पोस्ट लॉकडाउन के बाद क्या भारतीय टीम के शिविर में धोनी की होगी एंट्री? जानिए विशेषज्ञों की राय

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धोनी पर सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि उन्हें केंद्रीय अनुबंध सूची से हटा दिया गया है लेकिन जब शिविर होगा तो इसमें अनुबंध पूल के बाहर के भी कुछ खिलाड़ी होंगे। चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने कहा कि अगर कोई टी-20 विश्व कप हो रहा है तो संभवत: धोनी को बुलाया जा सकता है।

नयी दिल्ली। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) अगले महीने अपने शीर्ष क्रिकेटरों के लिए छह सप्ताह के शिविर का आयोजन करेगा और इस पर अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी इसमें नजर आयेंगे। धोनी पर सवाल इस लिए उठ रहा है क्योंकि उन्हें केंद्रीय अनुबंध सूची से हटा दिया गया है लेकिन जब शिविर होगा तो इसमें अनुबंध पूल के बाहर के भी कुछ खिलाड़ी होंगे। चयन समिति के पूर्व अध्यक्ष एमएसके प्रसाद ने कहा कि अगर कोई टी-20 विश्व कप हो रहा है तो संभवत: धोनी को बुलाया जा सकता है।लेकिन द्विपक्षीय श्रृंखला को लेकर चयन समिति अलग तरीके से सोच सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता कि टी-20 विश्व कप हो रहा है या नहीं। अगर यह हो रहा है और आप शिविर को टूर्नामेंट पूर्व तैयारी के तौर पर देखेंगे ऐसे में धोनी को निश्चित रूप से होना चाहिए। अगर यह द्विपक्षीय श्रृंखला के लिए है तो आपके पास पहले से ही केएल राहुल, ऋषभ पंत और संजू सैमसन हैं।’’ प्रसाद ने हालांकि कहा कि धोनी की मौजूदगी से शिविर में विकेटकीपरों को काफी फायदा होगा।

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धोनी के विश्व कप जीतने वाली टीम के पूर्व साथी खिलाड़ी आशीष नेहरा को लगता है कि अगर यह विकेटकीपर-बल्लेबाज खुद खेलना चाहता हैं, तो उन्हें टीम में होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘अगर मैं राष्ट्रीय चयनकर्ता होता, तो एमएस धोनी मेरी टीम में होते लेकिन बड़ा सवाल यह है कि वह खेलना चाहते हैं या नहीं। आखिर में यह मायने रखता है कि धोनी क्या चाहते है।’’ ऑफ स्पिनर हरभजन सिंह शिविर में युवा खिलाड़ियों को देखना चाहते है। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उस शिविर में सूर्यकुमार यादव सहित युवा खिलाड़ियों को देखना चाहूंगा जिसमेंअंडर -19 टीम के लेग स्पिनर रवि बिश्नोई और यशस्वी जायसवाल भी हो। उन्हें सीनियर खिलाड़ियों के साथ बातचीत करने का मौका मिलना चाहिए।टी-20 टीम के लिए सूर्यकुमार यादव से बडा हकदार कोई नहीं है।’’ भारत के पूर्व विकेट कीपर और विश्लेषक दीप दासगुप्ता को लगता है कि चयनकर्ताओं को इस बारे में धोनी के साथ बातचीत करना चाहिए।

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उन्होंने कहा, ‘‘ शिविर सप्ताह तक चलेगा और अगर धोनी इसका हिस्सा होंगे तो दूसरे विकेटकीपरों को उनसे सीखने का मौका मिलेगा। अगर वह शिविर का हिस्सा नहीं होंगे तब भी मैं उनकी दावेदारी को खारिज नहीं करूंगा। उन्होंने अगर आईपीएल में चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करते हुए 500 रन बना दिये तो आप उन्हें नजरअंदाज नहीं कर सकते।’’ चयन मामलों के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अगर धोनी को शिविर के लिए चुना जाता है तो यह बहुत ही आश्चर्यजनक होगा। उन्होंने कहा, ‘‘वह एक साल तक नहीं खेले। आपको उनकी फिटनेस के बारे में पता नहीं है। वह केंद्रीय अनुबंध में नहीं है और पिछले साल वेस्टइंडीज के खिलाफ टी -20 के लिए भी उन्हें नहीं चुना गया था। इतने के बाद भी अगर उन्हें शिविर के लिए बुलाया जाता है, तो यह आश्चर्यजनक होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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