राष्ट्रमंडल खेलों के उद्घाटन समारोह में भारत के ध्वजवाहक बनने का मौका गंवाने से निराश है नीरज चोपड़ा

Chopra
ANI

ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा राष्ट्रमडल खेलों में ध्वजवाहक बनने का मौका गंवाने से निराश हैं।यह 24 वर्षीय सुपरस्टार बर्मिंघम में अपने खिताब का बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार था, लेकिन एमआरआई स्कैन में मामूली चोट का पता चलने के बाद उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों से नाम वापस ले लिया था।

नयी दिल्ली। ओलंपिक चैम्पियन नीरज चोपड़ा ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों के गुरुवार को होने वाले उद्घाटन समारोह में ध्वजवाहक के तौर पर देश का नेतृत्व करने का मौका गंवाने पर निराशा व्यक्त की है। भाला फेंक का यह एथलीट हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने के अभियान के दौरान चोटिल हो गया था। यह 24 वर्षीय सुपरस्टार बर्मिंघम में अपने खिताब का बचाव करने के लिए पूरी तरह तैयार था, लेकिन एमआरआई स्कैन में मामूली चोट का पता चलने के बाद उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों से नाम वापस ले लिया था। चोपड़ा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर कहा, ‘‘ मुझे इस बात का अफसोस है कि मैं बर्मिंघम में देश का प्रतिनिधित्व नहीं कर पाऊंगा। मुझे विशेषकर उद्घाटन समारोह में भारतीय टीम का ध्वजवाहक बनने का मौका गंवाने से निराशा है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘ फिलहाल मेरा पूरा ध्यान अपने रिहैबिलिटेशन पर होगाऔर मैं जल्द से जल्द दोबारा मैदान पर आने की कोशिश करूंगा।’’ चोपड़ा के बाहर होने से एथलेटिक्स में भारत की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। पिछली बार के चैंपियन चोपड़ा को पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था। चोपड़ा ने कहा, ‘‘ मुझे विश्व चैंपियनशिप के चौथे थ्रो के दौरान आए खिंचाव की वजह से कुछ तकलीफ महसूस हो रही थी और कल यहां अमेरिका में इसकी जांच करने पर एक मामूली चोट के बारे में पता लगा, जिसके लिए मुझे कुछ सप्ताह तक रिहैबिलिटेशन की सलाह दी गई है।’’ इस स्टार खिलाड़ी ने देशवासियों से अन्य भारतीय प्रतिभागियों का समर्थन करने की अपील की। चोपड़ा ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में सभी देशवासियों से जितना प्यार और सम्मान मिला है उसके लिए मैं आप सभी का शुक्रिया करना चाहता हूं। आशा करता हूं कि आप सभी इसी प्रकार मेरे साथ जुड़कर हमारे देश के सभी खिलाड़ियों का राष्ट्रमंडल खेलों में समर्थन करते रहेंगे। जय हिंद।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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