कुलदीप यादव ने कहा- मैच नहीं खेलने पर स्वयं पर संदेह होने लगता है!
भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव का वनडे विश्व कप 2019 तक चयन तय माना जाता था लेकिन अभी ऐसा नहीं है और उन्हें मुख्य टीम में जगह नहीं मिलती है। इस साल के शुरू में इंग्लैंड के खिलाफ पुणे में खराब प्रदर्शन से उनके करियर को धक्का लगा था।
कोलंबो। भारतीय स्पिनर कुलदीप यादव उन खिलाड़ियों से भिन्न हैं जो कुछ मैचों में खराब प्रदर्शन से स्वयं को चुका हुआ मानने लगते हैं लेकिन उन्होंने स्वीकार किया कि जब किसी खिलाड़ी को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाता है तो वह खुद पर संदेह करने लगता है। कुलदीप का वनडे विश्व कप 2019 तक चयन तय माना जाता था लेकिन अभी ऐसा नहीं है और उन्हें मुख्य टीम में जगह नहीं मिलती है। इस साल के शुरू में इंग्लैंड के खिलाफ पुणे में खराब प्रदर्शन से उनके करियर को धक्का लगा था। उस मैच में उन्होंने 84 रन लुटाये थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला था।
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कुलदीप ने श्रीलंका के खिलाफ रविवार को पहले वनडे में 48 रन देकर दो विकेट लेकर अच्छी वापसी की। भारत ने यह मैच सात विकेट से जीता। उन्होंने मैच के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘इंग्लैंड के खिलाफ उस मैच के बाद मुझे किसी भी समय ऐसा नहीं लगा कि सीमित ओवरों का मेरा करियर समाप्त हो गया है। कई बार ऐसा होता है जबकि आप रन लुटाते हो। मैंने मैचों में चार और पांच विकेट भी लिये हैं और यदि लोग उनके बारे में भी चर्चा करें तो बेहतर होगा। ’’ बायें हाथ के कलाई के स्पिनर ने कहा, ‘‘एक या दो खराब मैचों से किसी का करियर समाप्त नहीं हो जाता है। मुझे लगता है कि जिसने भी यह खेल खेला होगा या इस खेल की जानकारी रखता होगा वह इससे भी वाकिफ होगा।’’ अब तक 64 वनडे में 107 विकेट लेने वाले कुलदीप ने कहा, ‘‘पुणे (इंग्लैंड के खिलाफ श्रृंखला) का विकेट बल्लेबाजी के लिये बहुत अच्छा था और उससे स्पिनरों को खास मदद नहीं मिल रही थी। जब विकेट आपके अनुकूल नहीं हो तो ऐसा हो सकता है। ’’
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कोविड-19 के समय में खिलाड़ियों को जैव सुरक्षित वातावरण में रहना पड़ रहा है। कुलदीप इस बीच टीम में अंदर – बाहर होते रहे लेकिन उन्हें खेलने के अधिक मौके नहीं मिले जिसके गलत प्रभाव भी पड़े। उन्होंने कहा, ‘‘जैव सुरक्षित वातावरण में जिंदगी काफी मुश्किल होती है और तब और परेशानी होती है जब आप खेल नहीं रहे हों क्योंकि आप स्वयं पर संदेह करने लगते हो। कई लोग आपकी मदद करना चाहते हैं, आपसे बात करना चाहते हैं लेकिन जब आप बहुत लोगों से बात करते हो तो नयी तरह के संदेह पैदा होने लगते हैं।’’ उन्होंने हालांकि स्वीकार किया टीम खेल में संयम बनाये रखना आवश्यक होता है। वह पहले वनडे से पूर्व दबाव में थे लेकिन कोच राहुल द्रविड़ ने इससे उबरने में उनकी मदद की। कुलदीप ने कहा, ‘‘जब आप लंबे समय बाद खेलते हो तो दबाव होता है और मैं लंबे समय बाद खेल रहा था। ऐसा होता है क्योंकि आप अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हो। शुरू में राहुल सर ने मेरा हौसला बढ़ाया। उन्होंने मुझसे अपने खेल का आनंद उठाने के लिये कहा और मुझे खुशी है इससे फायदा मिला।
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