वनडे विश्व कप में स्टेडियम में रिकॉर्ड दर्शकों के पहुंचने के बावजूद प्रारूप के भविष्य पर सवाल
रिवर्स स्विंग की कला को बचाने के लिए यह जरूरी है।’’ कमिंस ने विश्व चैंपियन बनने के बाद कहा कि उन्हें इस प्रारूप से प्यार है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम जीत गए शायद इसलिए भी मुझे इस विश्व कप में फिर से वनडे से प्यार हो गया। मेरा मतलब है, विश्व कप का इतना समृद्ध इतिहास है, मुझे यकीन है कि यह लंबे समय तक बना रहेगा। हां, पिछले कुछ महीनों में बहुत सारे अद्भुत मैच, बहुत सारी अद्भुत कहानियां हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से बरकरार रहेगा।
विश्व कप विजेता कप्तान पैट कमिंस ने खुद स्वीकार किया है कि उन्हें फिर से 50 ओवर के क्रिकेट से प्यार हो गया है, लेकिन मौजूदा समय में एकदिवसीय प्रारूप की भविष्य में प्रासंगिकता को लेकर बहस जारी है। इसमें कोई शक नहीं कि भारत विश्व क्रिकेट की धड़कन है और 45 दिनों तक चले विश्व कप के अधिकांश मैचों के दौरान स्टेडियम खचाखच भरे रहे। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि भारत ने अब तक के सबसे अधिक दर्शकों वाले वनडे विश्व कप का आयोजन किया है। भारत में हाल में संपन्न हुए वनडे विश्व कप के मैचों को 12 लाख 50 हजार दर्शकों ने स्टेडियम में जाकर देखा जो हर चार साल में होने वाली इस प्रतियोगिता का नया रिकॉर्ड है। दर्शकों का यह उत्साह हालांकि द्विपक्षीय श्रृंखला में शायद ही बरकरार रहे।
खिलाड़ी और इस खेल को दिल से चाहने वाले टेस्ट क्रिकेट को पसंद करते हैं लेकिन टी20 प्रारूप से दर्शक ज्यादा प्रेरित और रोमांचित होते हैं। इस प्रारूप का इस्तेमाल खेल को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा है। डिजिटल युग में एकाग्र होकर क्रिकेट देखने का दायरा पहले से कहीं कम हो गया है। इसके साथ ही सभी के पास एक वनडे मैच के लिए आठ घंटे बिताने का समय और उत्साह नहीं है। भारत में आईसीसी वनडे विश्व कप यह साबित करने में सफल रहा कि इस खेल की वैश्विक स्पर्धा को देखने के लिए लोग तैयार हैं लेकिन द्विपक्षीय एकदिवसीय श्रृंखला को लेकर यह विश्वास नहीं जगता है। ऐसे में यह सवाल उठता है: क्या वनडे मैच केवल विश्व कप वर्ष में ही खेले जाने चाहिए? अगर नहीं, तो क्या वसीम अकरम और सचिन तेंदुलकर जैसे दिग्गजों की सलाह पर प्रारूप में बदलाव किया जाना चाहिए।
भारतीय टीम अगले साल सिर्फ छह एकदिवसीय मैच खेलेगी जबकि पाकिस्तान का अगला एकदिवसीय मुकाबला नवंबर 2024 में है। यह हाल तब है जबकि यह देश 2025 में चैम्पियंस ट्रॉफी (2025) की मेजबानी करेगा। विश्व कप के दौरान अकरम ने इस प्रारूप को 50 के बजाय 40 ओवरों का करने की वकालत की तो वही तेंदुलकर काफी समय से इसमें ‘रोमांच’ बढ़ाने के लिए मैचों को 25-25 ओवरों की चार पारियों में बदलना चाहते हैं। अकरम से ‘फॉक्स स्पोर्ट्स’ से कहा, ‘‘ मुझे अभी वनडे क्रिकेट से थोड़ी समस्या है। आजकल एक दिवसीय क्रिकेट में आप बहुत कम देखते हैं कि बीच के ओवरों (लगभग 30वें ओवर के आस पास) में कुछ दिलचस्प होता है। अगर 40 ओवर का प्रारूप होगा तो उस समय अधिक रोमांच होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह होने वाला है या नहीं, लेकिन मुझे लगता है कि 40 ओवर अधिक दिलचस्प होंगे, खासकर द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए। आजकल के दर्शक, हम जानते हैं कि उनके पास समय नब्बे के दशक की तुलना में कम है। हमें इसे टी20 प्रारूप और सोशल मीडिया के अनुकूल बनाना होगा।’’ तेज गेंदबाजी में उनके जोड़ी वकार यूनुस ने आईसीसी को सुझाव दिया कि लगभग 30 ओवर के बाद गेंदबाजी टीम से एक गेंद वापस ली जाये। उन्होंने कहा, ‘‘ एकदिवसीय क्रिकेट बहुत हद तक बल्लेबाजों के अनुकूल है। आईसीसी को मेरा सुझाव होगा कि 30 ओवर के बाद दो में से एक गेंद वापस ले ली जाये। इससे गेंद पूरे खेल के दौरान 35 ओवर पुरानी होगी और गेंदबाजों को रिवर्स स्विंग करने का मौका मिलेगा।
रिवर्स स्विंग की कला को बचाने के लिए यह जरूरी है।’’ कमिंस ने विश्व चैंपियन बनने के बाद कहा कि उन्हें इस प्रारूप से प्यार है। उन्होंने कहा, ‘‘ हम जीत गए शायद इसलिए भी मुझे इस विश्व कप में फिर से वनडे से प्यार हो गया। मेरा मतलब है, विश्व कप का इतना समृद्ध इतिहास है, मुझे यकीन है कि यह लंबे समय तक बना रहेगा। हां, पिछले कुछ महीनों में बहुत सारे अद्भुत मैच, बहुत सारी अद्भुत कहानियां हैं। इसलिए, मुझे लगता है कि यह निश्चित रूप से बरकरार रहेगा।
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