हरभजन को खेलने में होती थी मुश्किल, गिलक्रिस्ट ने करार दिया कठिनतम प्रतिद्वंद्वी
भारत ने 2001 की श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया के 15 मैचों के विजय अभियान पर रोक लगाई थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट दस विकेट से जीता लेकिन उसके बाद हरभजन की गेंदबाजी के दम पर भारत ने दोनों टेस्ट जीते।
मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के महान क्रिकेटर एडम गिलक्रिस्ट ने हरभजन सिंह को ‘कठिनतम प्रतिद्वंद्वी’ करार देते हुए कहा कि भारत का यह आफ स्पिनर और श्रीलंका के मुथैया मुरलीधरन उनके अंतरराष्ट्रीय कैरियर में दो सबसे कठिन गेंदबाज रहे। अपने शानदार कैरियर की उपलब्धियों और यादगार पलों को याद करते हुए गिलक्रिस्ट ने 2001 के भारत दौरे का जिक्र किया जिसमें हरभजन ने गेंदबाजी के जौहर दिखाये थे। उन्होंने क्रिकेट डाट काम डाट एयू में ‘ द अनप्लेबल पाडकास्ट’ में कहा कि हरभजन मेरे पूरे कैरियर में सबसे कठिन प्रतिद्वंद्वी रहे। मुरली और हरभजन दो ऐसे गेंदबाज रहे जिनका सामना करने में सबसे ज्यादा दिक्कत हुई।
इसे भी पढ़ें: मानसिक स्वास्थ्य पर बोले कोहली, 2014 में करना पड़ा था बुरे दौर का सामना
भारत ने 2001 की श्रृंखला में ऑस्ट्रेलिया के 15 मैचों के विजय अभियान पर रोक लगाई थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहला टेस्ट दस विकेट से जीता लेकिन उसके बाद हरभजन की गेंदबाजी के दम पर भारत ने दोनों टेस्ट जीते। गिलक्रिस्ट ने कहा कि हम पांच विकेट 99 रन गंवा चुके थे। मैं बल्लेबाजी के लिये गया और 80 गेंद में शतक जमाया। हम तीन दिन के भीतर ही जीत गए। हरभजन ने तीन मैचों में 32 विकेट लिये जिसमें दूसरे टेस्ट में कोलकाता के ईडन गार्डन पर भारत की पहली टेस्ट हैट्रिक शामिल है। गिलक्रिस्ट ने कहा कि मुझे लगा कि बहुत आसान है लेकिन मैं गलत था। अगले टेस्ट में ही हमारा सामना हकीकत से हुआ। हरभजन ने हमारे पैरों तले से जमीन खिसका दी।
अन्य न्यूज़