यशस्वी और मुकेश का प्रदर्शन सकारात्मक पहलू, दक्षिण अफ्रीका में होगी असली परीक्षा
दूसरी तरफ ईशान किशन ने अपनी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग से प्रभावित किया लेकिन दक्षिण अफ्रीका में उनके लिए शार्ट पिच गेंदों का सामना करना आसान नहीं होगा।
सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल ने अपने पदार्पण मैच में धैर्य और प्रवाहमय बल्लेबाजी का शानदार नमूना पेश किया जो वेस्टइंडीज के खिलाफ हाल में समाप्त हुई दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला का सकारात्मक पहलु रहा लेकिन भारतीय टीम की असली परीक्षा दक्षिण अफ्रीका दौरे में होगी। भारत ने वेस्टइंडीज के खिलाफ इस टेस्ट श्रृंखला में अपेक्षानुरूप जीत हासिल की। भारत का श्रृंखला में क्लीन स्वीप करना तय माना जा रहा था लेकिन दूसरा टेस्ट मैच बारिश से धुल गया जिससे भारतीय टीम 1-0 से ही जीत दर्ज कर पाई। यह श्रृंखला रोहित शर्मा के लिए कप्तान और बल्लेबाज के तौर पर महत्वपूर्ण थी और वह इन दोनों भूमिकाओं में पूरी तरह से खरे उतरे। उन्होंने तीन पारियों में 240 रन बनाए। उनके अलावा विराट कोहली ने दो पारियों में 197 रन बनाए। इससे इन दोनों शीर्ष बल्लेबाजों को एकदिवसीय श्रृंखला में भी मदद मिलेगी।
वेस्टइंडीज की टीम में कुशल खिलाड़ियों की कमी है और ऐसे में बदलाव के दौर से गुजर रही भारतीय टीम अपने प्रदर्शन का सही आकलन नहीं कर सकती। उसके बल्लेबाजों की असली परीक्षा दक्षिण अफ्रीका में होगी जहां उन्हें एनरिक नोर्किया, कैगिसो रबाडा और लुगी एनगिडी जैसे गेंदबाजों का सामना करना होगा। भारत ने वेस्टइंडीज में कुछ नए खिलाड़ियों को आजमाया जिनमें जायसवाल भी शामिल हैं जिन्होंने टेस्ट पदार्पण पर ही 387 गेंदों का सामना किया था। उन्होंने दिखाया कि वह जानते हैं कि उनका ऑफ स्टंप कहां है और कौन सी गेंद को छोड़ना है। अपने इस कौशल से वह गेंदबाजों को थकाने में सफल रहे। जायसवाल ने दूसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में 30 गेंदों पर 38 रन की आक्रामक पारी खेली और दिखाया की जरूरत पड़ने पर बहुत तेजी से रन भी बना सकते हैं। उनकी असली परीक्षा हालांकि दिसंबर 2023 से जनवरी 2025 तक होगी जब भारत को दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया का सामना करना है।
इस दौरे के लिए उपकप्तान नियुक्त किए जाने पर अजिंक्य रहाणे को भी हैरानी हुई होगी। उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में 89 रन बनाने के बाद यह जिम्मा सौंपा गया था। वेस्टइंडीज में हालांकि उनका बल्ला नहीं चल पाया तथा श्रेयस अय्यर और केएल राहुल के फिट होने के बाद रहाणे को मध्यक्रम में उनके लिए जगह छोड़नी पड़ सकती है। जयदेव उनादकट भी प्रभावित नहीं कर पाए लेकिन अगर वह कुछ अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें विश्वकप तक सीमित ओवरों की टीम में रखा जा सकता है। अर्शदीप सिंह को एशियाई खेलों के लिए भेजा जा रहा है और ऐसे में उनादकट के सामने बाएं हाथ के गेंदबाज के रूप में कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है। लेकिन विश्वकप के बाद उनके टीम में बने रहने की संभावना नहीं है। घरेलू स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने विकल्प मुहैया कराए हैं।
उनकी गेंदों में तेजी नहीं है लेकिन उनकी कटर बल्लेबाजों को परेशानी में डालती है और वह तीसरे तेज गेंदबाज के रूप में अच्छे विकल्प हो सकते हैं। इस श्रृंखला से यह भी तय हो गया है कि ऋषभ पंत के फिट होने तक इशान किशन टेस्ट मैचों में भी विकेटकीपर की जिम्मेदारी निभाएंगे। कोना भरत को पांच टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला लेकिन वह उनमें अपनी बल्लेबाजी से प्रभावित नहीं कर पाए। दूसरी तरफ ईशान किशन ने अपनी बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग से प्रभावित किया लेकिन दक्षिण अफ्रीका में उनके लिए शार्ट पिच गेंदों का सामना करना आसान नहीं होगा।
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