Rakesh Sharma in conversation April 2, 1984
— Supriya Bhardwaj (@Supriya23bh) August 23, 2023
Mrs Indira Gandhi : वहाँ (space) से भारत कैसा दिखता है?
Sq Ldr Rakesh Sharma ji :
सारे जहां से अच्छा 🇮🇳 pic.twitter.com/w8c0SRi5J9
वहीं जब राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे तो अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे फोन पर बातचीत भी की थी। इस बातचीत के कई क्लिप्स आज भी सोशल मीडिया और इंटरनेट पर उपलब्ध है। इस बातचीत के दौरान राकेश शर्मा से इंदिरा गांधी ने एक सवाल किया था। उन्होंने पूछा था कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है। इसके जवाब में उन्होंने कहा था कि मैं बेहिचक कह सकता हूं कि सारे जहां से अच्छा...। राकेश शर्मा द्वारा दिए गए इस जवाब को सुनकर आज के समय में भी भारतीय गौरव का अनुभव करते है।
वैज्ञानिक प्रयोग करेगा चंद्रयान 3
चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 की अगली कड़ी है और इसका उद्देश्य चांद की सतह पर सुरक्षित और आसानी से लैंडिंग करना, चंद्रमा पर घूमना और वैज्ञानिक प्रयोग करना है। चंद्रयान -2 अपने अभियान में विफल रहा था क्योंकि इसका लैंडर ‘विक्रम’ सात सितंबर, 2019 को लैंडिंग का प्रयास करते समय लैंडर के ब्रेकिंग सिस्टम में खराबी आ जाने के कारण सतह पर उतरने से कुछ मिनट पहले चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। चंद्रयान का पहला अभियान 2008 में हुआ था। 600 करोड़ रुपये की लागत वाला चंद्रयान-3 अभियान लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (एलवीएम-3) रॉकेट के जरिए 14 जुलाई को शुरू हुआ था और आज तक इसने 41 दिन का सफर तय कर लिया है।
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