प्रवासी भारतीयों को राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में शामिल करना चाहते हैं कोच इगोर स्टिमक
भारतीय फुटबॉल टीम के कोच इगोर स्टिमक प्रवासी भारतीयों को राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में शामिल करना चाहते हैं।पूर्व कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने भी भारतीय टीम में ओसीआई और भारतीय मूल के खिलाड़ी (पीआईओ) को शामिल करने का विचार रखा था जिसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा जारी है।
नयी दिल्ली। पिछले कई वर्षों में भारतीय फुटबॉल टीम की सबसे बड़ी हार से निराश कोच इगोर स्टिमक ने इशारा किया कि वह प्रवासी भारतीय नागरिकों (ओसीआई) को राष्ट्रीय टीम में जगह देने के पक्ष में हैं। यूएई ने हाल ही दुबई में खेले गये मैत्री मैच में अनुभवहीन भारतीय टीम को 6-0 की करारी शिकस्त दी थी। स्टिमक ने एआईएफएफ (अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ) से कहा, ‘‘ जब हम अफगानिस्तान या बांग्लादेश जैसे देशों के खिलाफ मैच होता है तो मुझे लगता है कि हमारे पास कई विकल्प मौजूद है।’’ फीफा विश्व कप 1998 के सेमीफाइनल में पहुंचने वाली कोएशियाई टीम के सदस्य स्टिमक ने कहा, ‘‘ आपको याद दिला दूं कि अफगानिस्तान ने विदेशी नागरिक खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने की अनुमति दी है। उनके पास अब यूरोपीय लीग से आने वाले 13 खिलाड़ी हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ उनके खिलाड़ी जर्मनी, पोलैंड, फिनलैंड, नीदरलैंड और स्वीडन में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। उनके दो खिलाड़ी ऑस्ट्रेलियाई क्लबों का प्रतिनिधित्व कर रहे है। एक खिलाड़ी अमेरिका की शीर्ष लीग में खेलता है। बांग्लादेश ने ‘3 + 1’ नीति अपनायी है और उनकी लीग बेहद प्रतिस्पर्धी भी है।’’
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‘द ब्लू टाइगर्स (भारतीय फुटबॉल टीम)’ ने मई 2019 के बाद सिर्फ एक जीत (थाईलैंड के खिलाफ) दर्ज की है। टीम ने हालांकि कतर और ओमान जैसे मजबूत प्रतिद्वंद्वी को कड़ी टक्कर दी। पूर्व कोच स्टीफन कांस्टेनटाइन ने भी भारतीय टीम में ओसीआई और भारतीय मूल के खिलाड़ी (पीआईओ) को शामिल करने का विचार रखा था जिसके बाद इस मुद्दे पर चर्चा जारी है। स्टिमक ने कहा कि उन्हें ‘प्रयोग’ शब्द पसंद नहीं है। उन्होंने यूएई से पहले ओमान के खिलाफ मैत्री मैच में 10 खिलाड़ियों का पदार्पण कराया था। उन्होंने कहा, ‘‘प्रयोग तब होता है जब आप खिलाड़ी को ऐसे जगह खिलाते है जहां वह नहीं खेलता है या फिर आप ऐसी शैली अपनाते है जिसे आपने अभ्यास में नहीं अपनाया हो। मुझे प्रयोग शब्द पसंद नहीं क्योंकि हम जो कर रहे है उसके लिये यह सही नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम एक भी ऐसे खिलाड़ी को दुबई लेकर नहीं आये हैं जिसने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया था। हमें हालांकि बीमारी , चोट या खराब फार्म के चलते राहुल बेके, सेरितोन फर्नांडीज, आशीष राय, ब्रैंडन फर्नांडीज, अब्दुल साहल, उदांता सिंह और सुनील छेत्री की सेवाएं नहीं मिली।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ हमने सबको उसी स्थान पर खेलने का मौका दिया जहां वह आईएसएल में खेलते है।
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क्वालीफायर्स मुकाबले से पहले नये खिलाड़ियों को परखने का हमारे पास यही एक मौका था।’’ उन्होंने कहा कि सुधार के लिए टीम को कम प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ खेलना छोड़कर ‘मुश्किल’ और ‘चुनौतीपूर्ण’ फैसले लेने होंगे। उन्होंने कहा कि उनके आने के बाद टीम ने बेहतर नतीजे दिये है। भारतीय कोच ने कहा, ‘‘ पिछले विश्व कप क्वालीफायर्स (2018) में भारतीय टीम सात हार और एक जीत के साथ ग्रुप तालिका में आखिरी पायदान पर थी। तब टीम को शुरुआती पांच मैचों में हार का सामना करना पड़ा था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अब शुरूआती पांच मैचों के बाद हमारे नाम तीन अंक है और गोल अंतर भी बेहतर है। हम एएफसी (एशियाई फुटबॉल परिसंघ) एशियाई कप चीन 2023 के लिए क्वालीफाई करने की राह पर हैं।
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