Chai Par Sameeksha: Rahul Gandhi को मिली अदालती राहत क्या बढ़ा पायेगी PM Modi और BJP के लिए आफत
नीरज दुबे ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो जाने के बाद एक टक्कर देखने को मिलेगी। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे तो वहीं दूसरी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी रहेंगे। हालांकि, नीरज दुबे ने इस बात को स्वीकार किया कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी का कद बढ़ा है।
प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने इस सप्ताह भी देश की राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान हमारे साथ प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे मौजूद रहे। हमने सबसे पहले राहुल गांधी के मुद्दे पर भी चर्चा की। नीरज कुमार दुबे ने कहा कि जो राहुल गांधी को राहत मिली है, उसके बाद कांग्रेस का जश्न मनाना स्वाभाविक है। हालांकि, राहुल गांधी और कांग्रेस को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि अदालत में टिप्पणी भी की है और उसे गंभीरता से लेनी चाहिए। इसके साथ ही नीरज दुबे ने कहा कि अच्छी बात है कि राहुल गांधी की सदस्यता बहाल होगी। यह ऐसे समय में बहाल हो रही है जब विपक्ष द्वारा मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। इससे संसद में कांग्रेस नेताओं का हौसला बढ़ेगा। हालांकि, यह बात भी सच है कि भले ही कांग्रेस दल के नेता अधीर रंजन चौधरी हैं, लेकिन सारा काम राहुल गांधी के ही इशारे पर होता रहा है।
राहुल गांधी अब पहले से ज्यादा परिपक्व
नीरज दुबे ने कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो जाने के बाद एक टक्कर देखने को मिलेगी। जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रहेंगे तो वहीं दूसरी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी रहेंगे। हालांकि, नीरज दुबे ने इस बात को स्वीकार किया कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल गांधी का कद बढ़ा है। राहुल गांधी अब पहले से ज्यादा परिपक्व में नजर आने लगे हैं। वह यह भी संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वह विपक्षी दलों को नेतृत्व दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अब सरकार को कई मुद्दो पर फंसा भी ले रहे हैं। जैसा हमने मणिपुर या अडाणी मुद्दे पर देखा है। राहुल गांधी नई ऊर्जा के साथ लौटे हैं। यह बात सच है कि जनता को उनसे उम्मीद भी है वह एक अच्छी विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। अगर राहुल गांधी यह करने में सफल रहते हैं तो इसमें कोई दो राय नहीं है कि आने वाले दिनों में वह विपक्षी गठबंधन से इंडिया का नाम दिया गया है, उसका नेतृत्व कर सकते हैं।
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राहुल ने बिल फाड़ा था
नीरज दुबे ने यह भी कहा कि संविधान में जो राहत के लिए कानूनी प्रावधान है, उसका सबसे ज्यादा उपयोग गांधी परिवार ही कर रहा है। जिस तरीके से अलग-अलग मामलों में गांधी परिवार के कई सदस्य बेल पर हैं। इसके अलावा राहुल गांधी की तो एक मामले में दोषी हो चुके हैं। भले ही उनके खिलाफ सजा पर रोक लगी है। नीरज दुबे ने कहा कि राहुल गांधी साफ तौर पर कह चुके हैं कि वह माफी नहीं मांगेंगे। अच्छी बात है। अगर माफी नहीं मांगना चाहते हैं तो ना मांगे। लेकिन उन्हें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि राहुल ने एक बिल फाड़ था। वह भी सार्वजनिक रूप से। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया होता तो आज राहुल गांधी को इतनी मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता। नीरज दुबे ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र का इतिहास बहुत पुराना रहा है। भारत में इस तरीके का वातावरण कभी देखने को नहीं मिला। सत्ता पक्ष और विपक्ष पहले भी रहे हैं। लेकिन इस तरीके का माहौल नहीं था। हाल के दिनों में देखे तो प्रधानमंत्री के खिलाफ एक नकारात्मक अभियान चलाया जा रहा है जिसका नेतृत्व खुद कांग्रेस कर रही है।
नकारात्मक अभियान
हमने नीरज दुबे से नेगेटिव कैंपेन को लेकर भी सवाल पूछा। हमने पूछा कि क्या डराने की भी कोशिश हो रही विपक्षी दलों की ओर से? नीरज दुबे ने कहा कि जिस तरीके से मोदी सरकार चल रही है, उसमें नेशन फर्स्ट की पॉलिसी साफ तौर पर दिखाई दे रही है। इससे हमारे यहां बैठे विपक्षी दलों के साथ-साथ विदेश के कुछ लोगों को भी दिक्कत हो रही है। सब इकट्ठे होकर अपने अपने स्तर पर प्रयास कर रहे हैं। कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं कि भारत के सत्ता में अस्थिरता आए। जिस तरीके से बिचौलिए घूमा करते थे, वह माहौल एक बार फिर से आए। गठबंधन सरकारों का जो युग था उसमें देश फिर से ना चला जाए, यह देखना होगा। यह देशवासियों को सोचना होगा। हम देख रहे हैं कि किस तरीके से बहुमत वाली सरकार बड़े-बड़े फैसले कर रही है। लेकिन गठबंधन वाली सरकार इस तरह की साहस नहीं कर सकती है। वहां रूठने मनाने का खेल चलता रहता है।
फैमिली फर्स्ट
विपक्षी गठबंधन पर बात करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि इनमें से किसी के पास राष्ट्रहित का एजेंडा नहीं है, यहां सब फैमिली फर्स्ट के एजेंडे पर चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश को कभी आगे नहीं बढ़ाएंगे। फिलहाल यह जिन राज्यों में हैं, उन राज्यों की क्या स्थिति हम सब देख रहे हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की क्या स्थिति है, यह पूरा देश देख रहा है। ममता बनर्जी के नेतृत्व में बंगाल कहां जा रहा है, यह भी हम सब देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन में मतभेद की शुरुआत हो चुकी है। कर्नाटक के मंत्री दिल्ली आए। पहले उन्होंने दिल्ली के मोहल्ला क्लीनिक की तारीफ की। बाद में उसे से पलट गए। इसके बाद आप और कांग्रेस में राजनीति शुरू हो गई। राहुल गांधी की सदस्यता बहाल हो जाने के बाद से नीतीश कुमार और ममता बनर्जी जैसे नेता जो प्रधानमंत्री पद के लिए महत्वकांक्षी अंदर पाल कर रखे हुए हैं, उनको झटका लगा होगा। भले ही उनकी ओर से कुछ कहा ना जाए। लेकिन कहीं ना कहीं राहुल गांधी आने से कांग्रेस का हौसला बुलंद हुआ है और कांग्रेस एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद पर अपनी दावेदारी ठोक लेगी।
- अंकित सिंह
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