Kanha National Park: सुंदर वन्यजीव अभ्यारण्यों में से एक है कन्हा नेशनल पार्क
कान्हा नेशनल पार्क की स्थापना 1955 में की गई थी। शुरुआत में इसका क्षेत्रफल लगभग 300 वर्ग किलोमीटर था, जिसे बाद में बढ़ाकर वर्तमान में लगभग 940 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया। यह पार्क मुख्य रूप से बाघों और अन्य वन्यजीवों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया था।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, मध्यप्रदेश के बालाघाट और मंडला जिलों में स्थित एक प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान है। यह भारत के सबसे प्रसिद्ध और सुंदर वन्यजीव अभ्यारण्यों में से एक है। कन्हा न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीवों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे बड़े बाघ संरक्षण क्षेत्रों में भी शामिल है। यह उद्यान 940 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है और भारतीय वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक अद्वितीय गंतव्य स्थल है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास
कान्हा नेशनल पार्क की स्थापना 1955 में की गई थी। शुरुआत में इसका क्षेत्रफल लगभग 300 वर्ग किलोमीटर था, जिसे बाद में बढ़ाकर वर्तमान में लगभग 940 वर्ग किलोमीटर कर दिया गया। यह पार्क मुख्य रूप से बाघों और अन्य वन्यजीवों की प्रजातियों के संरक्षण के लिए स्थापित किया गया था। कन्हा को "बाघों का घर" भी कहा जाता है क्योंकि यह बाघों की सबसे बड़ी आबादी वाले क्षेत्रों में से एक है। यह पार्क 1973 में भारत सरकार के प्रोजेक्ट टाइगर के तहत एक संरक्षित क्षेत्र के रूप में घोषित किया गया था।
कान्हा के प्रमुख आकर्षण
बाघ (Royal Bengal Tiger): कान्हा का प्रमुख आकर्षण बाघ है। यहां बाघों की अच्छी संख्या पाई जाती है, और पर्यटकों को बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में देखने का अद्वितीय अनुभव मिलता है।
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संगठित सफारी: कान्हा नेशनल पार्क में जीप सफारी और हाथी सफारी की व्यवस्था है, जिससे पर्यटक जंगल के भीतर जाकर वन्यजीवों का करीबी से अवलोकन कर सकते हैं। यह सफारी वाइल्डलाइफ फोटोग्राफरों और जीव-जंतुओं के प्रेमियों के लिए एक आदर्श अनुभव है।
जंगल का दृश्य: कान्हा नेशनल पार्क अपनी भव्य हरियाली, घने जंगलों, और खुले घास के मैदानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण दर्शनीय है।
बर्ड वॉचिंग: कान्हा पार्क में पक्षियों की 300 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह स्थल बर्ड वॉचिंग के शौकिनों के लिए स्वर्ग जैसा है। यहां आपको विभिन्न प्रकार के रंग-बिरंगे और दुर्लभ पक्षी देखने को मिल सकते हैं।
कान्हा और बांधवगढ़ का कनेक्शन: कन्हा पार्क का एक हिस्सा बांधवगढ़ नेशनल पार्क से जुड़ा हुआ है, जो इसे एक विशेष क्षेत्र बनाता है जहाँ वन्यजीवों की प्रजातियाँ आपस में घुलमिल जाती हैं।
कान्हा के वन्यजीव
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में बाघों के अलावा अन्य कई महत्वपूर्ण वन्यजीवों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
सिंह (Leopard): बाघों के अलावा, कन्हा में तेंदुआ भी देखने को मिलते हैं, जो इस क्षेत्र के जंगलों में अपने शिकार की तलाश में घूमते रहते हैं।
सियार और लकड़बग्घा (Wild Dogs and Jackals): इन जंगली कुत्तों का झुंड अक्सर जंगल में शिकार करते हुए देखा जा सकता है।
हिरण (Deer): कान्हा में विभिन्न प्रकार के हिरण, जैसे कि स्पॉटेड डियर (चitals), सांभर, और मुर्राह हिरण, बहुतायत में पाए जाते हैं।
भालू (Sloth Bear): भालू भी कान्हा के जंगलों में देखे जाते हैं और उनकी उपस्थिति इस क्षेत्र की जैव विविधता को दर्शाती है।
काले भालू (Black Bear): कान्हा में काले भालू भी पाए जाते हैं, जो जंगल के भीतर विचरण करते हैं।
नदी के किनारे और झीलें: कान्हा में कई छोटी-बड़ी झीलें और नदियाँ हैं, जो वन्यजीवों के लिए पानी का मुख्य स्रोत हैं।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान का मौसम
कान्हा में मौसम विविधतापूर्ण है, जो प्रत्येक सत्र में जंगल की सुंदरता और वन्यजीवों की गतिविधियों को बदलता रहता है:
गर्मी का मौसम (मार्च से जून): गर्मी के दौरान कन्हा का तापमान बहुत बढ़ सकता है, लेकिन यही समय होता है जब जंगल के पशु-पक्षी पानी की तलाश में अपने क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों में विचरण करते हैं, जिससे सफारी के दौरान अधिक जानवर देखने को मिलते हैं।
मानसून (जुलाई से सितंबर): मानसून में बारिश के कारण जंगल में हरियाली बढ़ जाती है, और यह वन्यजीवों के लिए प्रजनन का समय होता है। हालांकि, बारिश के कारण सफारी का सफर सीमित हो सकता है।
सर्दी (नवंबर से फरवरी): सर्दियों में मौसम सुहावना होता है, जो सफारी के लिए आदर्श है। यह समय पक्षियों और जानवरों के अवलोकन के लिए भी सर्वोत्तम होता है।
कान्हा कैसे पहुंचे
वायु मार्ग: कन्हा का नजदीकी हवाई अड्डा जबलपुर है, जो लगभग 160 किलोमीटर दूर है। यहां से टैक्सी द्वारा कन्हा पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग: जबलपुर और कटंगी रेलवे स्टेशन कन्हा के सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन हैं। ये स्टेशन प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़े हुए हैं।
सड़क मार्ग: कान्हा राष्ट्रीय उद्यान सड़क मार्ग से प्रमुख शहरों जैसे कि जबलपुर, नागपुर और भोपाल से जुड़ा हुआ है। टैक्सी और बस द्वारा कान्हा पहुंचने की सुविधा उपलब्ध है।
कान्हा राष्ट्रीय उद्यान एक अद्वितीय स्थल है जहाँ प्रकृति, वन्यजीवों और साहसिक गतिविधियों का अद्भुत संगम होता है। यह एक बेहतरीन स्थान है, जहाँ वन्यजीव प्रेमी, फोटोग्राफर, और साहसिक यात्रा के शौकिन प्राकृतिक सौंदर्य और वन्यजीवों का पूरा अनुभव ले सकते हैं। कान्हा का पर्यटन न केवल रोमांचक है, बल्कि यह हमें हमारे पर्यावरण और वन्यजीवों के संरक्षण के महत्व को भी समझाता है।
-प्रीटी
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