सिर्फ नकारात्मक नहीं, सकारात्मक भी देखिए, बिना रुके झुके बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा भारत
जब 370 हटा तो भी कुछ लोगों ने विरोध किया, जब सीएए कानून आया तो भी विरोध किया गया और जब किसान आंदोलन हुआ तो भी लगातार विरोध करने की कोशिश की गई। यह वही लोग हैं जो भारत की तरक्की नहीं देखना चाहते हैं और उसे बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं।
हाल में ही विभिन्न त्योहारों के मौके पर देश के अलग-अलग हिस्सों में निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हिंसा की खबरें आई। हिंसा की वजह से दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति भी पैदा हुई। हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ कार्यवाई भी की गई। लेकिन इसके बाद से देश में विपक्ष की ओर से एक अजीबोगरीब माहौल बनाने की लगातार कोशिश की जा रही है। विपक्ष का दावा है कि वर्तमान में सिर्फ एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। उन्हें डराया जा रहा है। धमकाया जा रहा है। जबकि सत्तारूढ़ दल का दावा है कि सरकार बिना किसी भेदभाव के सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के नारे के साथ आगे बढ़ रही है। हमने प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इसी विषय पर चर्चा की। हालांकि संपादक नीरज दुबे ने कहा कि नकारात्मकता ढूंढने की बजाय सकारात्मकता को देखें तो हमारा देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है। तरक्की कर रहा है। नीरज दुबे ने कहा कि अभी हम देख रहे हैं कि दो समुदायों के बीच तनाव की खबरें आई हैं लेकिन यह अभी ही नहीं हो रहा है। यह काफी पहले से कुछ लोगों के द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है तब से कुछ लोग भारत को बदनाम करने की लगातार साजिश कर रहे हैं और उसी का एक हिस्सा यह भी है।
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नीरज दुबे ने कहा कि आप उदाहरण के लिए देख सकते हैं कि जब 370 हटा तो भी कुछ लोगों ने विरोध किया, जब सीएए कानून आया तो भी विरोध किया गया और जब किसान आंदोलन हुआ तो भी लगातार विरोध करने की कोशिश की गई। यह वही लोग हैं जो भारत की तरक्की नहीं देखना चाहते हैं और उसे बदनाम करने की साजिश कर रहे हैं। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि यह एक इंटरनेशनल साजिश है, भारत को बदनाम करने के लिए, भारत की प्रगति को रोकने के लिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जो भी टूलकिट बनाई गई है, उसके मुताबिक नईजनई चीजें सामने आती रहती हैं। इसके बाद नीरज दुबे ने कहा कि भले ही कुछ लोगों की ओर से भारत की प्रगति रोकने की साजिश की जा रही है लेकिन भारत की प्रगति अब किसी भी सूरत में रुकने वाली नहीं है। भारत निरंतर ही आगे बढ़ता जाएगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के समय में भी हम कितनी मजबूती से खड़े रहें, डटे रहें, यह पूरे दुनिया ने देखा है। हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था निरंतर चलती रही, यह भी सब ने देखा है।
नीरज दुबे ने दावा किया कि भले ही लॉकडाउन की वजह से कई दिक्कतें सामने आई, बावजूद इसके अब भारत तरक्की कर रहा है। हाल में ही आईएमएफ ने भारत की आर्थिक विकास को 8% से ऊपर रखा है जो कि विश्व में सबसे ज्यादा है। यह कहीं ना कहीं भारत के लिए सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि इतनी नकारात्मक का प्रचार के बावजूद भी भारत आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढ़ रहा है और उसमें हर भारतीय अपना योगदान दे रहा है। इस नकारात्मक माहौल में भी भारत कितना पॉजिटिव रूप से आगे बढ़ रहा है, वह भी जानने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत के रक्षा के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्तमान में स्थिति ऐसी है कि हम 70% खरीदारी घरेलू कंपनी से कर रहे हैं जो कि हमारे देश के लिए बहुत ही बेहतर संकेत है। इससे रोजगार के साथ-साथ अर्थव्यवस्था भी मजबूत हो रही है। दूसरे देशों की कंपनियां यहां निवेश कर रही हैं। उन्होंने कहा कि एक समय ऐसा था कि भारत सबसे बड़ा आयातक था, लेकिन अगर हमारी गति ऐसी ही बनी रही, तो हम एक दिन बड़ा निर्यातक भी बन सकते हैं।
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नीरज दुबे ने कहा कि भारत ने आयुर्वेद के क्षेत्र में कितनी तरक्की की है, इसका उदाहरण यही है कि इसका केंद्र गुजरात में बना है। इस अवसर पर एक बड़ा कार्यक्रम भी आयोजित किया गया जिसमें कई देशों के राष्ट्राध्यक्ष प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़ें। उन्होंने कहा कि भारत ने आयुर्वेद को लेकर एक मानक तय किया है। इसकी वजह से आयुर्वेद की अपनी अलग पहचान बनेगी और आयुर्वेद की ताकत अब पूरे विश्व को दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि फार्मा के क्षेत्र में भी भारत एक बड़ी ताकत है। हमने वैक्सीन बना कर दिखा दी पूरी दुनिया को। हमने कितने देशों को मुफ्त में वैक्सीन दी है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के क्षेत्र में हम दुनिया मे किंग है और इसे अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल गई है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में वर्तमान समय में भारत की शक्ति की गूंज हो रही है। लेकिन जो लोग हिंदू-मुस्लिम, धर्म-जाति की राजनीति करते हैं, उन्हें यह सब दिखाई तो नहीं दे सकता। उन्होंने कहा कि सरकार विरोधी नारे लगाकर कुछ नहीं होता है, भारत फिलहाल बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है।
बिहार की राजनीति
बिहार की राजनीति में हलचल को लेकर नीरज दुबे ने कहा कि जो सुशासन बाबू है यानी कि नीतीश कुमार वह राजनीतिक रूप से मंझे हुए व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि कब कैसे उन्हें अपना मतलब निकालना है, अपनी कुर्सी कैसे बचाई रखनी है, यह नीतीश कुमार को बेहतर तरीके से आता है और वह हमेशा एक विकल्प खुला रखते हैं। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि नीतीश कुमार की राजनीति ऐसी ही रही है कि जिसकी उंगली पकड़कर वह आगे बढ़ते हैं, उसे किनारे करने में भी वो पीछे नहीं हटते। हालांकि नीरज दुबे ने इस बात को भी स्वीकार किया कि इसमें कोई दो राय नहीं है कि नीतीश कुमार की छवि अच्छी है और उन्होंने बिहार को एक नई दिशा और अलग दिशा जरूर दी है। लेकिन वर्तमान समय में यह काफी नहीं है। उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे राज्य आजकल इन्वेस्टर्स समिट करा रहे हैं, लेकिन बिहार में यह सब कभी दिखाई नहीं देता है। नीरज दुबे ने कहा कि 17 वर्षों तक शासन में रहने के बावजूद भी आज नीतीश कुमार कहते हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दो, तो इसका मतलब साफ है कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए कुछ भी नहीं किया है।
- अंकित सिंह
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