गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत का विवादित बयान- हिंदुओं को ढोंगी नंबर-1 करार दिया
किसानों को रसायन आधारित खेती छोड़ने के लिए प्रेरित करने के वास्ते देवव्रत ने कहा कि ‘भगवान खुश होंगे’ अगर किसान प्राकृतिक खेती अपनाते हैं, जिसमें गोबर और गोमूत्र का उपयोग उर्वरक के साथ-साथ कीटनाशक के रूप में भी किया जाता है।
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत अपने एक विवादित बयान के चलते सुर्खियों में आ गये हैं। दरअसल उन्होंने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिंदुओं को ढोंगी करार दे दिया है जिससे विवाद खड़ा हो गया है। सोशल मीडिया पर उनके बयान को लेकर लोग तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं व्यक्त कर रहे हैं। हम आपको बता दें कि गुजरात के राज्यपाल ने नर्मदा जिले के राजपिपला कस्बे के पास पोइचा गांव में प्राकृतिक खेती के विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में किसानों को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि हिंदू ‘ढोंगी’ हैं, क्योंकि गायें जब दूध देना बंद कर देती हैं तो वे उन्हें छोड़ देते हैं।
उन्होंने कहा, “एक तरफ आप गौ-माता के जयकारे लगाते हैं, उनकी पूजा करते हैं, उनके माथे पर तिलक लगाते हैं। लेकिन, वही गाय जब दूध देना बंद कर देती है तो आप उसे छोड़ देते हैं।” देवव्रत ने इसके बाद व्यंग्यात्मक अंदाज में ‘गौ-माता की जय हो’ का नारा लगाया। कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने भी उनके पीछे यह नारा दोहराया। राज्यपाल ने कहा, “इसलिए मैं कहता हूं कि हिंदू समाज ‘ढोंगी’ नंबर वन है। आपको पहले गौ-माता को समझना होगा। उन्हें किसी वजह से गौ-माता कहा जाता है।”
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किसानों को रसायन आधारित खेती छोड़ने के लिए प्रेरित करने के वास्ते देवव्रत ने कहा कि ‘भगवान खुश होंगे’ अगर किसान प्राकृतिक खेती अपनाते हैं, जिसमें गोबर और गोमूत्र का उपयोग उर्वरक के साथ-साथ कीटनाशक के रूप में भी किया जाता है।
हम आपको बता दें कि गुजरात के राज्यपाल देवव्रत प्राकृतिक खेती के प्रबल समर्थक रहे हैं। वह लोगों को कृषि की पारंपरिक तकनीक के फायदों के बारे में जागरूक करने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करते हैं। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्राकृतिक खेती के बारे में जागरूकता फैलाने के देवव्रत के प्रयासों के लिए कई मौकों पर उनकी तारीफ की है। गुजरात का राज्यपाल बनने से पहले आचार्य देवव्रत हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल थे। देवव्रत मूलरूप से हरियाणा के पानीपत जिले के रहने वाले हैं। वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र के एक गुरुकुल में प्रधानाचार्य भी रह चुके हैं। फिलहाल उनके बयान पर तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं।
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