चंद्रयान-2: ऑर्बिटर से सफलतापूर्वक अलग हुआ लैंडर विक्रम, 7 सितंबर को सतह पर उतरेगा
इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है। यदि सबकुछ ठीक रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा।
बेंगलुरु। इसरो ने चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ लैंडर को सफलतापूर्वक अलग कर दिया जो सात सितंबर को चांद की सतह पर उतरेगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि यह प्रक्रिया अपराह्न 12 बजकर 45 मिनट पर शुरू हुई और एक बजकर 15 मिनट पर ऑर्बिटर से ‘विक्रम’ अलग हो गया। इसरो के एक अधिकारी ने कहा कि जी हां, यह सफलतापूर्वक अलग हो गया। लैंडर अब सात सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में रात एक बजकर 55 मिनट पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करेगा। लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद इसके भीतर से ‘प्रज्ञान’ नाम का रोवर बाहर निकलेगा और अपने छह पहियों पर चलकर चांद की सतह पर अपने वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम देगा।
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इसरो के वैज्ञानिकों का कहना है कि चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ चंद्र मिशन-2 का सबसे जटिल चरण है। यदि सबकुछ ठीक रहता है तो अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चांद पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। इसके साथ ही अंतरिक्ष इतिहास में भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र में उतरने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। ‘लैंडर’ का नाम भारत के अंतरिक्ष मिशन के जनक विक्रम साराभाई के नाम पर ‘विक्रम’ रखा गया है।
ISRO: The Vikram Lander successfully separated from #Chandrayaan2 Orbiter at 1:15 pm today (September 2, 2019). The Vikram Lander is currently located in an orbit of 119 km x 127 km. The Chandrayaan 2 Orbiter continues to orbit the moon in its existing orbit. pic.twitter.com/YVnerza1wC
— ANI (@ANI) September 2, 2019
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