पश्चिम बंगाल में हैं तो एक बार इन जगहों पर जरूर घूमें
बीरभूम जिले के बोलपुर के पास एक छोटा सा शहर, शांतिनिकेतन नोबेल विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के ट्रेजर ट्रोव के रूप में बेहतर जाना जाता है। यह छोटा शहर लगभग 212 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। टैगोर ने 1863 में यहां एक आश्रम की स्थापना की और ब्रह्म समाज के सर्जक बने।
भारत का पश्चिम बंगाल राज्य संस्कृति कला से लेकर प्राकृतिक सौंदर्य का धनी है। यह एक ऐसा राज्य है जहां पर हर पर्यटक के लिए कुछ ना कुछ अवश्य है। भले ही आप धार्मिक प्रवृत्ति के हों या फिर साहसिक प्रवृत्ति के इंसान, पश्चिम बंगदाल आपको कभी भी निराश नहीं करेगा। तो चलिए आज हम आपको पश्चिम बंगाल की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें आपको अपनी ट्रेवलिंग के दौरान अवश्य देखना चाहिए−
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कोलकाता में घूमें
पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता, जिसे आधिकारिक तौर पर 2001 तक कलकत्ता के ब्रिटिश नाम से जाना जाता है, पिछले एक दशक में नाटकीय रूप से बदल गई है। यहां पर हावड़ा ब्रिज से लेकर बिरला मंदिर, ईडन गार्डन, विक्टोरिया मेमोरियल कई शानदार जगहें आपको देखने को मिलेंगी। यह देश के कई कवियों, लेखकों और नोबल पुरस्कार विजेताओं का घर है, इसलिए इस शहर को आज "भारत की सांस्कृतिक राजधानी" भी कहा जाता है। कोलकाता भारत का एकमात्र शहर है, जहां पर आज भी आपको ट्राम में घूमने को मिलेगा। यह आपको पुराने खूबसूरत दौर की याद दिलाएगा।
शांति निकेतन में खोजें शांति
बीरभूम जिले के बोलपुर के पास एक छोटा सा शहर, शांतिनिकेतन नोबेल विजेता रवींद्रनाथ टैगोर के ट्रेजर ट्रोव के रूप में बेहतर जाना जाता है। यह छोटा शहर लगभग 212 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। टैगोर ने 1863 में यहां एक आश्रम की स्थापना की और ब्रह्म समाज के सर्जक बने। शान्तिनकिेतन परिसर शानदार मूर्तियों, भित्तिचित्रों, भित्ति चित्रों और रवींद्रनाथ, नंदलाल बोस, रामकिंकर, बिनोदबिहारी मुखोपाध्याय के चित्रों से सुसज्जित है।
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देखें सुंदरबन नेशनल पार्क
सुंदरवन राष्ट्रीय उद्यान भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के दक्षिणी भाग में गंगा नदी के सुंदरवन डेल्टा क्षेत्र में स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है। यह एक बाघ संरक्षित क्षेत्र है। यह क्षेत्र मैन्ग्रोव के घने जंगलों से घिरा हुआ है और रॉयल बंगाल टाइगर का सबसे बड़ा संरक्षित क्षेत्र है। इस नेशनल पार्क में आपको बाघों के अलावा पक्षियों व सरीसृपों की कुछ प्रजातियां भी देखने को मिलेंगी।
घूमें दार्जिलिंग
अपने रसीले चाय के बागानों के लिए सबसे प्रसिद्ध, दार्जिलिंग भारत के शीर्ष 10 हिल स्टेशनों में से एक है। इस शहर में दुनिया की तीसरी सबसे उंची चोटी कंचनजंगा भी है। 19 वीं शताब्दी के मध्य में अंग्रेजों द्वारा विकसित किए जाने से पहले दार्जिलिंग सिक्किम राज्य का हिस्सा था और अस्थायी रूप से नेपाल से गोरखाओं द्वारा आक्रमण करके शासित था। अगर आप यहां हैं तो ऐतिहासिक दार्जिलिंग पर्वत रेलवे टॉय ट्रेन पर यात्रा करें। मानसून के मौसम के दौरान यहां पर जाना ठीक नहीं माना जाता, क्योंकि यहां पर काफी भारी वर्षा होती है। यह क्षेत्र भारत के सबसे शानदार स्थानों में से एक है।
- मिताली जैन
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