भारतीय क्रिकेट पर मंडराया मैच फिक्सिंग का खतरा, महिला क्रिकेटर से किया गया संपर्क
आईसीसी ने संपर्क करने वाले व्यक्ति को चेतावनी दी और हमें इस बारे में सूचित किया तथा माना कि क्रिकेटर ने संपर्क करने की सूचना देकर सही काम किया।’’
नयी दिल्ली। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक सदस्य से इस साल के शुरू में मैच फिक्स करने के लिये कथित तौर पर संपर्क किया गया जबकि तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में कोच और अधिकारी जांच के दायरे में आ गये जिससे भारतीय क्रिकेट पर मैच फिक्सिंग का साया सोमवार को फिर से मंडराने लगा। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की एक अज्ञात सदस्य से इस साल फरवरी में इंग्लैंड के खिलाफ सीमित ओवरों की घरेलू श्रृंखला से कथित तौर पर संपर्क किया गया था जिसके बाद बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधक इकाई (एसीयू) ने दो व्यक्तियों के खिलाफ सोमवार को प्राथमिकी दर्ज की। एसीयू प्रमुख अजित सिंह शेखावत ने पीटीआई से इस घटनाक्रम की पुष्टि की। इस खिलाड़ी ने बोर्ड एसीयू को इसकी सूचना दे दी थी।
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शेखावत ने कहा, ‘‘वह भारतीय क्रिकेटर और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर है, इसलिए आईसीसी ने इस मामले में जांच की। आईसीसी ने संपर्क करने वाले व्यक्ति को चेतावनी दी और हमें इस बारे में सूचित किया तथा माना कि क्रिकेटर ने संपर्क करने की सूचना देकर सही काम किया।’’ एसीयू ने बेंगलुरू पुलिस में दो व्यक्तियों राकेश बाफना और जितेंद्र कोठारी के खिलाफ कथित तौर पर संपर्क करने के लिये प्राथमिकी दर्ज की है। इससे पहले तमिलनाडु क्रिकेट संघ द्वारा संचालित टीएनपीएल मुश्किलों में घिरता हुआ नजर आया क्योंकि कुछ प्रथम श्रेणी क्रिकेटर और कुछ कोच संदिग्ध मैच फिक्सिंग के लिए बीसीसीआई की भ्रष्टचार रोधी इकाई की जांच के दायरे में आ सकते हैं।
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शेखावत ने हालांकि किसी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के संदिग्ध होने की संभावना को खारिज कर दिया है। तमिलनाडु क्रिकेट संघ ने 2016 में टीएनपीएल की शुरुआत की थी और इसमें आठ फ्रेंचाइजी टीमें हिस्सा लेती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘कुछ खिलाड़ियों ने बताया था कि उन्हें अनजान लोगों से वट्सएप पर संदेश आ रहे हैं। हम यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि ये लोग कौन हैं। हमने खिलाड़ियों के बयान दर्ज किए हैं और हम इन संदेशों को भेजने वालों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।’’
शेखावत ने कहा, ‘‘इसमें कोई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी नहीं है... किसी भी खिलाड़ी को अगर संदेश मिले हैं तो उसे हमें इसकी जानकारी देनी होगी, यह उसकी जिम्मेदारी है।’’ तमिलनाडु क्रिकेट संघ (टीएनसीए) इस मामले की जांच के लिये समिति गठित की है। टीएनपीएल संचालन परिषद के अध्यक्ष पी एस रमन ने प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘टीएनसीए ने इस मामले की जांच और रिपोर्ट पेश करने के लिये एक समिति नियुक्त की है। टीएनसीए संबंधित टीमों, खिलाड़ियों या अधिकारियों से जुड़े आरोपों पर बयान देने में असमर्थ है।’’ अब तक किसी नाम का खुलासा नहीं हुआ है लेकिन मैच फिक्सिंग के आरोपों को टीएनपीएल की एक फ्रेंचाइजी से जोड़कर देखा जा रहा है जिसके बारे में कई लोगों का मानना है कि पिछले कुछ वर्षों में ये टीम बदनाम हुई है।
बीसीसीआई के सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘यह फ्रेंचाइजी आठ टीमों की टीएनपीएल तालिका में निचली तीन टीमों में शामिल थी। उनका स्वामित्व भी संदेहास्पद है। उन्होंने जिन खिलाड़ियों और कोचों को चुना वे भी स्तरीय नहीं हैं।’’ यह अनजान से कोच की भी भूमिका जांच के दायरे में आ सकती है। यह कोच पहले भी संदिग्ध गतिविधियों वाली फ्रेंचाइजियों से जुड़ा रहा है। बीसीसीआई सूत्र ने कहा, ‘‘किसी चीज से इनकार नहीं किया जा सकता। एक कोच का दागी आईपीएल फ्रेंचाइजी से संबंध था, बाद में उसने रणजी टीम को कोचिंग दी और एक सत्र के लिए टीएनपीएल फ्रेंचाइजी से जुड़ा था जो जांच के दायरे में है।’’
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