शाकिब अल हसन की हरकत से हैरान हबीबुल बशर, कहा- वापसी नहीं होगी आसान
बशर को उम्मीद है कि तीनों प्रारूपों में 11 हजार से अधिक रन और पांच सौ से अधिक विकेट चटकाने वाले 32 साल के शाकिब प्रतिबंध के बाद टीम में वापसी करेंगे लेकिन साथ ही कहा कि उनकी राह आसान नहीं होगी। बशर ने कहा कि यह मुश्किल होगा।
नयी दिल्ली। बांग्लादेश के पूर्व कप्तान और राष्ट्रीय चयनकर्ता हबीबुल बशर स्तब्ध हैं कि शाकिब अल हसन जैसे ‘परिपक्व’ व्यक्ति ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद को भ्रष्ट संपर्क की शिकायत नहीं की। उनका साथ ही मानना है कि इस प्रतिबंधित आलराउंडर के लिए अपना शीर्ष स्थान दोबारा हासिल करना भले ही असंभव नहीं हो लेकिन काफी मुश्किल होगा। दुनिया के नंबर एक आलराउंडर शाकिब को मंगलवार को आईसीसी ने 2018 में इंडियन प्रीमियर लीग सहित तीन मौकों पर कथित सट्टेबाज दीपक अग्रवाल के भ्रष्ट संपर्क की जानकारी नहीं देने पर दो साल के लिए प्रतिबंधित किया जिसमें एक साल का निलंबित प्रतिबंध भी शामिल है।
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बशर को उम्मीद है कि तीनों प्रारूपों में 11 हजार से अधिक रन और पांच सौ से अधिक विकेट चटकाने वाले 32 साल के शाकिब प्रतिबंध के बाद टीम में वापसी करेंगे लेकिन साथ ही कहा कि उनकी राह आसान नहीं होगी। बशर ने कहा कि यह मुश्किल होगा। शाकिब एक साल के लिए क्रिकेट से दूर हो गया है, जो उसके लिए मानसिक रूप से कड़ा होगा। एक साल के बाद, पहले वापसी करना और फिर प्रतिबंध से पहले की ऊंचाइयों को छूना आसान नहीं होगा लेकिन यह असंभव भी नहीं है। उन्होंने कहा कि क्योंकि खिलाड़ी का नाम शाकिब है, मुझे उसकी क्षमता और प्रतिभा पर भरोसा है। उसे ऐसी चोटों का सामना करना पड़ा है जिससे वह तीन से छह महीने के लिए बाहर रहा।
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बांग्लादेश के पूर्व कप्तान ने कहा कि मैंने उसे रिहैबिलिटेशन से वापसी करते हुए देखा है और इसके बाद वह काफी जल्दी लय में आ गया। वह अनुभवी खिलाड़ी है और ऐसा कोई कारण नहीं है कि वह दोबारा ऐसा नहीं कर सकता। बशर हालांकि अब तक इस झटके से नहीं उबर पाए हैं कि शाकिब ने भ्रष्ट संपर्क की जानकारी आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई को नहीं दी। शाकिब के शुरुआती कप्तानों में से एक बशर ने कहा कि यह मेरे लिए स्तब्ध करने वाला था। लेकिन मेरे लिए यह तथ्य राहत देने वाला है कि शाकिब को लंबे समय से जानने के कारण मुझे पता है कि वह कभी किसी भ्रष्ट काम में शामिल नहीं होगा। जहां तक मेरा सवाल है तो यह बड़ी राहत की बात है कि आईसीसी के उसे भ्रष्टाचार के आरोपों में सजा नहीं दी है।
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बांग्लादेश की ओर से 50 टेस्ट और 111 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले बशर ने कहा कि लेकिन हां, मैं साथ ही हैरान हूं कि शाकिब जैसे परिपक्व व्यक्ति ने इस मामले की शिकायत आईसीसी की भ्रष्टाचार रोधी इकाई से नहीं की। बशर ने स्वीकार किया कि यह बांग्लादेश क्रिकेट के लिए बड़ा झटका है लेकिन साथही देश के पास आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस पूर्व कप्तान ने कहा कि अब ध्यान तीन नवंबर से भारत के खिलाफ शुरू हो रही श्रृंखला पर होना चाहिए और देश के क्रिकेट जगत को शाकिब के निलंबन को अधिक तूल नहीं देना चाहिए। बशर ने कहा कि ऐसा नहीं है कि अतीत में हम शाकिब के बिना नहीं खेले। हम खेले हैं और उसकी गैरमौजूदगी में मैच भी जीते हैं। बेशक हमें उसकी कमी खलेगी लेकिन हमें उपलब्ध संसाधनों के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि जो खेल रहे हैं उन्हें अतिरिक्त जिम्मेदारी लेनी होगी।
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बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने टेस्ट कप्तानी के लिए 28 साल के मोमीनुल हक को प्राथमिकता दी है और बशर का मानना है कि यह सही कदम है क्योंकि पिछले दो साल से उन्हें कप्तानी के लिए निखारा जा रहा था। उन्होंने कहा कि मोमीनुल को कप्तान बनाने से पहले काफी विचार-विमर्श किया गया। निकट भविष्य में टेस्ट कप्तानी सौंपने के लिए बीसीबी उसे निखार रहा था। शाकिब, (महमूदुल्लाह) रियाद जैसे खिलाड़ी कुछ और साल खेलेंगे लेकिन जहां तक कप्तानी का सवाल है तो हमें भविष्य के विकल्पों को देखना होगा। बशर ने कहा कि मोमीनुल पिछले दो साल से बांग्लादेश ए टीम का कप्तान है और हम सभी ने देखा है कि दबाव की स्थिति में वह धैर्य बरकरार रख सकता है। वह दबाव से निपट सकता है। इसलिए जहां तक बांग्लादेश का सवाल है तो वह सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।
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