उम्मीद है मेरे त्यागपत्र से डीडीसीए का भ्रष्टाचार उजागर होगा: रजत शर्मा

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[email protected] । Nov 17 2019 12:37PM

शर्मा पिछले साल जुलाई में डीडीसीए के अध्यक्ष बने थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विवादित संघ को पारदर्शी तरीके से चलाने की पूरी कोशिश की।

नयी दिल्ली। वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा ने शनिवार को दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) को भ्रष्टाचार को अड्डा करार देते हुए अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देने के बाद उम्मीद जतायी कि इस कदम से संघ के हितधारकों को चेतावनी मिलेगी।

शर्मा पिछले साल जुलाई में डीडीसीए के अध्यक्ष बने थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विवादित संघ को पारदर्शी तरीके से चलाने की पूरी कोशिश की। शर्मा ने कहा, ‘‘ मैं इस इस्तीफे से डीडीसीए के असली चेहरे को उजागर करना चाहता था। आज भी डीडीसीए में ऐसे लोग जुड़े हैं जिनकी दिलचस्पी अंतरराष्ट्रीय मैचों से पहले अनुबंध और निविदाओं को हासिल करने में रहती है। वे खिलाड़ियों के चयन में भी दखलअंदाजी करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसे (इस्तीफे को) खतरे की घंटी की तरह देखा जाना चाहिए ताकि उच्चतम न्यायालय, क्रिकेटरों और बीसीसीआई सहित सभी हितधारकों को पता चले कि इस तरह के निहित स्वार्थ से जुड़े लोग डीडीसीए में है। अब उन्हें (उच्चतम न्यायालय, क्रिकेटरों और बीसीसीआई) भविष्य की कार्रवाई तय करनी चाहिए।’’ इस वरिष्ठ पत्रकार ने कहा, ‘‘मैं आराम से अपने कार्यकाल के बचे हुए अगले दो साल तक पद पर बना रह सकता था। लेकिन मुझे लगा कि लोगों को इससे अवगत करना चाहिए। मैं अगर आज इस्तीफा नहीं देता तो यह सदस्यों के लिए अनुचित होता।’’ 

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शर्मा ने बयान में कहा, ‘‘यहां क्रिकेट प्रशासन हर समय खींचतान और दबावों से भरा होता है। मुझे लगता है कि यहां निहित स्वार्थ हमेशा क्रिकेट के हितों के खिलाफ सक्रिय रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि डीडीसीए में निष्ठा, ईमानदारी और पारदर्शिता के सिद्धांतों के साथ चलना संभव नहीं है जिनसे कि मैं किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करूंगा।’’ शर्मा के त्यागपत्र के कुछ घंटों बाद ही सीईओ रवि चोपड़ा ने भी इस्तीफा दे दिया। क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के दो सदस्यों सुनील वाल्सन और यशपाल शर्मा ने भी अपना पद छोड़ दिया। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अतुल वासन की अगुवाई वाली चयनसमिति और कोच केपी भास्कर रणजी ट्राफी टीम के लिये बने रहते हैं या नहीं। शर्मा पूर्व वित्त मंत्री स्वर्गीय अरुण जेटली का समर्थन मिलने पर क्रिकेट प्रशासन से जुड़े़ थे। डीडीसीए के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि जेटली के निधन के बाद शर्मा कमजोर पड़ गये थे क्योंकि पूर्व वित्त मंत्री संस्था के विभिन्न गुटों को एकजुट रखने में अहम भूमिका निभाते थे। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे अपने प्रयास में कई तरह की बाधाओं, विरोध और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा, बस मुझे निष्पक्ष और पारदर्शी तरीकों से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने से रोकना था। 

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