क्या है मणि ऐप और दृष्टिबाधितों के लिए कैसे करता है काम ?

how-mani-app-works-for-visually-challenged

भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा लांच किया गया एक मोबाइल एप्लीकेशन का नाम मणि ऐप रखा गया है। इसका पूरा नाम मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर ऐप है। यह ऐप उन लोगों के लिए तैयार किया गया है जो देखने में सक्षम नहीं हैं, अर्थात दृष्टिबाधित हैं।

इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया में मुद्रा के बिना रह पाना असंभव है। आज के समय में जहाँ समाज अर्थवादी हो गया है, वहां तो पैसे के बिना कुछ भी सोचना असंभव-सा ही है। फिर भी तमाम विपरीत परिस्थितियों में सामान्य लोग अपने आप को सिचुएशन के अनुसार ढाल लेते हैं, लेकिन असल समस्या तो उन लोगों को होती है जो सामान्य नहीं हैं!

जैसे वह लोग जो आँखों से देख नहीं सकते हैं। दृष्टिबाधित लोगों की सबसे बड़ी समस्या की बात करें तो यह निःसंदेह ही पैसे की पहचान नहीं कर पाना होती है। 

इनकी इस समस्या के लिए 'रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया' ने पहले भी कई कदम उठाये हैं, जिनमें उभरी हुई छपाई, नोटों का आकार और स्पर्श कर महसूस करने वाले चिन्ह आदि शामिल हैं। लेकिन हाल ही में RBI ने मोबाइल के लिए ऐसे एप्लिकेशन जारी किये हैं जिससे आसानी से दृष्टिबाधित लोग इंडियन करेंसी की पहचान कर सकें। 

इसे भी पढ़ें: यह मोबाइल ऐप्स आपके फोन के लिए हो सकते हैं ''खतरनाक''

यह ऐप क्या है और कैसे कार्य करता है, आइये देखते हैं।

क्या है मणि ऐप?   

भारतीय रिजर्व बैंक के द्वारा लांच किया गया एक मोबाइल एप्लीकेशन का नाम मणि ऐप रखा गया है। इसका पूरा नाम मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर ऐप है। यह ऐप उन लोगों के लिए तैयार किया गया है जो देखने में सक्षम नहीं हैं, अर्थात दृष्टिबाधित हैं।

सबसे बड़ी सहूलियत यह है कि इस ऐप की सहायता से कोई भी दृष्टिबाधित व्यक्ति आसानी से भारतीय करेंसी की पहचान कर सकता है।

कैसे करता है काम?

मणि ऐप बनाते समय यह विशेष ध्यान रखा गया है कि यह किसी भी एंगल से नोट की पहचान कर सके। अगर नोट को तिरछा या मोड़ कर रखा जाए तब भी यह ऐप नोट की पहचान आसानी से कर सकता है। वहीं अगर तेज रोशनी भी आ रही है तभी भी यह ऐप आसानी से पहचान जाएगा यह कौन सा, कितने मूल्य का नोट है। पहले और नोटबंदी के बाद शुरू हुए जितने भी महात्मा गांधी के नए सीरीज के नोट हैं उन सभी की यह पहचान करेगा। 

इतना ही नहीं पहचानने के बाद यह हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषाओं में बताएगा कि यह नोट कितने मूल्य का है। हालांकि इस ऐप के जरिए नकली और असली नोट की पहचान नहीं हो पाएगी। 

इसके अलावा यह ऐप छूकर देखने और महसूस किए जाने वाले चिन्ह, उभरी हुई छपाई आदि सारे फंक्शन की पहचान करेगा। आरबीआई ने यह स्पष्ट किया है कि इस ऐप को बनाने का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि दृष्टिबाधित लोग भी आसानी से अपने रोजमर्रा के कार्य को कर सकें और प्रौद्योगिकी के विकास में सहायक बन सकें।

कहां से करें डाउनलोड और कैसे करें इस्तेमाल?

इस ऐप को आप गूगल प्ले स्टोर या एप्पल स्टोर से फ्री में डाउनलोड कर सकते हैं। एक बार अगर आपने इस ऐप को इंस्टाल कर लिया है तो यह ऐप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी चलेगा।

जैसे ही आप इस ऐप को इनस्टॉल करेंगे, आपको ऐप द्वारा निर्देश दिए जायेंगे जिसे किसी दृष्टिबाधित को ध्यान से सुनना और समझना होगा।

इसे भी पढ़ें: इन ''ऐप्स'' की मदद से महिलाएं खुद को रख सकती हैं सुरक्षित

इसके बाद यह ऐप आपसे आपकी मोबाइल का कैमरा और माइक इस्तेमाल करने की अनुमति मांगेगा। इसके बाद आपसे यह लैंग्वेज सेलेक्ट करने को कहेगा, जो हिंदी या अंग्रेजी है।

यह निर्देश आप वौइस् कमांड के जरिये भी दे सकते हैं।

इसके बाद आपके सामने दृष्टिबाधित और दृष्टिबाधित के साथ सुनने में भी समस्या आने का ऑप्शन दिखेगा, जिसे आप सेलेक्ट कर सकते हैं या वाइस कमांड के जरिये ऐप को बता सकते हैं।

फिर मोबाइल में आपको टॉक बाइक सेटिंग को इनेबल करना होगा। टॉकबैक से सम्बंधित ट्यूटोरियल आपको यहाँ दिखेगा।

इस सेटिंग को एक्टिवेट करते ही स्क्रीन पर कहीं भी टच करने से आपको उस से सम्बंधित आवाज़ सुनाई देगी और यह फीचर एक जबरदस्त मोबाइल फीचर है। इसमें आप लैंग्वेज भी चूज कर सकते हैं।

तो इस प्रकार मणि ऐप दृष्टिबाधित लोगों के काम को आसान बनाएगा।

हालाँकि, इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले लोग इसमें सुधार की गुंजाइश पर जोर देते हैं, ताकि अधिक से अधिक सटीक परिणाम प्राप्त हो, इसलिए शुरुआत में इसे किसी व्यक्ति की देखरेख में दृष्टिबाधित व्यक्ति को आजमाना चाहिए और संतुष्ट होने के बाद आगे बढ़ना चाहिए, ताकि किसी प्रकार की आर्थिक हानि से बचा जा सका।

मिथिलेश कुमार सिंह

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़