कोहली के दोहरे शतक की बदौलत टीम इंडिया की स्थिति मजबूत

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[email protected] । Oct 11 2019 6:38PM

कप्तान विराट कोहली ने इस तरह रिकी पोंटिग के टेस्ट कप्तान के तौर पर 19 शतकों के रिकार्ड की बराबरी की।

पुणे। कप्तान विराट कोहली के रिकार्ड सातवें दोहरे शतक की बदौलत भारत ने दूसरे क्रिकेट टेस्ट के दूसरे दिन पांच विकेट पर 601 रन के विशाल स्कोर पर पहली पारी घोषित करने के बाद स्टंप तक दक्षिण अफ्रीका के तीन विकेट झटक लिये। कोहली ने अपने कैरियर की सर्वश्रेष्ठ नाबाद 254 रन की पारी खेली जिससे उन्होंने मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और वीरेन्द्र सहवाग को पीछे छोड़ दिया जिनके नाम छह-छह दोहरे शतक हैं। कोहली ने इस तरह रिकी पोंटिग के टेस्ट कप्तान के तौर पर 19 शतकों के रिकार्ड की बराबरी की। दोनों बल्लेबाज दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ (25 शतक) के बाद दूसरे स्थान पर है। कोहली का टेस्ट क्रिकेट में यह 26वां शतक है जबकि इस साल में यह पहला टेस्ट शतक है।

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रविंद्र जडेजा (91) ने भी कुछ बेहतरीन शाट लगाकर बड़ी पारी खेली लकिन वह दूसरे टेस्ट शतक से चूक गये और कोहली ने उनके आउट होने के तुरंत बाद पारी घोषित कर दी। स्टंप तक दक्षिण अफ्रीका के तीन विकेट पर 36 रन थे जिससे भारतीय टीम इस तीन मैचों की श्रृंखला को चार दिन के अंदर अपने नाम करना चाहेगी। उमेश यादव ने दोनों सलामी बल्लेबाजों डीन एल्गर (06) और ऐडन मार्कराम (शून्य) को आउट किया जबकि मोहम्मद शमी ने तेम्बा बावुमा (08) का विकेट झटका। दक्षिण अफ्रीकी टीम पहले सत्र के बाद से ही ढीली दिख रही थी और कोहली ने भी उनके आक्रमण की धज्जियां उड़ाते हुए पारी को आगे बढ़ाया। पहले सत्र में कोहली ने वर्नोन फिलैंडर को बेहतरीन स्ट्रेट ड्राइव लगाकर अपना 69वां अंतरराष्ट्रीय और 26वां टेस्ट शतक पूरा किया। उन्होंने ढीली गेंदों को नसीहत देते हुए बेहद संयमित पारी खेली जिसमें 336 गेंदों में 33 चौके और दो छक्के जड़े थे। यह मैराथन पारी रही जिसमें उन्होंने अकेले ही भारत की पारी के 156.3 ओवर में से 56 ओवरों का सामना किया। 

कोहली ने उपकप्तान अजिंक्य रहाणे (59 रन) के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिये 178 रन की साझेदारी निभायी जिससे दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों का मनोबल ही कमजोर पड़ गया। इस भागीदारी को स्पिनर केशव महाराज ने रहाणे को आउट कर तोड़ा। इसके बाद मेहमानों की गेंदबाजी को और शर्मसार करते हुए उन्होंने जडेजा के साथ 39.1 ओवर में 225 रन की भागीदारी निभायी। वह कहीं भी अपनी इस उपलब्धि को पूरा करने में जल्दबाजी में नहीं दिखे और उन्होंने दक्षिण अफ्रीकी आक्रमण की अच्छी गेंदों का सम्मान भी किया। कोहली ने कैगिसो रबाडा की आफ स्टम्प पर पड़ती गेंदों से कोई छेड़खानी नहीं की। उन्होंने पहले सत्र में एक ही बार उन्होंने खराब शाट खेला जब फिलैंडर की आउट स्विंगर पर विकेटकीपर क्विंटन डिकाक डाइव लगाने के बावजूद कैच नहीं लपक सके।

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दक्षिण अफ्रीकी टीम निश्चित रूप से निराश होगी लेकिन उनके गेंदबाजों ने फिर भी अच्छा प्रदर्शन किया, भले ही स्कोरबोर्ड को देखकर ऐसा नहीं लग रहा हो। रबाडा (26 ओवर में 93 रन देकर तीन विकेट) और फिलैंडर (26 ओवर में 66 रन देकर कोई विकेट नहीं) ने लगातार दूसरे दिन विकेट की उम्मीद में अच्छी गेंदबाजी की लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली। कप्तान और उपकप्तान की पहले घंटे में बल्लेबाजी काबिलेतारीफ रही। भारतीय कप्तान की दमदार पारी के बूते टीम ने पहले दो सत्र में 200 से अधिक रन बनाये और इस दौरान सिर्फ एक विकेट गंवाया। इस विकेट के गिरने के बाद हरफनमौला जडेजा को बल्लेबाजी के लिए भेजा गया। केशव महाराज की गेंद पर डीआरएस अपील से बचे रहाणे ने अपना 20वां अर्धशतक एनरिच नोर्जे की गेंद पर पूरा किया।

महाराज ने फिर 50 ओवर फेंके और रहाणे के रूप में एकमात्र विकेट लिया और 196 रन लुटाये। लेकिन वह एक बार भी कोहली को परेशान नहीं कर पाये जिन्होंने अपनी इच्छानुसार रन जुटाये। इस दौरान कोहली ने एक और दो रन लेकर अपनी फिटनेस और स्टैमिना का सबूत दिया। महाराज के ओवर में एक्स्ट्रा कवर में लगा छक्का दर्शनीय रहा जबकि दूसरे छोर पर जडेजा अपने कप्तान से ज्यादा गेंदों का सामना कर रहे थे। दक्षिण अफ्रीका का भाग्य ने भी साथ नहीं दिया क्योंकि जब कोहली 208 रन पर बल्ला छुआकर स्लिप में कैच दे बैठे थे तो सेनुरान मुथुस्वामी की गेंद ‘नोबॉल’ रही। इसके अलावा महाराज अपना कंधा भी चोटिल करा बैठे, उन्हें मैदान से बाहर ले जाया गया और टीम प्रबंधन को उनके स्कैन का इंतजार है। 

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