कितने तरह के होते हैं डिजिटल पेमेंट्स, क्या-क्या बरतें सावधानी
अगर नहीं है तो इसे न ही लें तो बेहतर रहेगा। खासकर तब जब आप डिजिटल पेमेंट्स में बहुत कम्फ़र्टेबल न हों! ध्यान रहे क्रेडिट कार्ड पेमेंट में कई लोग नुकसान भी उठाते हैं क्योंकि इसके नियम उलझाऊ और इस पर लगने वाला शुल्क काफी ज्यादा होता है।
भारतवर्ष में डिजिटल पेमेंट अब बड़े पैमाने पर होने लगे हैं। ज्यों-ज्यों डिजिटल पेमेंट अपनी रफ्तार पकड़ रहा है, त्यों त्यों उतनी ही मात्रा में डिजिटल फ्रॉड भी बढ़ रहे हैं। कस्टमर के लिए पहचानना मुश्किल हो रहा है कि कौन से डिजिटल ऑप्शन से वह पेमेंट करें और किस ऑप्शन को इग्नोर करें।
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ऑनलाइन खरीदारी में भी उसके सामने कई ऑप्शन आ जाते हैं, ऐसे में उसका कंफ्यूज होना स्वाभाविक ही है। आइए जानते हैं कि भारत में कौन-कौन सी डिजिटल पेमेंट वैलिड है और किसका कहाँ प्रयोग करना चाहिए।
बैंकिंग कार्ड्स
जब आप किसी बैंक में अपना अकाउंट ओपन करते हैं, तो हाथ के हाथ आपको डेबिट कार्ड मिल जाता है, जिसे आप एटीएम कार्ड भी बोलते हैं। इसके अलावा बैंक आपको क्रेडिट कार्ड भी देते हैं, पर आपको सोचना है कि क्या वाकई आपको क्रेडिट कार्ड्स की ज़रुरत है?
अगर नहीं है तो इसे न ही लें तो बेहतर रहेगा। खासकर तब जब आप डिजिटल पेमेंट्स में बहुत कम्फ़र्टेबल न हों! ध्यान रहे क्रेडिट कार्ड पेमेंट में कई लोग नुकसान भी उठाते हैं क्योंकि इसके नियम उलझाऊ और इस पर लगने वाला शुल्क काफी ज्यादा होता है।
क्रेडिट और डेबिट दोनों तरह के कार्ड्स में आपका पिन बेहद महत्वपूर्ण होता है, इसे किसी हाल में किसी से शेयर न करें।
यूपीआई पेमेंट ऑप्शन
यूपीआई (UPI) यानी यूनिफॉर्म पेमेंट इंटरफेस आपको तुरंत पैसा ट्रांसफर करने अथवा रिसीव करने की सहूलियत देता है। इसमें न केवल गवर्नमेंट प्रदत्त सेवाएं शामिल हैं, बल्कि गूगल पे (GooglePay) फोनपे (PhonePe) पेटीएम पेमेंट्स बैंक इत्यादि शामिल हैं और बड़े पैमाने पर ग्राहकों को भी जोड़ रहे हैं। हालाँकि, इसमें भी आपको फ्रॉड से सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि कई बार आपको फिशिंग के लिए तमाम जगहों से कॉल्स आती हैं और असावधान रहने पर आप उसमें फंस जाते हैं।
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यूपीआई आपको पेमेंट्स की काफी सहूलियत देता है, किन्तु इससे फ्रॉड भी काफी मात्रा में हो रहे हैं। अतः आवश्यक है कि अपने पिन को सुरक्षित रखें और किसी हाल में गैर ज़रूरी रूप से अपना फोन किसी के हाथ में न दें।
एइपीएस (AEPS) आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम
जी हां! इसके जरिए आप अपनी केवाईसी इनफॉरमेशन देकर अपने अकाउंट आधार से लिंक करा सकते हैं 1 से 2 मिनट में यह सर्विस एक्टिवेट हो जाती है और इसके लिए आपको माइक्रो एटीएम की जरूरत होती है आपकी फिजिकल प्रेजेंस के साथ यहां पर पैसे निकल जाते हैं लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि ऑथराइज जगह पर ही और विश्वसनीय जगह पर ही इस सर्विस का आप उपयोग करें कहीं भी करने से धोखाधड़ी का खतरा मौजूद रहता है
मोबाइल वालेट
मोबाइल में पेटीएम इसमें सबसे ज्यादा पॉपुलर माना जाता है। नोटबंदी के समय से ही मोबाइल वॉलेट काफी लोकप्रिय है और इसके जरिए भी आप किसी को पेमेंट कर सकते हैं। अब तो इसके जरिए आप किसी भी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर भी कर सकते हैं। हालांकि यह चार्जेबल होता है। मोबाइल वालेट ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में काफी लोकप्रिय हैं।
इंटरनेट बैंकिंग
जी हां! आप चाहे इंस्टेंट मनी ट्रांसफर करना चाहें या फिर एनईएफटी करना चाहें, हर वह बैंकिंग का काम इंटरनेट बैंकिंग के थ्रू कर सकते हैं। इसमें किसी भी बैंक से इन्टरनेट बैंकिंग के लिए अप्लाई करने के बाद आपको यूजर नेम और पासवर्ड मिलता है और उससे आप लॉगइन करके बैंक की इंटरनेट बैंकिंग वेबसाइट पर विजिट करते हैं और तमाम ट्रांजैक्शन परफॉर्म करते हैं।
पीओएस (PoS) यानी पॉइंट ऑफ सेल
आप अक्सर देखते होंगे कि शॉपिंग माल्स में खरीददारी के समय आपके बैंकिंग कार्ड्स को स्क्रैच करके एक मशीन से पेमेंट ली जाती है। इस मशीन को पॉइंट ऑफ सेल बोलते हैं और अलग-अलग बैंक यह मशीन आपको प्रोवाइड करता है, जब आप इसकी एक व्यापारी के तौर पर डिमांड करते हैं।
कल्पना कीजिए कि आप कोई स्टोर खोल रहे हैं तो आप बैंक से पीओएस की डिमांड करते हैं और उस पीओएस मशीन से आप किसी भी कार्ड से स्क्रैच करके पेमेंट ले सकते हैं।
एक कस्टमर के तौर पर आपको ध्यान रखना चाहिए कि कार्ड स्क्रैच करते समय अपना पासवर्ड सेफ्टी से डालें। अगर आपके अकाउंट से बिना आपकी इजाजत के रकम कटती है तो तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
उपरोक्त पेमेंट मेथड्स के अलावा यूएसएसडी (USSD) बैंक प्रीपेड कार्ड और माइक्रो एटीएम भी काफी प्रयोग में लाए जाते हैं, किंतु डिजिटल पेमेंट्स में यह ध्यान रखने की जरूरत है कि पूरी तरह से यह सुरक्षित है या नहीं। अगर यह सुरक्षित नहीं है तो कहीं ना कहीं आप धोखाधड़ी के शिकार हो सकते हैं।
- मिथिलेश कुमार सिंह
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